हरदा। आपने लकड़े-लड़कियों को अपने मनपसंद प्यार को पाने के लिए घर से भागता हुआ देखा होगा, घर वालों से नाराज होकर घर छोड़ने के किस्से सुने होंगे. लेकिन यहां मामला कुछ अलग ही है. यहां एक लकड़ी अपने घर से भागी लेकिन किसी साथी के लिए नहीं बल्कि भविष्य संवारने के लिए, क्योंकि घरवाले उसकी शादी करना चाह रहे थे.
- इसलिए छोड़ा अपना घर
हरदा सिविल लाइन थाना क्षेत्र में बीते साल फरवरी माह में एक परिवार ने अपनी 21 साल की लड़की के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले को लेकर सिविल लाइन थाना पुलिस के द्वारा लापता लड़की की खोजबीन के लगातार प्रयास किए जा रहे थे. पुलिस को जब लापता लड़की दीपिका विश्नोई के दिल्ली में होने की जानकारी मिली तो सिविल लाइन पुलिस की एक टीम उसकी खोज में दिल्ली पहुचीं. जहां पर लापता दीपिका ने पुलिस को बताया कि वह अपना कैरियर बनाना चाहती थी. लेकिन उसे डर था कि उसके परिजनों के द्वारा सामाजिक बन्धनों के चलते उसकी पढ़ाई को बीच मे ही रोकर उसे गांव ले जाकर उसकी जल्द शादी कर देंगे. जिसके चलते उसने अपनी मां को छोड़कर कही और जाकर पढ़ाई करने के साथ अपना कैरियर बनाने का निर्णय ले लिया. जिसके बाद वह अपने एक परिचित के घर दिल्ली में रह रही थी. जहां घर के काम काज के साथ-साथ उसने दिल्ली पुलिस और एसएससी की तैयारी भी की. एसएससी में तो लापता दीपिका असफल रही लेकिन उसे दिल्ली पुलिस में चयनित होने की पूरी उम्मीद है.
- एक साल तक किसी से भी नहीं किया संपर्क
हरदा के वार्ड नं 6 में रहने वाली एक महिला अपनी दो बेटियों के साथ रहकर उन्हें पढ़ाई करा रही थी. बड़ी बेटी की शादी होने के बाद छोटी बेटी और मां अकेले रह रही थी. छोटी बेटी दीपिका जो कि हरदा के सरकारी कॉलेज से बीएसएसी कर रही थी. उसे आशंका थी कि परिजनों के द्वारा उसकी पढ़ाई छुड़ाकर उसकी शादी कर दी जाएगी. इसी बात को लेकर उसमें असमंजस बना हुआ था. वह शासकीय सेवा में जाकर अपना कैरियर बनाना चाहती थी. इसी बात को लेकर उसने घर से जाने का निर्णय लिया और उसके एक परिचित जो दिल्ली में रहते हैं. उनसे संपर्क किया और उनके घर रहने लगी. इस बीच उसका पूरे 1 साल हरदा के किसी भी रिश्तेदार से कोई संपर्क नहीं किया, क्योंकि दीपिका शादी विवाह को छोड़कर अपना कैरियर बनाने का निर्णय ले चुकी थी. जिसके चलते वह घर लौट कर नहीं आना चाहती थी. इसी बीच जब लॉकडाउन लग गया तब दिल्ली में रहने वाले उसके परिचित लोगों ने उसे अपने परिवार के सदस्य की तरह ही आसरा दिया. लेकिन जब दिल्ली में रहने वाले परिचय ने एक साल बाद उसे अपने परिजनों से सम्पर्क करने को कहा, तो फिर वह अपनी मम्मी से बात करने को राजी हुई, लेकिन मम्मी से मिलने के बाद वह दोबारा से दिल्ली में रहकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहती है. जिसके लिए उसके परिजन भी तैयार है.
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- लापता होने की दर्ज हुई थी शिकायत
एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि लापता दीपिका विश्नोई में अपने कैरियर बनाने को लेकर एक जुनून सा था. जिसको लेकर वह अपने घर से दूर चली गई थी. सिविल लाइन थाने में दीपिका के परिजनों के द्वारा उसके लापता होने की शिकायत दर्ज की गई थी. जिसके बाद पुलिस के द्वारा उसकी तलाश की जा रही थी. जब पुलिस को उसके दिल्ली में होने की जानकारी मिली तो हरदा के सिविल लाइन थाना से टीम दिल्ली भेजी गई, जहां दीपिका जिस जगह पर रह रही थी. उन सभी के बयान लेकर उसे हरदा लाकर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है. इस पूरे मामले में किसी प्रेम- प्रसंग के चलते लापता होने या घर से भागने जैसे कोई बात सामने नहीं आई है, वह कैरियर बनाने की जिद को लेकर घर से दिल्ली गई थी.