सतना। कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है. छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रहा है, उनका कोर्स पीछे ना रह जाए. जिले में छात्रों को व्हाट्सएप, जूम ऐप, रेडियो और टीवी के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. कोरोना संकट के बीच 12वीं की बची हुई परीक्षाएं होनी वाली हैं, जो शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है. मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह और शिक्षक बृजनंदन तिवारी ने ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है.
कोरोना महामारी की वजह से 12वीं कक्षा की परीक्षाएं बीच में ही रोक दी गई थीं, लेकिन अब 9 जून से 16 जून तक 12वीं बची हुई परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल करवाने जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने बताया कि कोविड-19 के बीच छात्रों की परीक्षा कराना एक बहुत बड़ा चैलेंज है. सतना जिले में 102 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं और सभी केंद्रों में साफ-सफाई और सैनिटाइजिंग की व्यवस्था की जा रही है. 29 परीक्षा केंद्र कोविड-19 के क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए थे, जिनमें से 28 परीक्षा केंद्र खाली कराया जा चुका है. जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि एक परीक्षा केंद्र नागौद उत्कृष्ट महाविद्यालय में भी बनाया गया है, जो अभी क्वारेंटाइन सेंटर बना हुआ है. समय पर खाली नहीं होने के कारण उसके लिए दूसरी व्यवस्था की जा रही है.
जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने बताया की बाकी खाली कराए क्वारेंटाइन सेंटर में साफ सफाई और सैनिटाइजिंग की व्यवस्था जा रही हैं. परीक्षा केंद्रों में छात्रों को सोशल डिस्टेंस के तहत बैठाने के लिए केंद्र अध्यक्षों को आदेश जारी कर दिए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंस का पालन कर परीक्षाएं कराई जाए. ऑनलाइन शिक्षा पर मोबाइल से जुड़ने वाले छात्रों के ऊपर इसका दुष्प्रभाव भी पड़ने की संभावना है. ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने बच्चों के अभिभावकों से यह निवेदन किया है कि मोबाइल फोन देते समय बच्चों के ऊपर सतत निगरानी जरूर रखें, ताकि बच्चे उसका गलत उपयोग ना कर सके.
मोबाइल फोन पर छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों द्वारा छात्रों के अभिभावक से संपर्क करें उनके फोन पर छात्रों को शिक्षा देने की कोशिश की जा रही है. सतना जिले में 1 से आठवीं तक करीब 1 लाख 78 हजार छात्र है, जिनमें से 35 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ चुके हैं. 9वीं से 12वीं तक के 65 प्रतिशत छात्र को जोड़ा जा चुका है, और लगातार ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने के लिए शिक्षक बच्चों के अभिभावक और छात्रों से सतत संपर्क बनाए हुए हैं और इसे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.