मुरैना। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो दिवसीय मुरैना दौरे पर पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर वे करहधाम पर आयोजित सियपिय मिलन समारोह में शामिल हुए. मंदिर में पूजा और आरती करने के बाद मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने संतों से आशीर्वाद लिया.
'किसानों से चर्चा करने सरकार है तैयार'
मंंदिर में दर्शन के बाद मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मीडिया से रूबरू हुए. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार किसानों से संवेनशीलता से चर्चा कर रही है. सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी उनको दिया है. कानून को स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया है. डेढ़ साल तक कानून स्थगित करके कमेटी बनाकर हम लोग विचार विमर्श कर सकते हैं. किसान अपने मत से भारत सरकार को अवगत कराएं तब तो बात बने, लेकिन अब तक किसानों की तरफ से ऐसी कोई बात नहीं आई है. लेकिन इसका फैसला अब किसानों को करना है.
हमेशा योग्य नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया
चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव की तारीख की घोषणा हो गई है. बीजेपी ने चुनाव प्रचार के लिए मध्य प्रदेश से भी नेताओं को मैदान पर उतारा है. इस पर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमेशा से ऐसा होता आया है कि योग्य नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए भेजा जाता है. पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए एमपी से बीजेपी की तिगड़ी मैदान पर उतरी हुई है, जिसमें सीएम शिवराज, कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा शामिल हैं. आज शिवराज सिंह चौहान पश्चिम बंगाल में चुनवी रैली में आम सभा को संबोधित करेंगे.
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'किसान यूनियन सरकार को नए कानूनों में कमियां बताए'
कुछ दिनों पहले ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहुंचे थे. इस दौरान जब मीडियाकर्मियों ने किसान आंदोलन को लेकर उनसे सवाल किए तो उन्होंने कहा कि सिर्फ आंदोलन करने से कानून वापस नहीं हुआ करते. अगर वास्तव में किसान यूनियन को किसानों की चिंता है तो सरकार को बताएं कि इन कानूनों में क्या कमियां है, सरकार संशोधन के लिए तैयार है.
'भीड़ इकट्ठा करने से नहीं हटेगा कानून, कमियां बताएं किसान'
'ऐसा नहीं होता कि भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाए'
साथ ही मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आप किसी कानून में कोई आपत्ति बताएं, कानून में किसान के विरुद्ध क्या है ये बताओ. डायरेक्ट कहोगे कि कानून हटा दो. तो ऐसा नहीं होता कि भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाए. ये तो बताइए कि ऐसा कौन सा प्वाइंट है जो सरकार के विरूद्ध जाता है.