जबलपुर। कमलनाथ सरकार ग्वारीघाट नर्मदा तट के किनारे गीता धाम में गौ कुंभ आयोजन करने जा रहा है. जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं. 25 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक आठ दिनों तक गीता धाम के सामने स्थित कुंभ क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृति कार्यक्रम होंगे. जिसका जायजा लेने वित्त मंत्री तरुण भनोट पहुंचे.
वित्त मंत्री तरुण भनोट के साथ आज जबलपुर के कई साधु संत भी कुंभ स्थल पर पहुंचे और उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया. वित्त मंत्री का कहना है की इंतजाम पूरे हो गए हैं और मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार गो कुंभ को सरकारी आयोजन घोषित कर दिया गया है.
गौ कुंभ में भगवान शंकर की प्रतिमा बनाई गई हैं. बड़े-बड़े पंडाल बनाए गए हैं, यज्ञशाला बनाई गई है. यहां तक कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का एक प्रारूप भी यहां बनाया जा रहा है. इससे साधु संत खुश हैं, सामान्य तौर पर कांग्रेस से दूर रहने वाले साधु-संत कांग्रेसी नेताओं के साथ नजर आ रहे हैं.
इस आयोजन का उद्देश्य गौ रक्षा बतलाया जा रहा है. हालांकि यहां सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या सरकारी पैसे से धार्मिक आयोजन करवाए जा सकते हैं और धर्मनिरपेक्षता की छवि लेकर चलने वाली कांग्रेस को आखिर गो कुंभ जैसा हिंदूवादी धार्मिक आयोजन करने की जरूरत क्यों आन पड़ी. क्या इसके पीछे कांग्रेस अपना धर्मनिरपेक्ष चोला उतारना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी जिस हिंदूवादी छवि को लेकर चुनाव जीत रही थी, उसे कांग्रेस हथियाना चाह रही.