सागर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की बात करें तो बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश सहित दूसरे हिंदी भाषी राज्यों में भी उनके काफी अनुयायी हैं. बुंदेली अंदाज में कथा कर लोकप्रिय हुए पं. धीरेन्द्र शास्त्री जब कथा में रामराज्य की बात करते हैं तो माना जाता है कि वो भाजपा के समर्थन में हैं. हालांकि वो राजनीति से दूर रहने की बात करते हैं. लेकिन आगामी चुनाव में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. दरअसल, करीब एक साल पहले भाजपा नेता प्रीतम लोधी ने पं. धीरेन्द्र शास्त्री और ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द बोले थे. जिसके विरोध में प्रदेश भर में ब्राह्मण सड़कों पर आ गए थे और भाजपा ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया था.
प्रीतम लोधी को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार : प्रीतम लोधी निष्कासन के बाद सड़क पर उतर आए और ओबीसी वोट बैंक जोड़कर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी करने लगे. आखिरकार भाजपा ने उनकी घरवापसी कराई और पिछोर से टिकट भी दे दिया. अब प्रीतम लोधी को टिकट दिए जाने के साइड इफेक्ट बुंदेलखंड में देखने मिल रहे हैं. प्रीतम लोधी की बीजेपी में घर वापसी और भाजपा की पहली ही सूची में पिछोर से टिकट दिए जाने के बाद भाजपा के दोहरे रवैये पर सवाल खडे हो गए हैं. इस बात से बुंदेलखंड के ब्राह्मणों में जमकर नाराजगी देखने मिल रही है.
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पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के भक्तों में नाराजगी : भाजपा में वापसी और टिकट मिलते ही प्रीतम लोधी के सुर बदल गए और उन्होंने बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से मुलाकात भी की और आशीर्वाद भी लिया. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने भी प्रीतम लोधी को माफ कर दिया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया. प्रीतम लोधी की घरवापसी और पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की प्रीतम लोधी को माफी के बाद मामला भले शांत नजर आ रहा हो, लेकिन बुंदेलखंड में ये आग धीरे-धीरे फिर सुलग रही है. दरअसल, सागर जिले की बंडा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष आयुष पांडे ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि संत समाज का घृणित अपमान करने वाले वीरेन्द्र सिंह को बंडा और प्रीतम लोधी को पिछोर से उम्मीदवार बनाए जाने से आहत होकर इस्तीफा दिया है.