शहडोल। बिपिन रावत (Bipin Rawat and madhulika marriage) और मधुलिका रावत की शादी 1985 में हुई थी. उनकी शादी राज पुरोहित सुनील द्विवेदी ने कराई थी. ईटीवी भारत ने पंडित सुनील द्विवेदी से बात की और जाना कि उस समय उनकी शादी में किस तरह का माहौल था. कैसे उनकी शादी हुई थी, और उनका व्यवहार कैसा था.
पहली बार भटिंडा में हुई मुलाकात, वहीं कराया तिलक
बिपिन रावत और मधुलिका रावत की शादी कराने वाले पुरोहित सुनील द्विवेदी बताते हैं कि शादी के समय बिपिन रावत (Bipin Rawat chopper crash) कैप्टन के पद पर पदस्थ थे. उनके पिताजी लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदस्थ थे. उनकी पोस्टिंग उस समय भटिंडा में थी और मैं उनकी शादी का पुरोहित था. हम लोग राजपुरोहित खानदान के हैं, तो मधुलिका के पिता मृगेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ज्योति प्रभा, बच्चे हर्षवर्धन और यशवर्धन सिंह और तमाम उनके रिश्तेदारों के साथ हम लोग भटिंडा गए. वहां तिलक का कार्यक्रम हुआ.
तिलक के बाद दिल्ली में हुई शादी
पंडित सुनील द्विवेदी ने बताया कि तिलकोत्सव की सारी प्रक्रिया संपन्न कराने के बाद लक्ष्मण सिंह रावत और बिपिन रावत (Bipin Rawat Cremation) से मुझे वहां बात करने का मौका मिला. वह बहुत ही नेक इंसान थे. बिपिन रावत बहुत ही मेहनत करने वाले बड़े योग्य और कुशाग्र बुद्धि के थे. अपनी ट्रेनिंग में वह हमाशे अव्वल आते थे. भटिंडा में तिलक होने के बाद उनकी शादी दिल्ली में हुई थी. शादी के लिए मैं, मृगेंद्र सिंह और उनके परिवार रिश्तेदारों के साथ दिल्ली गया था. इसके बाद मैंने दिल्ली में अशोका रोड नंबर-25 बांग्ला में दोनों की शादी कराई थी.
जनवरी में सैनिक स्कूल के उद्घाटन के लिए एमपी के दौरे पर जाने वाले थे जनरल बिपिन रावत
बिपिन रावत से प्रेरणा लेकर बेटी ने ज्वॉइन की आर्मी
पंडित सुनील द्विवेदी बताते हैं कि सीडीएस बिपिन रावत (cds general bipin rawat demise) हमारे राजा साहब के दामाद थे. उन्होंने बताया कि मेरी बेटी ने उन्हीं से प्रभावित होकर आर्मी ज्वाइन की है. पंडित सुनील द्विवेदी बताते हैं कि हमारे ग्रैंडफादर राजा साहब के यहां के राजपुरोहित थे. हम पुरोहित खानदान के हैं. हम ही उनके यहां के सभी काम कराते हैं.