इंदौर। बीजेपी 11 सितंबर को मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन का ऐलान किया है. लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीजेपी को आंदोलन के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है. जिसे लेकर बीजेपी नेता अब जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं.
मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन के लिए इंदौर में भी बीजेपी नेताओं ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी. आधिकारिक तौर पर अनुमति नहीं मिलने से बीजेपी नेता जिला प्रशासन से खफा नजर आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार के दबाव में अनुमति नहीं देने के आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार असफलता की ऊंचाइयों को छू चुकी है.
उमेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश में सिर्फ तबादला नीति के तहत कार्य किया जा रहा है. कांग्रेस सरकार गूंगी बहरी सरकार बनकर जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रही है. लिहाजा कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. उनका कहना है कि अगर प्रशासनिक तौर पर अनुमति दी जाती है तो पहले शांतिपूर्ण तरीके से हरसिद्धि मंदिर से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालते, लेकिन अब हर गली- मोहल्ले से बीजेपी कार्यकर्ता निकलेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर कोई भी अप्रिय स्थिति बनती है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.