इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर के परिसर में मध्य प्रदेश का पहला इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है. संस्थान द्वारा इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया है. जल्द ही इस प्रस्ताव को अनुमति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. परिसर में करीब 20 हजार वर्ग मीटर में यह रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी की गई है.
यह रिसर्च पार्क करीब 10 मंजिला होगा, जिसमें विभिन्न कंपनियों के लोग अपनी आवश्यकता अनुसार आईआईटी के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे. रिसर्च पार्क में आईआईटी कि फेकल्टी रिसर्च स्कॉलर और छात्र इंडस्ट्री के रिसर्च की मदद करेंगे. इंदौर आईआईटी के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर निलेश जैन का कहना है कि रिसर्च पार्क खुलने से प्रदेश की व्यवसायिक गतिविधियों को काफी हद तक मदद मिलेगी.
आईआईटी द्वारा तैयार किए जाने वाले रिसर्च पार्क इनक्यूबेशन सेंटर के तौर पर काम करेगा. रिसर्च पार्क के माध्यम से इंजीनियरिंग और उद्योगों के बीच सामंजस्य बनाने की स्थितियां तैयार होगी, साथ ही वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार उद्योगों के लिए तकनीक विकसित की जाएगी. ताकि उद्योगों को फायदा हो सके. इस रिसर्च पार्क में कृषि सौर ऊर्जा के साथ-साथ डिफेंस टेक्नोलॉजी पर भी शोध किया जाएगा. केंद्र सरकार को इस पूरे प्रस्ताव को भेजा गया है. मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
IIT इंदौर में MP का पहला इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी, केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर के परिसर में मध्य प्रदेश का पहला इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए संस्थान ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा दिया है,
इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर के परिसर में मध्य प्रदेश का पहला इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है. संस्थान द्वारा इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया है. जल्द ही इस प्रस्ताव को अनुमति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. परिसर में करीब 20 हजार वर्ग मीटर में यह रिसर्च पार्क बनाने की तैयारी की गई है.
यह रिसर्च पार्क करीब 10 मंजिला होगा, जिसमें विभिन्न कंपनियों के लोग अपनी आवश्यकता अनुसार आईआईटी के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे. रिसर्च पार्क में आईआईटी कि फेकल्टी रिसर्च स्कॉलर और छात्र इंडस्ट्री के रिसर्च की मदद करेंगे. इंदौर आईआईटी के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर निलेश जैन का कहना है कि रिसर्च पार्क खुलने से प्रदेश की व्यवसायिक गतिविधियों को काफी हद तक मदद मिलेगी.
आईआईटी द्वारा तैयार किए जाने वाले रिसर्च पार्क इनक्यूबेशन सेंटर के तौर पर काम करेगा. रिसर्च पार्क के माध्यम से इंजीनियरिंग और उद्योगों के बीच सामंजस्य बनाने की स्थितियां तैयार होगी, साथ ही वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार उद्योगों के लिए तकनीक विकसित की जाएगी. ताकि उद्योगों को फायदा हो सके. इस रिसर्च पार्क में कृषि सौर ऊर्जा के साथ-साथ डिफेंस टेक्नोलॉजी पर भी शोध किया जाएगा. केंद्र सरकार को इस पूरे प्रस्ताव को भेजा गया है. मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.