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कांग्रेस विधायक के गृह क्षेत्र में नहीं पीने का पानी, ग्रामीण तय करते हैं 2 किमी का सफर

सिवनी जिले में खनादौन विधानसभा की ग्राम पंचायत और कांग्रेस विधायक के गृह ग्राम घूरवाड़ा में लोग पीने का पानी नहीं मिलने से परेशान हैं.

panchayat office, lakhnadaun
पंचायत ऑफिस लखनादौन
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Published : Sep 22, 2020, 7:41 AM IST

सिवनी। लखनादौन विधानसभा से कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह की छवि काफी स्वच्छ है, भले ही वे मिलनसार हैं लेकिन अपने ही गांव के लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं, जिसके कारण उन्हें कभी-कभी ग्राम वासियों से दो चार होना पड़ता है.

सिवनी जिला भारी बारिश के चलते बाढ़ और अतिवृष्टि से परेशान रहा है, वहीं दूसरी ओर लखनादौन विधानसभा की ग्राम पंचायत और कांग्रेस विधायक के गृह ग्राम घूरवाड़ा में लोग पेयजल नहीं मिलने से परेशान हैं. न यहां नलजल योजना संचालित है और न ही कोई टैंकर की व्यवस्था है.

जानकारी के मुताबिक मजबूरी में गांव से दो किमी दूर लगे हैंडपंप से पानी ढोने को मजबूर हैं और ऐसे में बच्चे-बूढ़े सभी सुबह से शाम तक पीने के पानी की जद्दोजहद में लग जाते हैं. विधायक को अपने गांव के ग्रामीणों की चिंता ही नहीं है, अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब भारी बरसात में पीने के पानी के लिए गांव से दो किमी दूर जाना पड़ता है तो गर्मी और ठंडी के दिनों में ग्रामीण कितने परेशान हो जाते होंगे.

योगेंद्र सिंह ने अपने गृह ग्राम में विकास कार्य के नाम पर 2017 में 12 लाख की लागत से बच्चों के खेलने के लिए गार्डन का निर्माण कराया गया है. लेकिन उसमें भी ना तो झूलों का पता है और न ही कुर्सियों का. अब सवाल ये उठता है कि आखिर विधायक को अपने ही गांव की चिंता क्यों नहीं है. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि इस खबर के बाद विधायक को अपने ग्रामवासियों का मर्म दिखाई देगा या नहीं ग्रामीणों की परेशानी जारी रहेगी.

सिवनी। लखनादौन विधानसभा से कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह की छवि काफी स्वच्छ है, भले ही वे मिलनसार हैं लेकिन अपने ही गांव के लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं, जिसके कारण उन्हें कभी-कभी ग्राम वासियों से दो चार होना पड़ता है.

सिवनी जिला भारी बारिश के चलते बाढ़ और अतिवृष्टि से परेशान रहा है, वहीं दूसरी ओर लखनादौन विधानसभा की ग्राम पंचायत और कांग्रेस विधायक के गृह ग्राम घूरवाड़ा में लोग पेयजल नहीं मिलने से परेशान हैं. न यहां नलजल योजना संचालित है और न ही कोई टैंकर की व्यवस्था है.

जानकारी के मुताबिक मजबूरी में गांव से दो किमी दूर लगे हैंडपंप से पानी ढोने को मजबूर हैं और ऐसे में बच्चे-बूढ़े सभी सुबह से शाम तक पीने के पानी की जद्दोजहद में लग जाते हैं. विधायक को अपने गांव के ग्रामीणों की चिंता ही नहीं है, अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब भारी बरसात में पीने के पानी के लिए गांव से दो किमी दूर जाना पड़ता है तो गर्मी और ठंडी के दिनों में ग्रामीण कितने परेशान हो जाते होंगे.

योगेंद्र सिंह ने अपने गृह ग्राम में विकास कार्य के नाम पर 2017 में 12 लाख की लागत से बच्चों के खेलने के लिए गार्डन का निर्माण कराया गया है. लेकिन उसमें भी ना तो झूलों का पता है और न ही कुर्सियों का. अब सवाल ये उठता है कि आखिर विधायक को अपने ही गांव की चिंता क्यों नहीं है. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि इस खबर के बाद विधायक को अपने ग्रामवासियों का मर्म दिखाई देगा या नहीं ग्रामीणों की परेशानी जारी रहेगी.

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