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हीरे के लिए माफिया उजाड़ रहे पन्ना की कोख, 'चौकीदारों' को भी कर रहे मालामाल

पन्ना में वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है, जिस पर प्रशासन भी खामोश है, लोग तो यहां तक बताते हैं कि रात में खनन के लिए डिप्टी रेंज 1000 से 1500 रुपये तक वसूलता है.

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Published : Sep 12, 2019, 7:37 PM IST

धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन

पन्ना। हीरे की तलाश में पन्ना की धरती की कोख उजाड़ रहे दबंगों पर प्रशासन भी मौन है और अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. विश्रामगंज और देवेंद्रनगर रेंज के जंगल में जगह-जगह बने गड्ढे इस ओर इशारा करते हैं कि ये कारोबार विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन

जानकारी के मुताबिक, खनन के लिए डिप्टी रेंजर को 1000 से 1500 रुपये एक दिए जाते हैं, जिसके बदले रेंजर रात में खनन की अनुमति देता है, जिसके चलते माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. एक माह पहले वन विभाग की टीम रहुनिया बीट में कार्रवाई करने गई थी, तब दबंगों ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें वन विभाग के डिप्टी रेंजर सहित फारेस्ट गार्ड घायल हो गए थे.

बड़े पैमाने पर क्षेत्र में चल रही खदानों के गड्ढे भी इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि ये कारोबार वन विभाग की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है. फिर भी आला अफसर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं. इस मामले में पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है. जिन क्षेत्रों में खदानें चलने की शिकायतें मिल रही हैं, उस पर उत्तरवन के डीएफओ को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा जाएगा.

पन्ना। हीरे की तलाश में पन्ना की धरती की कोख उजाड़ रहे दबंगों पर प्रशासन भी मौन है और अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. विश्रामगंज और देवेंद्रनगर रेंज के जंगल में जगह-जगह बने गड्ढे इस ओर इशारा करते हैं कि ये कारोबार विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन

जानकारी के मुताबिक, खनन के लिए डिप्टी रेंजर को 1000 से 1500 रुपये एक दिए जाते हैं, जिसके बदले रेंजर रात में खनन की अनुमति देता है, जिसके चलते माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. एक माह पहले वन विभाग की टीम रहुनिया बीट में कार्रवाई करने गई थी, तब दबंगों ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें वन विभाग के डिप्टी रेंजर सहित फारेस्ट गार्ड घायल हो गए थे.

बड़े पैमाने पर क्षेत्र में चल रही खदानों के गड्ढे भी इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि ये कारोबार वन विभाग की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं है. फिर भी आला अफसर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं. इस मामले में पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है. जिन क्षेत्रों में खदानें चलने की शिकायतें मिल रही हैं, उस पर उत्तरवन के डीएफओ को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा जाएगा.

Intro:पन्ना।
एंकर - उत्तर वनमंडल पन्ना के अंतर्गत विश्रामगंज रेंज में दिनरात हीरे की अवैध रूप से खदाने चल रही है । विश्रामगंज रेंज में टगरा बीट ,पुरषोत्तमपुर ,सरकोहा बीट ,रहुनिया बीट, बग्ला बीट इसके साथ ही देवेंद्रनगर रेंज में ,गजना बीट ,बृजपुर बीट में भी हीरा का अवैध उत्खनन लम्बे समय से हो रहा है । दिनरात इन क्षेत्रो में हीरे की अवैध खदाने विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित की जा रही है ।

Body:खदान खोंदने के डिप्टी रेंजर को 1000 से 1500 रुपये एक दिन के देते हैं । डिप्टी रेंजर रात में हीरा खोदने की अनुमति देते हैं । एक महीने पहले हीरे का अवैध उत्खनन कर रहे माफियाओं पर वन विभाग की टीम रहुनिया बीट में कार्यवाही के लिए गई थी । तभी वन अमले पर उत्खनन करने वाले दवंगो ने हमला कर दिया था । जिंसमे वन विभाग के डिप्टी रेंजर सहित फॉरेस्ट गार्ड घायल हुए थे । लेकिन वावजूद उसके लगातार क्षेत्र में अवैध उत्खनन जारी है ।
Conclusion:वन विभाग आँखों पर पट्टी बांधकर देख रहा है । बड़े पैमाने में क्षेत्र में चल रही खदानों के गड्ढे भी इस बात को स्पष्ट कर रहे है । कि क्षेत्र में हीरे का कारोबार वन विभाग की संनलिप्तता के बगैर सम्भव नही है । वही पन्ना कलेक्टर ने कहा कि समय समय पर कार्यवाहियां होती रहती है । लेकिन अभी जो क्षेत्र में खदाने चलने की शिकायतें मिल रही है । उस पर उत्तरवन के डीएफओ को पत्र के माध्यम से कार्यवाही करने लिए कहा गया है ,
बाइट-1 कर्मवीर शर्मा (पन्ना कलेक्टर)
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