इंदौर। शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला की दिवंगत माताजी के निधन पर आयोजित शोक सभा में बड़ा हादसा हो गया. उठावना कार्यक्रम में शुक्रवार शाम को टेंट गिर जाने से 55 वर्षीय विनोद दुबे की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि करीब 21 लोग घायल बताए जा रहे हैं. शोक सभा मरीमाता चौराहे पर आयोजित की गई थी. इसी दौरान तेज बारिश के चलते टेंट का डोम नीचे आ गिरा.
बताया जा रहा है कि मृतक विनोद विधायक संजय शुक्ला के दूर के रिश्तेदार थे. हादसे के तुरंत बाद नगर निगम और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और डोम में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. करीब 1 घंटे तक हुई तेज बारिश के चलते डोम के उपर पानी भर गया था, जिसके बाद डोम नीचे आ गिरा. हादसे में कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं, जिन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है.
पानी का दवाब बनने के बाद गिर गया वाटरप्रूफ डोम
बीते दिन अक्टूबर की रात विधायक संजय शुक्ला की माताजी श्रीमती कृष्णा देवी का निधन हो गया था. जिसके बाद शुक्रवार को उनके निज निवास के नजदीक मरीमाता चौराहे पर एक शोक बैठक का आयोजन किया गया था. यहां शोक बैठक(उठावने) समाप्ति के लगभग 6 बजे अचानक तेज बारिश के कारण वाटरप्रूफ डोम गिर गया. घटना के वत्त पांच सो से अधिक लोग वहां मौजूद थे.
एसडीआरएफ की टीम ने संभाला मोर्चा
हादसे की आशंका होते ही कुछ लोग भाग खड़े हुए जबकि कुछ डोम गिरने से दब गए. घटना के समय विधायक संजय शुक्ला और उनका परिवार यहां मौजूद था. घटना की जानकारी मिलते ही निगम, एसडीआरएफ और एमपीईबी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला. बताया गया है कि घटना के दौरान विधायक विशाल पटेल और कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा भी बाल-बाल बचे.
दुर्घटना की दो वजह आईं सामने
इस दुर्घटना की वजह अत्यधिक बारिश और तूफान को ही माना जा रहा है, लेकिन जानकारी मिली है कि हादसे के पीछे दो वजह थी. पहला टेंट वाटर प्रूफ होने के कारण यह हादसा हुआ. क्योंकि बारिश होने के कारण पानी उसके ऊपर भर गया और निकासी नहीं होने से पानी का दबाब टेंट पर बन गया. जबकि दूसरी वजह सामने आ रही है कि जिस जगह टेंट लगा था उसके पास एक बड़ा नाला था जो बारिश के कारण उफान पर आ गया. इस दौरान टेंट का एक हिस्सा उसकी वजह से जमीन में धंस गया.
नाले में चलाया गया सर्चिंग अभियान
एसडीआरएफ के दल ने कुछ देर तक नाले में सर्चिंग भी की. ताकि इस बात की तस्दीक हो जाए की आखिर कोई नाले में बह तो नहीं गया. कुछ देर चली सर्चिंग के बाद एसडीआरएफ का दल मौके से रवाना हुआ. इसके साथ ही मौके पर एम्बुलेंस और अतिरिक्त चिकित्सा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था. चिकित्सा व्यवस्था की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी खुद कर रहे थे.