इंदौर। प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से वेतन विसंगतियों के सुधार की मांग को लेकर अवकाश पर चले गए. 4 दिनों के अवकाश के कारण इंदौर में प्रतिदिन आने वाले 5 से 6 हजार राजस्व समेत अन्य प्रकरण लंबित होंगे. लिहाजा उनके आवेदकों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना होगा.
दो दिन की हड़ताल पर 4 दिन काम होंगे प्रभावित
विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का अवकाश हालांकि 2 दिन का ही रहेगा, लेकिन आगामी दो दिनों में शनिवार और रविवार होने से अवकाश की अवधि 4 दिन हो गई है. ऐसी स्थिति में विभिन्न जिलों के राजस्व के प्रकरण और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले प्रकरण खासे प्रभावित होंगे.
रोज आते हैं करीब 6 हजार आवेदन
इसके अलावा आय जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्रों के अलावा राजस्व के अन्य प्रकरण भी सामूहिक अवकाश के दौरान प्रभावित होंगे. इंदौर में ही करीब 17 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के पास प्रति व्यक्ति के हिसाब से 300 से 400 आवेदन रोज आते हैं. कुल सभी 10 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी जोड़ दिया जाए तो इनके पास आने वाले आवेदनों की संख्या 5 से 6 हजार के करीब है.
वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार
ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन अत्यावश्यक कार्य को लेकर अधिकारियों की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर भी विचार कर रहा है. सर्वाधिक प्राथमिकता नियुक्ति संबंधी आवेदनों और चिकित्सकीय प्रमाणीकरण जैसे कामों को लेकर है. ऐसे में कोशिश की जा रही है कि सामूहिक अवकाश का खामियाजा आम निर्दोष लोगों को ना भुगतना पड़े. इसके लिए अत्यावश्यक कार्यों के निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही जुटा ली जाएगी.