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नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी, प्रशासन की रहेगी पूरी निगरानी

शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही हर साल कि तरह इस साल भी दुकानदारों और स्कूल प्रबंधन की मनमानी को रोकने के लिए रीवा कलेक्टर ने जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं.

नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी
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Published : Apr 2, 2019, 8:04 PM IST

रीवा| शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही हर साल किताब और स्कूल ड्रेस को लेकर चलने वाली दुकानदारों और स्कूल प्रबंधन की मनमानी को रोकने के लिए कलेक्टर ने जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं.

नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी

कई अभिभावकों ने कलेक्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तव से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायत की थी. जिस पर कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. कलेक्टर ने आदेश में दिया है कि जिले में कई प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबों का इस्तेमाल किया जाता है. स्कूलों का अपना ड्रेस कोड है. किताबें और यूनिफॉर्म बाजार की किसी विशेष दुकान पर ही उपलब्ध कराई जाती हैं. स्कूल के संचालक बच्चों के अभिभावकों को दुकान से एक विशेष दुकान और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव डालते हैं. इससे पलकों का शोषण किया जा रहा है और उन्हें अनावश्यक खर्च का भार भी सहना पड़ता है.

कलेक्टर ने आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. मामले को लेकर रीवा कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक प्राइवेट विद्यालयों को अपने सूचना पटल पर उन दुकानों के नाम प्रदर्शित करने होंगे जहां पर स्कूल से संबंधित पुस्तक एवं यूनिफॉर्म उपलब्ध हैं. यह भी स्पष्ट करना होगा कि किसी विशेष दुकान से खरीदने की बाध्यता नहीं है.

रीवा| शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही हर साल किताब और स्कूल ड्रेस को लेकर चलने वाली दुकानदारों और स्कूल प्रबंधन की मनमानी को रोकने के लिए कलेक्टर ने जिले में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं.

नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी

कई अभिभावकों ने कलेक्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तव से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायत की थी. जिस पर कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. कलेक्टर ने आदेश में दिया है कि जिले में कई प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबों का इस्तेमाल किया जाता है. स्कूलों का अपना ड्रेस कोड है. किताबें और यूनिफॉर्म बाजार की किसी विशेष दुकान पर ही उपलब्ध कराई जाती हैं. स्कूल के संचालक बच्चों के अभिभावकों को दुकान से एक विशेष दुकान और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव डालते हैं. इससे पलकों का शोषण किया जा रहा है और उन्हें अनावश्यक खर्च का भार भी सहना पड़ता है.

कलेक्टर ने आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. मामले को लेकर रीवा कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक प्राइवेट विद्यालयों को अपने सूचना पटल पर उन दुकानों के नाम प्रदर्शित करने होंगे जहां पर स्कूल से संबंधित पुस्तक एवं यूनिफॉर्म उपलब्ध हैं. यह भी स्पष्ट करना होगा कि किसी विशेष दुकान से खरीदने की बाध्यता नहीं है.

Intro:रीवा-  शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही हर वर्ष किताब और गणवेश को लेकर चलने वाली दुकानदारों की मनमानी को रोकने के लिए कलेक्टर ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। 


Body:कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव के समक्ष कई अभिभावकों द्वारा इसकी शिकायत की गई जिस पर उन्होंने निजी स्कूलों द्वारा पुस्तको एवं गणवेश   की गलत रवैया के खिलाफ धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने आदेश में उल्लेखित किया है कि जिले में कई निजी विद्यालयों में संचालकों द्वारा निजी प्रकाशकों की अनेक पुस्तकों का उपयोग विद्यालय के पाठ्यक्रम में किया जा रहा है। विद्यालयों में उनका अपना ड्रेस कोड आदि  नियत है। यह पुस्तकें तथा यूनिफॉर्म बाजार की किसी विशेष दुकान पर ही उपलब्ध कराया जाता है।  संचालकों द्वारा बच्चों के अभिभावकों को निश्चित दुकान से इन्हें खरीदने के लिए दबाव डाला जाता है। इसी प्रकार दुकानदार फुटकर किताबें ना देकर पुस्तकों का पूरा सेट खरीदने के लिए बाद करते हैं। इससे पलकों का  शोषण किया जा रहा है और उन्हें अनावश्यक खर्च का भार भी सहना पड़ता है।

मनमानी रवैया के कारण इन विद्यालयों एवं दुकानों में विवाद की स्थिति आम हो गई है यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2)के अंतर्गत एक पक्षी तौर पर पारित किया गया है। आदेश का प्रभावी क्रिया वन्य संयुक्त संचालक लोक शिक्षण एवं जिला शिक्षा अधिकारी अपने  अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित कराएंगे।  कलेक्टर ने आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं। 


Conclusion:मामले को लेकर रीवा कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक निजी विद्यालयों को अपने सूचना पटल पर उन दुकानों के नाम प्रदर्शित करने होंगे जहां पर उसे स्कूल से संबंधित पुस्तक एवं यूनिफॉर्म उपलब्ध है। यह भी स्पष्ट करना होगा कि किसी विशेष दुकान से खरीदने की बाध्यता नहीं है। प्रत्येक विद्यालय अपने यहां चलने वाली पुस्तक की सूची उसका मूल्य और लेखक व प्रकाशक के नाम सूचना पटल के साथ ही वेबसाइट पर प्रदर्शित करेंगे। साथ ही अभिभावक द्वारा जानकारी मांगने पर उपलब्ध कराएंगे, इसकी सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भी उपलब्ध करानी होगी कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि पुस्तक एवं गणवेश विक्रेता इस आशय की सूची अपने दुकान में लगाएंगे कि कोई व्यक्ति कितनी भी संख्या में पुस्तक या यूनिफॉर्म क्रॉस कर सकता है इस पर किसी भी प्रकार के सेट खरीदने की बाध्यता नहीं होगी।


बाइट-  ओम प्रकाश श्रीवास्तव 

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