जबलपुर। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग लगातार झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई कर रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग बड़े अस्पतालों में बैठे झोलाछाप डॉक्टरों को अनदेखा कर रहा है, जो ज्यादातर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जबलपुर के एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजन ने जूनियर डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि मरीज का ठीक से इलाज नहीं किया गया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई.
जबलपुर के एक निजी अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों के इलाज करने और लापरवाही बरतने के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है, जब मरीज को अस्पताल लाए थे तब वह ठीक था, लेकिन इलाज करने के महज 10 मिनट के अंदर ही मरीज की मौत हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में एक भी सीनियर डॉक्टर नहीं था और जूनियर डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि त्रिमूर्ति नगर में रहने वाले संतोष साहू को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, लिहाजा उसे आगा चौक स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. इलाज शुरू करने के 10 मिनट बाद ही मरीज मौत हो गई. इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है, मरीज को जब लाया गया था तब उसकी हालत बेहद गंभीर थी, वह सांस भी नहीं ले पा रहा था और हमारे डॉक्टरों ने उसको बचाने की भरपूर कोशिश भी की लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. अस्पताल में लगातार हो रहे हंगामे को देखते हुए लॉर्डगंज थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. परिजनों ने पुलिस को बताया कि अस्पताल प्रबंधन लगातार रुपए की मांग कर रहा है और जब तक पूरे पैसे जमा नहीं कर दिए जाएंगे, तब तक शव नहीं दिया जाएगा, फिलहाल पुलिस ने परिजनों को समझाइश देकर हंगामा शांत कराकर उन्हें शव सौंप दिया है.