पन्ना। हीरे की तलाश में पन्ना की धरती की कोख उजाड़ रहे दबंगों पर प्रशासन भी मौन है और अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. विश्रामगंज और देवेंद्रनगर रेंज के जंगल में जगह-जगह बने गड्ढे इस ओर इशारा करते हैं कि ये कारोबार विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक, खनन के लिए डिप्टी रेंजर को 1000 से 1500 रुपये एक दिए जाते हैं, जिसके बदले रेंजर रात में खनन की अनुमति देता है, जिसके चलते माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. एक माह पहले वन विभाग की टीम रहुनिया बीट में कार्रवाई करने गई थी, तब दबंगों ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें वन विभाग के डिप्टी रेंजर सहित फारेस्ट गार्ड घायल हो गए थे.
बड़े पैमाने पर क्षेत्र में चल रही खदानों के गड्ढे भी इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि ये कारोबार वन विभाग की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है. फिर भी आला अफसर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं. इस मामले में पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है. जिन क्षेत्रों में खदानें चलने की शिकायतें मिल रही हैं, उस पर उत्तरवन के डीएफओ को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा जाएगा.