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सामूहिक हड़ताल पर तहसीलदार, इंदौर में रोज प्रभावित होंगे राजस्व के करीब 6 हजार प्रकरण

तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से दो दिन का सामूहिक अवकाश लेकर सांकेतिक हड़ताल पर चले गए हैं. पहले पटवारी और अब तहसीलदारों की हड़ताल से राजस्व से जुड़े कामकाज ठप हो जाएंगे.

सामूहिक हड़ताल पर तहसीलदार
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Published : Oct 11, 2019, 2:30 AM IST

इंदौर। प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से वेतन विसंगतियों के सुधार की मांग को लेकर अवकाश पर चले गए. 4 दिनों के अवकाश के कारण इंदौर में प्रतिदिन आने वाले 5 से 6 हजार राजस्व समेत अन्य प्रकरण लंबित होंगे. लिहाजा उनके आवेदकों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना होगा.

सामूहिक हड़ताल पर तहसीलदार

दो दिन की हड़ताल पर 4 दिन काम होंगे प्रभावित
विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का अवकाश हालांकि 2 दिन का ही रहेगा, लेकिन आगामी दो दिनों में शनिवार और रविवार होने से अवकाश की अवधि 4 दिन हो गई है. ऐसी स्थिति में विभिन्न जिलों के राजस्व के प्रकरण और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले प्रकरण खासे प्रभावित होंगे.

रोज आते हैं करीब 6 हजार आवेदन
इसके अलावा आय जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्रों के अलावा राजस्व के अन्य प्रकरण भी सामूहिक अवकाश के दौरान प्रभावित होंगे. इंदौर में ही करीब 17 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के पास प्रति व्यक्ति के हिसाब से 300 से 400 आवेदन रोज आते हैं. कुल सभी 10 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी जोड़ दिया जाए तो इनके पास आने वाले आवेदनों की संख्या 5 से 6 हजार के करीब है.

वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार
ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन अत्यावश्यक कार्य को लेकर अधिकारियों की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रहा है. सर्वाधिक प्राथमिकता नियुक्ति संबंधी आवेदनों और चिकित्सकीय प्रमाणीकरण जैसे कामों को लेकर है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि सामूहिक अवकाश का खामियाजा आम निर्दोष लोगों को ना भुगतना पड़े. इसके लिए अत्यावश्यक कार्यों के निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही जुटा ली जाएगी.

इंदौर। प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से वेतन विसंगतियों के सुधार की मांग को लेकर अवकाश पर चले गए. 4 दिनों के अवकाश के कारण इंदौर में प्रतिदिन आने वाले 5 से 6 हजार राजस्व समेत अन्य प्रकरण लंबित होंगे. लिहाजा उनके आवेदकों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना होगा.

सामूहिक हड़ताल पर तहसीलदार

दो दिन की हड़ताल पर 4 दिन काम होंगे प्रभावित
विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का अवकाश हालांकि 2 दिन का ही रहेगा, लेकिन आगामी दो दिनों में शनिवार और रविवार होने से अवकाश की अवधि 4 दिन हो गई है. ऐसी स्थिति में विभिन्न जिलों के राजस्व के प्रकरण और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले प्रकरण खासे प्रभावित होंगे.

रोज आते हैं करीब 6 हजार आवेदन
इसके अलावा आय जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्रों के अलावा राजस्व के अन्य प्रकरण भी सामूहिक अवकाश के दौरान प्रभावित होंगे. इंदौर में ही करीब 17 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के पास प्रति व्यक्ति के हिसाब से 300 से 400 आवेदन रोज आते हैं. कुल सभी 10 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी जोड़ दिया जाए तो इनके पास आने वाले आवेदनों की संख्या 5 से 6 हजार के करीब है.

वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार
ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन अत्यावश्यक कार्य को लेकर अधिकारियों की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रहा है. सर्वाधिक प्राथमिकता नियुक्ति संबंधी आवेदनों और चिकित्सकीय प्रमाणीकरण जैसे कामों को लेकर है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि सामूहिक अवकाश का खामियाजा आम निर्दोष लोगों को ना भुगतना पड़े. इसके लिए अत्यावश्यक कार्यों के निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही जुटा ली जाएगी.

Intro:प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से वेतन विसंगतियों के सुधार की मांग को लेकर अवकाश पर चले गए करीब 4 दिनों के अवकाश के कारण इंदौर में ही प्रतिदिन आने वाले 5 से 6000 राजस्व समेत अन्य प्रकरण लंबित होंगे लिहाजा उनके आवेदकों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना होगा


Body:दरअसल विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का अवकाश हालांकि 2 दिन का ही रहेगा लेकिन आगामी दो दिनों में शनिवार और रविवार होने से अवकाश की अवधि 4 दिन हो गई है ऐसी स्थिति में विभिन्न जिलों के राजस्व के प्रकरण और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले प्रकरण खासे प्रभावित होंगे इसके अलावा आय जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्रों के अलावा राजस्व के अन्य प्रकरण भी सामूहिक अवकाश के दौरान प्रभावित होंगे सबसे ज्यादा परेशानी आपराधिक मामलों के मृत्यु पूर्व बयान को लेकर है जिसको लेकर इन 4 दिनों में खासी परेशानी होने वाली है इधर इंदौर में ही करीब 17 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के पास प्रति व्यक्ति के हिसाब से 300 से 400 आवेदन रोज आते हैं कुल सभी 10 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी जोड़ दिया जाए तो इनके पास आने वाले आवेदनों की संख्या 5 से 6 हजार के करीब है ऐसी स्थिति में अब जिला प्रशासन अत्यावश्यक कार्य को लेकर अधिकारियों की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रहा है सर्वाधिक प्राथमिकता नियुक्ति संबंधी आवेदनों और चिकित्सकीय प्रमाणीकरण जैसे कामों को लेकर है ऐसे में कोशिश की जा रही है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश का खामियाजा आम निर्दोष लोगों को ना भुगतना पड़े इसके लिए अत्यावश्यक कार्यों के निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही जुटा ली जाएगी


Conclusion:जिनेश जैन अपर कलेक्टर इंदौर
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