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60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय Lokesh Ahirwar की मौत, कलेक्टर बोले- नहीं बचा सके

विदिशा जिले के एक गांव में 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 7 साल के लोकेश को बचाने की मुहिम सफल होते हुए भी असफल हो गई, दरअसल बोरवेल में 43 फीट की गहराई में फंसे मासूम तक पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम ने पूरी मेहनत की, लेकिन जब बच्चा बाहर आया तो उसकी मौत हो चुकी थी. बच्चे के परिजन के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 4 लाख रुपए मुआवजा राशि देने की घोषणा की है.

MP Vidisha Campaign save innocent Lokesh
बोरवेल में गिरे मासूम लोकेश को बचाने की मुहिम जारी
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Published : Mar 15, 2023, 8:55 AM IST

Updated : Mar 15, 2023, 2:06 PM IST

जिंदगी की जंग हारा मासूम लोकेश

Vidisha Borewell Rescue Update: विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में 7 साल के लोकेश को बचाने की सारी कोशिशें असफल हो गई हैं. दरअसल पूरे 24 घंटे तक 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसे रहने के कारण बच्चे की मौत हो गई, कलेक्टर ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि लोकेश को नहीं बचाया जा सका. बता दें कि 43 फीट की गहराई में बोरवेल में फंसे लोकेश को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही विदिशा व भोपाल के प्रशासनिक व पुलिस टीमें जुटी हुईं थीं, बच्चे को बोरवेल से निकालकर सीधा अस्पताल के लिए रवाना किया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.

  • दुःख की इस विकट घड़ी में सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। हमने तय किया है कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी।

    दोषियों पर उचित कार्रवाई भी करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लोकेश को ले जाया गया अस्पताल: 60 फीट गहरे बोरवेल से निकाल कर फिलहाल मासूम को अस्पताल भेजा गया है, लेकिन तब तक बच्चा जिंदगी की जंग हार चुका था. बता दें कि बच्चे के बाहर आने के पहले ही डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस पूरी तरह से बच्चे को लटेरी की सीएससी हॉस्पिटल में ले जाने के लिए तैयार थी, इसके बाद जैसे ही मासूम बाहर आया बिना किसी देरी के उसे अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद अस्पताल से बाहर से निकलकर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बयान दिया कि, "हम लोकेश को नहीं बचा सके, हमने पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चा जिंदगी की जंग हार गया. सीएम शिवराज ने भी इस मामले में दुख जताया है और उनके निर्देश है कि बच्चे के परिजनों कों 4 लाख की सहायता दी जाए और बोरवेल खुला रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इसलिए आज से 7 दिन के अंदर जिले के सभी खुले बोरवेल बंद कराए जाएंगे."

सीएम शिवराज ने 4 लाख के मुआवजे का ऐलान किया: बच्चे की मौत पर दुख जताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी संवेदना व्यक्त की है. उन्होने कहा कि यह बेहद दुखद खबर है. मृतक के परिजन के लिए बच्चे जान की क्षतिपूर्ति तो नहीं हो सकती लेकिन सहायता के रुप में सरकार 4 लाख रुपए मुआवजा देगी.

24 घंटे से चल रहा रेस्क्यू : बता दें कि विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में मंगलवार को 7 साल का लोकेश अहिरवार खेलते समय बोरवेल में गिर गया था, वह सुबह करीब 11 बजे अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए घर से निकला था. इसी दौरान बंदरों के पीछे दौड़ते हुए वह खुले बोरवेल में गिरा गया था. सूचना मिलते ही उसके पिता दिनेश अहिरवार अन्य ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उसको निकालने के प्रयास शुरू किए. जब देखा कि लोकेश बोरवेल में गहरे तक फंस गया है तो स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी.

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रेस्क्यू पर सीएम की नजर : सूचना मिलते ही कलेक्टर समेत बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की देखरेख में खेरखेरी गांव में 3 पोकलेन से गड्ढे की खुदाई शुरू हुई. इधर, भोपाल से NDRF की टीम भी खेरखेरी गांव पहुंची, इसके बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मंगलवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया. इसके बाद आज यानि बुधवार तड़के तक पोकलेन मशीन से खुदाई का पूरा कर लिया गया था, बाद में NDRF की टीम ने बोरवेल के समीप सुरंग बनाने का कार्य शुरू किया और आखिरकार बच्चे को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन जैसे ही उसे अस्पताल पहुंचाया गया डॉक्टरों ने उसे मृत घोशित कर दिया.

जिंदगी की जंग हारा मासूम लोकेश

Vidisha Borewell Rescue Update: विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में 7 साल के लोकेश को बचाने की सारी कोशिशें असफल हो गई हैं. दरअसल पूरे 24 घंटे तक 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसे रहने के कारण बच्चे की मौत हो गई, कलेक्टर ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि लोकेश को नहीं बचाया जा सका. बता दें कि 43 फीट की गहराई में बोरवेल में फंसे लोकेश को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही विदिशा व भोपाल के प्रशासनिक व पुलिस टीमें जुटी हुईं थीं, बच्चे को बोरवेल से निकालकर सीधा अस्पताल के लिए रवाना किया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.

  • दुःख की इस विकट घड़ी में सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। हमने तय किया है कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी।

    दोषियों पर उचित कार्रवाई भी करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लोकेश को ले जाया गया अस्पताल: 60 फीट गहरे बोरवेल से निकाल कर फिलहाल मासूम को अस्पताल भेजा गया है, लेकिन तब तक बच्चा जिंदगी की जंग हार चुका था. बता दें कि बच्चे के बाहर आने के पहले ही डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस पूरी तरह से बच्चे को लटेरी की सीएससी हॉस्पिटल में ले जाने के लिए तैयार थी, इसके बाद जैसे ही मासूम बाहर आया बिना किसी देरी के उसे अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद अस्पताल से बाहर से निकलकर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बयान दिया कि, "हम लोकेश को नहीं बचा सके, हमने पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चा जिंदगी की जंग हार गया. सीएम शिवराज ने भी इस मामले में दुख जताया है और उनके निर्देश है कि बच्चे के परिजनों कों 4 लाख की सहायता दी जाए और बोरवेल खुला रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इसलिए आज से 7 दिन के अंदर जिले के सभी खुले बोरवेल बंद कराए जाएंगे."

सीएम शिवराज ने 4 लाख के मुआवजे का ऐलान किया: बच्चे की मौत पर दुख जताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी संवेदना व्यक्त की है. उन्होने कहा कि यह बेहद दुखद खबर है. मृतक के परिजन के लिए बच्चे जान की क्षतिपूर्ति तो नहीं हो सकती लेकिन सहायता के रुप में सरकार 4 लाख रुपए मुआवजा देगी.

24 घंटे से चल रहा रेस्क्यू : बता दें कि विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में मंगलवार को 7 साल का लोकेश अहिरवार खेलते समय बोरवेल में गिर गया था, वह सुबह करीब 11 बजे अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए घर से निकला था. इसी दौरान बंदरों के पीछे दौड़ते हुए वह खुले बोरवेल में गिरा गया था. सूचना मिलते ही उसके पिता दिनेश अहिरवार अन्य ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उसको निकालने के प्रयास शुरू किए. जब देखा कि लोकेश बोरवेल में गहरे तक फंस गया है तो स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी.

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रेस्क्यू पर सीएम की नजर : सूचना मिलते ही कलेक्टर समेत बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की देखरेख में खेरखेरी गांव में 3 पोकलेन से गड्ढे की खुदाई शुरू हुई. इधर, भोपाल से NDRF की टीम भी खेरखेरी गांव पहुंची, इसके बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मंगलवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया. इसके बाद आज यानि बुधवार तड़के तक पोकलेन मशीन से खुदाई का पूरा कर लिया गया था, बाद में NDRF की टीम ने बोरवेल के समीप सुरंग बनाने का कार्य शुरू किया और आखिरकार बच्चे को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन जैसे ही उसे अस्पताल पहुंचाया गया डॉक्टरों ने उसे मृत घोशित कर दिया.

Last Updated : Mar 15, 2023, 2:06 PM IST
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