नरसिंहपुर। डेढवारा गांव की सीमा जिला मुख्यालय को छूती है, लेकिन इस गांव के पढ़े लिखे युवा बेरोजगारी में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. उनके लिए दीनदयाल ग्रामीण कौशल योजना वरदान साबित हो सकती थी, लेकिन यह योजना कागजों पर ही दम तोड़ गई. यहां के युवा जिला मुख्यालय काम की तलाश में जाते हैं, जहां कभी-कभार मजदूरी करने को मिल जाती है.
प्रशासन की लापरवाही के चलते इन ग्रामीण युवाओं को केंद्र सरकार के दीनदयाल ग्रामीण कौशल योजना की जानकारी ही नहीं है. बेरोजगारी के कारण दसवीं तक पढ़ी महिलाएं भी मदद की दरकार में हैं. इन्हें भी योजना की जानकारी देने वाला कोई नहीं है. गरीबी और बेरोजगारी के चलते महिलाओं के घर की रसोई कभीकभार ही जलती है. कई बार तो बच्चों को भूखा ही सोना पड़ता है. इस बारे में जब जिला पंचायत सीईओ आरपी अहिरवार से बात करने की कोशिश की गई, तो वह कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नज़र आए.