रीवा। शहर में इन दिनों स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही लगातार देखने को मिल रही है, कोरोना योद्धा की भूमिका निभाने वाले चिकित्सकों की एक शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें मारपीट में घायल युवक को अस्पताल ने बिस्तर तक नहीं दिया. उसकी कोरोना जांच कराई गई थी और रिपोर्ट के इंतजार में रात भर वो अस्पताल के बाहर ही जमीन पर पड़ा रहा. इस दौरान उसे बाहर ही दवाएं दे दी गई.
जवा थाना क्षेत्र में मारपीट में घायल एक युवक को परिजन उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल लेकर गए थे, जहां से उसे कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल भेज दिया गया. जिला अस्पताल में उसकी कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिया गया और उसके बाद मरीज को बाहर छोड़ दिया गया. मरीज को अस्पताल में बिस्तर तक उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही उसका इलाज किया गया. सुबह से ही युवक जिला अस्पताल परिसर में जमीन पर पड़ा हुआ था, जिसकी देखभाल परिजन कर रहे थे.
डॉक्टर उसकी कोरोना रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल में भर्ती करने की बात कह रहे थे. सुबह उसे अस्पताल के बाहर ही कुछ दवाएं दे दी गई. हैरानी की बात तो ये है कि 24 घंटे बाद भी उक्त मरीज का इलाज नहीं हो पाया. उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी, जिससे उसके हाथ में गंभीर चोटें आई थी. कोरोना के भय से अब तक पीड़ित को इलाज नहीं मिल पा रहा है.
जब तक घायल की कोरोना रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक उसे अस्पताल में भर्ती करने और इलाज करने से चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए. पीड़ित युवक का परेशान परिवार भी अस्पताल के बाहर ही पड़ा हुआ है.