ग्वालियर। मुरैना की पहचान रहा कैलारस का सहकारी शुगर मिल कारखाना अस्थायी रूप से बंद हो चुका है. उसके कर्मचारियों को उनके लंबित भुगतान और रिटायरमेंट ड्यूज के लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया गया है. जिसपर कलेक्टर प्रियंका दास ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है.
दरअसल कैलारस सहकारी शुगर मिल कारखाना लंबे अरसे से बंद है. इसे शुरू कराने की सभी कोशिशें असफल हो चुकी हैं. ऐसे में सरकार के पास इसे बेचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. इसके लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया गया है. जिसके जरिए मिल और उसकी संपत्ति को बेचकर कर्मचारियों का भुगतान किया जाएगा. गौरतलब है कि कर्मचारियों ने अपने लंबित भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर हाईकोर्ट ने मुरैना जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया था.
इस सिलसिले में मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास को हाई कोर्ट ने तलब भी किया. प्रियंका दास ने कोर्ट को बताया है कि लिक्विडेटर के जरिए सभी कर्मचारियों का भुगतान कराया जाएगा. जिसमें कुछ समय लग सकता है. इस कारखाने में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे. जिनका करीब लगभग 15 से 20 करोड़ रुपया बकाया है.