ग्वालियर। नगर निगम परिषद में 57 साल बाद कांग्रेस की महापौर ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2100 करोड़ रुपये का पहला बजट पेश किया, जो नगर सरकार का सबसे बड़ा बजट माना जा रहा है. कांग्रेस ने इसे 7 लाख 14 हजार रुपये फायदे का बजट बताया है. वहीं सभापति ने बजट में संशोधन और स्थगन के लिए 25 मार्च का समय दिया गया है, लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि जब बजट को लेकर विपक्ष के द्वारा कोई हंगामा नहीं किया गया.
कांग्रेस महापौर ने पेश किया अपने कार्यकाल का पहला बजटः ग्वालियर नगर निगम परिषद में कांग्रेस पार्टी की महापौर डॉ शोभा सिकरवार मंगलवार को 12:00 बजे परिषद भवन में बजट पेश करने पहुंची और अपने कार्यकाल का पहला 2100 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. महापौर के द्वारा बजट प्रस्तुत करने के बाद सभापति मनोज तोमर ने बजट में संशोधन और स्थगन के लिए 25 मार्च का समय दिया है, इसके बाद बजट परिषद में आने के बाद पास किया जाएगा. साथ ही बजट में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पार्षदों को एक-एक लाख रुपये वार्षिक वित्तीय सहायता बांटने और महापौर को 2 करोड़ रुपये के प्रावधान के अधिकार दिए गए हैं.
कांग्रेस का बचत का बजटः कांग्रेस वित्तीय वर्ष बजट को इसलिए बचत का बजट बता रही है, क्योंकि इसमें महापौर की स्वेच्छा अनुदान राशि 3 करोड़ रुपये भी रखी गई है. साथ ही अमृत प्रोजेक्ट-2 के 913 करोड़ रुपये भी निगम जोड़कर चल रहा है, क्योंकि इसकी डीपीआर बनाने का काम चल रहा है. इसमें चंबल प्रोजेक्ट की राशि भी जुड़ी हुई है, इसके अलावा 15वें वित्त आयोग के 55 करोड़ रुपये की राशि भी जोड़ी गई.
बजट पर संशोधन और स्थगन के लिए 25 मार्च तक का समयः महापौर डॉ शोभा सिकरवार के द्वारा 2100 करोड़ रुपये का बजट पेश करने के बाद सभापति मनोज तोमर का कहना है कि "बजट पेश करने के दौरान पार्षदों को बजट की कॉपी मिली हैं, इस बजट पर संशोधन और स्थगन के लिए 25 मार्च का समय दिया है." वहीं नेता प्रतिपक्ष हरिपाल का कहना है कि
"बजट का अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. शहर की स्थिति काफी खराब है, शहर वासियों को सुविधा दी नहीं जा रही. टैक्स वसूली में पिछड़ रहे हैं सड़कें खराब हैं, बजट का अवलोकन कर संशोधन लगाएंगे."
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1388 करोड़ था 2022-23 का बजटः बहराल नगर निगम परिषद में यदि 2100 करोड़ का बजट पास होता है तो यह बजट ग्वालियर निगम इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा, क्योंकि 2022- 23 का बजट 1388 करोड़ था, उससे यह 712 करोड़ अधिक है, जबकि नगर निगम की वसूली मुश्किल से 200 करोड़ है. वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निगम अधिकारियों के प्रतिवेदन पर महापौर व मेयर इन काउंसिल (एमआइसी) के सदस्यों ने 2100 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है.