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भारत के भविष्य के पास पढ़ने के लिए नहीं है स्कूल भवन, खुले आसमान के नीचे शिक्षा लेने को मजबूर

बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है और भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कड़ी है. सरकार प्रदेश के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसका लाभ जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिल रहा है.

एमपी न्यूज
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Published : Mar 2, 2019, 3:16 PM IST


रीवा। बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है और भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कड़ी है. सरकार प्रदेश के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसका लाभ जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिल रहा है.

जिले के ढेकहा मोहल्ले में स्कूल भवन नहीं होने के कारण बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को स्कूल जाने की प्रेरणा देने वाली सरकार स्कूल शिक्षा विभाग में हो रही समस्याओं पर ध्यान ही नहीं देती. जिसके कारण छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रीवा शहर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक पाठशाला हरिजन बस्ती मैदानी साल 1997 से संचालित हो रहा है. लेकिन 22 साल बीत जाने के बाद भी यहां के छात्रों को अपना स्कूल भवन नसीब नहीं हुआ.

REWA

फिलहाल यहां की प्राथमिक शाला में 20 बच्चे पढ़ रहे हैं, जिन्हें 2 शिक्षक पढ़ाते हैं. एमपी के इस अनोखे स्कूल में न तो भवन है और न ही शौचालय की कोई व्यवस्था. छात्रा का कहना है कि भवन नहीं होने के कारण तेज धूप और बरसात में छुट्टी कर दी जाती है. वहीं स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि समस्या को लेकर उन्होंने कई बार जिला शिक्षा विभाग से शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. वहीं दूसरी ओर ETV की टीम ने जब जिला कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव से बात की, तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.


रीवा। बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है और भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कड़ी है. सरकार प्रदेश के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसका लाभ जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिल रहा है.

जिले के ढेकहा मोहल्ले में स्कूल भवन नहीं होने के कारण बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को स्कूल जाने की प्रेरणा देने वाली सरकार स्कूल शिक्षा विभाग में हो रही समस्याओं पर ध्यान ही नहीं देती. जिसके कारण छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रीवा शहर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक पाठशाला हरिजन बस्ती मैदानी साल 1997 से संचालित हो रहा है. लेकिन 22 साल बीत जाने के बाद भी यहां के छात्रों को अपना स्कूल भवन नसीब नहीं हुआ.

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फिलहाल यहां की प्राथमिक शाला में 20 बच्चे पढ़ रहे हैं, जिन्हें 2 शिक्षक पढ़ाते हैं. एमपी के इस अनोखे स्कूल में न तो भवन है और न ही शौचालय की कोई व्यवस्था. छात्रा का कहना है कि भवन नहीं होने के कारण तेज धूप और बरसात में छुट्टी कर दी जाती है. वहीं स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि समस्या को लेकर उन्होंने कई बार जिला शिक्षा विभाग से शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. वहीं दूसरी ओर ETV की टीम ने जब जिला कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव से बात की, तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:एंकर शहर के ढेकहा मोहल्ले पर स्थित प्राथमिक पाठशाला हरिजन बस्ती काफी लंबे समय से भवन हीन है मगर जिले का प्रशासनिक अमला अब तक उससे अनजान बना बैठा है जिसके कारण छात्रों को भी काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है


Body:V. O सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को स्कूल जाने की प्रेरणा देने वाली सरकार .... स्कूल शिक्षा विभाग में हो रही समस्याओं पर कोई ध्यान देती नजर नहीं आ रही है जिसके कारण छात्रों को भी असुविधा होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है दरअसल रीवा शहर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक पाठशाला हरिजन बस्ती मैदानी वर्ष 1997 से संचालित हो रहा है जिसमें अब तक यानी 22 वर्ष बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण का कार्य नहीं कराया गया जिससे अब वहां पढ़ रहे छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है बताया जा रहा है कि प्राथमिक शाला में 20 बच्चे अध्ययनरत हैं जिन्हें पढ़ाने 2 शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय आ रहे हैं लेकिन भवन विहीन विद्यालय होने के कारण अब छात्रों सहित शिक्षकों को खासा परेशानी झेलनी पड़ती है...... छात्रों का कहना है कि बरसात के दिनों में भी उन्हें भवन विहीन विद्यालय का ही सहारा मिलता है जिसमें वह मजबूर होकर अपनी पढ़ाई करते हैं..... तथा गर्मी के दिनों में धूप लगने के कारण उनकी छुट्टी कर दी जाती है ....... विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि समस्या को लेकर उन्होंने कई बार जिला शिक्षा विभाग तथा अन्य विभागों पर शिकायत की है यहां तक की भवन विहीन विद्यालय की शिकायत मंत्री तक से की जा चुकी है परंतु अब तक इसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई और वह लगातार परेशान हो रहे हैं....... मामले पर जब ETV की टीम ने जिला कलेक्टर ओ, पी श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए तुरंत ही कार्यवाही के निर्देश दिए..


Conclusion:....
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