रायसेन। कोरोना महामारी का भयावह रूप अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है, जहां कई स्थानों पर मानवतावादी चेहरे सामने आ रहे हैं, तो कहीं हृदय विदारक घटनाएं मजबूरन रोने को विवश कर रही हैं. ऐसी ही एक घटना बीते दिन भोपाल के सुभाष फाटक मुक्तिधाम में देखने को मिली. जहां एक भारतीय नारी अपने पति का अंतिम संस्कार करने अकेले ही श्मशान घाट पहुंची, जिसे देश वहां मौजूद कर्मचारियों के भी आंसू छलक पड़े क्योंकि भारतीय संस्कृति में कभी कोई महिला जीते जी नहीं चाहती कि, उसके पति को मुखाग्नि उसे देना पड़े. ऐसा दुःखद और पीड़ादायक मामला रायसेन के अमित अग्रवाल की मौत के बाद भोपाल में सामने आया.
जानकारी के मुताबिक जहां अमित की मौत हो गई, तो वहीं छोटा भाई भी जिंदगी और मौत की लड़ाई हमीदिया अस्पताल में लड़ रहा है. जबकि माता-पिता रायसेन अस्पताल में उपचार रत हैं. परिवार में कोई भी मौके पर मौजूद नहीं था. मजबूरन महिला ने खुद अपने पति को मुखाग्नि दी.
इस दृश्य को देख कर मुक्तिधाम के कर्मचारियों का भी कलेजा फट पड़ा. मौत संदिग्ध होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए मृतक का शव पूरी सुरक्षा के साथ एम्बुलेंस में भेजा था. लिहाजा अंतिम यात्रा में कोई अन्य सुरक्षा की दृष्टि से शामिल नहीं हुआ. इस घटना के बाद रायसेन में मृतक के निवास स्थान से लेकर 1 किलोमीटर का क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया घोषित कर सील कर दिया गया है. अभी मृतक और उसके परिजनों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है, जिसका इंतजार जिला प्रशासन सहित पूरा शहर कर रहा है. अभी तक 26 लोग जिले में कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिनमें से 25 का इलाज रायसेन जिला अस्पताल और भोपाल में जारी है. जबकि 1 मरीज स्वास्थ्य होकर घर जा चुका है.