ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने चर्चित इंस्पेक्टर धनेंद्र भदौरिया को सशर्त जमानत दे दी है. कोर्ट ने धनेंद्र भदौरिया को एक लाख के निजी मुचलके पर रिहा करने और जांच में सहयोग करने के आश्वासन के बाद जमानत याचिका स्वीकार कर रिहा करने के आदेश दिए गए हैं. दतिया के अधिवक्ता मोहर सिंह कौरव के साथ घर में घुसकर मारपीट करने और धमकाने के आरोप में न्यायालय के आदेश पर दतिया कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी धनेंद्र भदौरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वह लंबे अरसे से फरार था. उसने पूर्व में अधीनस्थ न्यायालय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी लेकिन हर जगह से उसकी याचिका खारिज हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इंस्पेक्टर भदोरिया को निर्देशित किया था कि वह पहले कोर्ट में सरेंडर करे उसके बाद ही जमानत पर कोई विचार किया जाएगा.
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अधिवक्ता के साथ घर में घुसकर मारपीट का आरोप
सुप्रीम न्यायालय के आदेश पर 25 मार्च को दतिया कोर्ट में इंस्पेक्टर धनेंद्र भदौरिया ने सरेंडर किया था, उसे जेल भेज दिया गया था. इसके साथ ही धनेंद्र भदोरिया ने अपनी जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने उसकी याचिका स्वीकार कर ली है. एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर इंस्पेक्टर को जमानत दी गई है. करीब 8 साल पुराने एक मामले में दतिया के तत्कालीन कलेक्टर ने अधिवक्ता मोहर सिंह कौरव के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया गया था. इस पर तत्कालीन टीआई धनेंद्र भदोरिया ने वकील को गिरफ्तार करने उसके घर में दबिश दी थी लेकिन अधिवक्ता का कहना था कि इस दौरान टीआई भदौरिया ने उसके साथ ना सिर्फ अभद्रता की बल्कि मारपीट भी की. उसने थाने में आवेदन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और आखिरकार उसने न्यायालय की शरण ली. जहां पर टीआई धनेंद्र भदौरिया सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.