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इंदौर: बीजेपी नेताओं को 'घंटानाद आंदोलन' की नहीं मिली अनुमति, जिला प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन को लेकर इंदौर में अनुमति नहीं मिलने पर बीजेपी नेताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव का आरोप लगाया है.

उमेश शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
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Published : Sep 10, 2019, 7:27 PM IST

इंदौर। बीजेपी 11 सितंबर को मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन का ऐलान किया है. लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीजेपी को आंदोलन के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है. जिसे लेकर बीजेपी नेता अब जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं.

बीजेपी नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी

मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन के लिए इंदौर में भी बीजेपी नेताओं ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी. आधिकारिक तौर पर अनुमति नहीं मिलने से बीजेपी नेता जिला प्रशासन से खफा नजर आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार के दबाव में अनुमति नहीं देने के आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार असफलता की ऊंचाइयों को छू चुकी है.

उमेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश में सिर्फ तबादला नीति के तहत कार्य किया जा रहा है. कांग्रेस सरकार गूंगी बहरी सरकार बनकर जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रही है. लिहाजा कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. उनका कहना है कि अगर प्रशासनिक तौर पर अनुमति दी जाती है तो पहले शांतिपूर्ण तरीके से हरसिद्धि मंदिर से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालते, लेकिन अब हर गली- मोहल्ले से बीजेपी कार्यकर्ता निकलेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर कोई भी अप्रिय स्थिति बनती है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.

इंदौर। बीजेपी 11 सितंबर को मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन का ऐलान किया है. लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बीजेपी को आंदोलन के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है. जिसे लेकर बीजेपी नेता अब जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं.

बीजेपी नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी

मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन के लिए इंदौर में भी बीजेपी नेताओं ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी. आधिकारिक तौर पर अनुमति नहीं मिलने से बीजेपी नेता जिला प्रशासन से खफा नजर आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार के दबाव में अनुमति नहीं देने के आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार असफलता की ऊंचाइयों को छू चुकी है.

उमेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश में सिर्फ तबादला नीति के तहत कार्य किया जा रहा है. कांग्रेस सरकार गूंगी बहरी सरकार बनकर जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रही है. लिहाजा कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. उनका कहना है कि अगर प्रशासनिक तौर पर अनुमति दी जाती है तो पहले शांतिपूर्ण तरीके से हरसिद्धि मंदिर से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालते, लेकिन अब हर गली- मोहल्ले से बीजेपी कार्यकर्ता निकलेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर कोई भी अप्रिय स्थिति बनती है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.

Intro:भाजपा 11 सितंबर को मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटा नाद आंदोलन का ऐलान कर चुकी है लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भाजपा को आंदोलन के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई है जिसे लेकर भाजपा नेता अब जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है


Body:भाजपा 11 सितंबर को मध्यप्रदेश में प्रदेशव्यापी घंटा नाद आंदोलन कर रही है जिसके लिए इंदौर में भी जिला प्रशासन से भाजपा नेताओं ने अनुमति मांगी थी आधिकारिक तौर पर अनुमति नहीं मिलने से भाजपा नेता जिला प्रशासन से खफा नजर आ रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार के दबाव में अनुमति नहीं देने के आरोप लगा रहे हैं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार असफलता की ऊंचाइयों को छू चुकी है प्रदेश में सिर्फ तबादला नीति के तहत कार्य किया जा रहा है ओर कांग्रेस सरकार गूंगी बहरी सरकार बनकर जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रही है और इसी कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए प्रदेशव्यापी घंटानाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि प्रशासनिक तौर पर अनुमति दी जाती है तो शांतिपूर्ण तरीके से हरसिद्धि मंदिर से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली जाएगी और यदि अनुमति नहीं मिलती है तो भाजपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शहर के अलग-अलग मार्गों से कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे और इस दौरान यदि कोई भी अप्रिय स्थिति बनती है तो उसके जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी होंगे

बाईट - उमेश शर्मा, भाजपा प्रवक्ता


Conclusion:भाजपा के द्वारा चेतावनी देने के बाद कहीं ना कहीं अधिकारियों के लिए परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि कलेक्टर कार्यालय के पास में ही कर्बला मैदान पर मेले का भी आयोजन रहेगा ऐसे में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उस और से भी कलेक्टर कार्यालय आएंगे प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन कार्यकर्ताओं को शांत रखना है वही अनुमति नहीं मिलने के कारण भाजपा भी आक्रामक तौर पर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है
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