सतना। मध्य प्रदेश के सतना एवं मैहर जिले में लगातार सीएम शिवराज का एक माह के अंदर तीसरा दौरा हो रहा है. मैहर जिले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दौरा है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सतना जिले का दौरा दूसरी बार 5 नवंबर को संभावित है. विंध्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रीवा, शहडोल संभाग की करीब 30 सीटों पर वर्ष 2018 के चुनाव में बीजेपी की 24 सीटें जीती थीं. लेकिन उसके बावजूद भाजपा अपनी सरकार नहीं बन पाई थी. कांग्रेस की सरकार आते ही बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई थीं. हालांकि 15 महीने के कमलनाथ सरकार को गिराकर बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली थी. Vindhya big challenge for bjp
विंध्य की हर सीट पर पैनी नजर : अब 2023 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र की हर सीट पर बीजेपी की पैनी नजर है. डैमेज कंट्रोल करने में बीजेपी के दिग्गज नेता जुटे हुए हैं. मध्य प्रदेश में करीब 7 सांसदों को बीजेपी ने मैदान पर उतार दिया है. सतना सांसद गणेश सिंह विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशी बनाए गए हैं. गणेश सिंह को बीजेपी ने अपना स्टार प्रचारक भी बनाया है, लेकिन उसके बावजूद इतने बड़े दिग्गज के लिए प्रदेश के मुखिया और प्रधानमंत्री उनके समर्थन में वोट जुटाने के लिए सतना दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में साफतौर से दिखाई दे रहा है कि किस तरीके से भारतीय जनता पार्टी को विंध्य क्षेत्र में भय सता रहा है. Vindhya big challenge for bjp
बड़े नेताओं के होंगे रोड शो : इस बारे में सतना जिले के वरिष्ठ पत्रकार अशोक शुक्ला से जब ईटीवी भारत में बात की तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव को बड़ी गंभीरता से लेती है. विंध्य क्षेत्र में 2018 का चुनाव परिणाम में 30 में से 24 सीटे बीजेपी के खाते में थीं. इसके बाद एक उपचुनाव में हुआ. रैगांव विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था. इस बार भारतीय जनता पार्टी से कहीं चूक ना हो जाए, जिसके चलते उन्होंने बड़े चेहरे पूरे प्रदेश में उम्मीदवार घोषित किए हैं. इसको ध्यान में रखते हुए बड़े नेताओं के दौर भी हो रहे हैं, और 2 नवंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री मैहर जिले में आ रहे हैं.शिवराज सिंह चौहान सतना जिले की दो विधानसभा क्षेत्र रैगांव एवं सतना में दौरे पर रहेंगे, साथ ही रोड शो भी करेंगे. Vindhya big challenge for bjp
सीएम शिवराज की क्या स्थिति : अशोक शुक्ला का कहना है कि सीएम बदले जाएंगे या नहीं लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कोई फेस सामने नहीं रखा है. उनका कहना है कि वह कमल के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ रही है. जहां तक सीएम शिवराज की बात करें तो उनके पास एक बड़ी जिम्मेदारी है कि वर्ष 2018 में कम सीटों की वजह से उनकी सरकार नहीं बनी थी और ऐसे में सीएम शिवराज अपना अपने आप को और अपनी लोकप्रियता और अपनी साख को बचाने के लिए वह ज्यादा मेहनत कर रहे हैं. इस बार एक बड़ा मुद्दा यह है कि प्रशासनिक अराजकता के चलते जनता में नाराजगी का है, जिसे ठीक करने के लिए भाजपा पूरी जोर लगा रही है. Vindhya big challenge for bjp
बीएसपी ने उतारे सवर्ण उम्मीदवार : दूसरी तरफ, कांग्रेस की बात करें तो जनता की नाराजगी को वह कैसे भुना सकती है, इस पर जुटी हुई है. बसपा की बात की जाए तो उसकी हालत मध्य प्रदेश में बहुत खराब है. वर्तमान में अगर हम बात करें विंध्य क्षेत्र की कुछ सीटों पर जहां पर बसपा बहुत मजबूत नजर आ रही है और त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन चुकी है, जिनमें से नागौद विधानसभा क्षेत्र, रैगांव विधानसभा क्षेत्र, चित्रकूट सहित सतना विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. उसकी वजह यह है कि बीएसपी का वोट बैंक कमजोर होने के बावजूद भी उन्होंने सवर्णों को मैदान पर उतारा है. Vindhya big challenge for bjp