जोधपुर. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले के मामले में घिरे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. जस्टिस प्रवीर भटनागर ने याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए खुद को इससे अलग कर लिया. वहीं, अब दूसरी बेंच में सुनवाई के लिए यह याचिका वापस सूचीबद्ध होगी. याचिका में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले की जांच अनियमित जमा पर प्रतिबंध योजना अधिनियम 2019 के तहत सुनवाई की जानी है.
प्रतिबंध योजना अधिनियम 2019 के तहत बताया गया है कि सोसाइटी का स्टेटस मल्टीस्टेट है ऐसे में अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, जांच सीबीआई को भेजी जानी चाहिए. इस पर आज सुनवाई होनी थी. हालांकि, जज के इनकार करने से सुनवाई नहीं हो सकी. बता दें कि शेखावत की तरफ से बीते महीने याचिका लगाई गई थी, जिसे जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे सुनने से मना कर दिया था. जिसके बाद जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में सूचीबद्ध हुई, लेकिन आज उन्होंने भी सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया.
पढ़ें : जयपुर बम ब्लास्ट मामला : भाजपा का प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर आज है धरना
2019 से जांच, 900 करोड़ का घोटाला : राजस्थान में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर करीब 900 करोड़ का घोटाला करने का आरोप है. इसको लेकर अगस्त 2019 में एसओजी ने केस दर्ज किया था. इस केस में जांच के बाद संचालक मंडल के लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. सोसाइटी के मुखिया विक्रम सिंह इंद्रोई समेत कई लोग अभी जेल में बंद हैं. हाल ही में संजीवनी क्रेडिट घोटाले में केंद्रीय मंत्री के करीबी सीए और डाकलिया परिवार के कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. इन गिरफ्तारियों के बाद एसओजी ने अपनी दूसरी चार्जशीट पेश की थी.