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शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला: विहिप कार्यकर्ता बोले- वापस लिया जाए दर्ज मामला, नहीं तो होगा आंदोलन

शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला अब तूल पकड़ चुका है. 150 लोगों को आरोपी बनाए जाने के बाद बजरंगद दल और विहिप कार्यकर्ताओं ने दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चेतावनी भी दी है.

शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला
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Published : Oct 12, 2019, 3:33 AM IST

ग्वालियर। दशहरे के मौके पर मंगलवार को शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हर्ष फायरिंग की थी. जिसके बाद उन्हें आरोपी बना दिया गया. अब बजरंग दल का कहना है कि एक ही शहर में एक ही घटना को लेकर अलग-अलग व्याख्या नहीं की जा सकती. या तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस ले या फिर पुलिस अधीक्षक पर भी मामला दर्ज किया जाए.

शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला

बजरंग दल की दलील और आरोप

दरअसल, शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण नदी गेट पर हर्ष फायरिंग कर खुशी का इजहार किया था. बजरंग दल का कहना है कि उन्होंने दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा को निभाया है. कुछ ऐसा ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरपी लाइन में मंगलवार सुबह किया था, जहां शस्त्र पूजन के बाद पुलिस अधिकारियों ने फायरिंग की थी.

आंदोलन की चेतावनी
बजरंग दल का कहना है कि जब उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 336 के तहत कार्रवाई हो सकती है तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि दोनों ही एक जैसे मामले हैं. फिर अलग-अलग कानून क्यों. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 1 सप्ताह के भीतर दर्ज मामले वापस नहीं किए गए तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.

ये था मामला
विजयदशमी के पर्व शस्त्र पूजन के वक्त विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हर्ष फायरिंग का मामला सामने आया था. जिसके बाद प्रशासन ने 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस ने वायरल वीडियो के जरिए हर्ष फायर करने वालों की पहचान की थी, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है.

ग्वालियर। दशहरे के मौके पर मंगलवार को शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हर्ष फायरिंग की थी. जिसके बाद उन्हें आरोपी बना दिया गया. अब बजरंग दल का कहना है कि एक ही शहर में एक ही घटना को लेकर अलग-अलग व्याख्या नहीं की जा सकती. या तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस ले या फिर पुलिस अधीक्षक पर भी मामला दर्ज किया जाए.

शस्त्र पूजन में फायरिंग का मामला

बजरंग दल की दलील और आरोप

दरअसल, शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण नदी गेट पर हर्ष फायरिंग कर खुशी का इजहार किया था. बजरंग दल का कहना है कि उन्होंने दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा को निभाया है. कुछ ऐसा ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरपी लाइन में मंगलवार सुबह किया था, जहां शस्त्र पूजन के बाद पुलिस अधिकारियों ने फायरिंग की थी.

आंदोलन की चेतावनी
बजरंग दल का कहना है कि जब उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 336 के तहत कार्रवाई हो सकती है तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि दोनों ही एक जैसे मामले हैं. फिर अलग-अलग कानून क्यों. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 1 सप्ताह के भीतर दर्ज मामले वापस नहीं किए गए तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.

ये था मामला
विजयदशमी के पर्व शस्त्र पूजन के वक्त विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हर्ष फायरिंग का मामला सामने आया था. जिसके बाद प्रशासन ने 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस ने वायरल वीडियो के जरिए हर्ष फायर करने वालों की पहचान की थी, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है.

Intro:ग्वालियर
दशहरे पर मंगलवार को शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को फायरिंग करने के मामले में भले ही आरोपी बना दिया गया हो लेकिन अब बजरंग दल का कहना है कि एक ही शहर में एक ही घटना को लेकर अलग-अलग व्याख्या नहीं की जा सकती या तो पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस ले अथवा पुलिस अधीक्षक पर भी मामला दर्ज किया जाए।Body:दरअसल शस्त्र पूजन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण नदी गेट पर हर्ष फायरिंग कर खुशी का इजहार किया था ।बजरंग दल का कहना है कि उन्होंने दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा को निभाया है ।कुछ ऐसा ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरपी लाइन में मंगलवार सुबह किया था जहां शस्त्र पूजन के बाद पुलिस अधिकारियों ने फायरिंग की थी।Conclusion:बजरंग दल का कहना है कि जब उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 336 के तहत कार्रवाई हो सकती है तो पुलिस अधीक्षक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और दूसरे अधिकारियों के खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया जाए ।क्योंकि दोनों ही एक जैसे मामले हैं फिर अलग-अलग कानून क्यों ।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 1 सप्ताह के भीतर दर्ज मामले वापस नहीं किए गए तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
बाइट पप्पू वर्मा प्रांतीय मंत्री बजरंगदल ग्वालियर
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