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दो गुटों में बंटी कांग्रेस, सिंधिया समर्थक नेताओं ने ग्वालियर छोड़ किया गुना का रुख

ग्वालियर में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दो गुटों में बंटी हुई नजर आ रही है. यहीं वजह है कि सिंधिया खेमे के ज्यादातर बड़े नेता गुना में प्रचार-प्रसार में पहले ही लगा दिए गए हैं.

दो गुटों में बंटी कांग्रेस
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Published : Apr 19, 2019, 10:56 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर और गुना में कांग्रेस में गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है. यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दो गुटों में कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है. यही वजह है कि कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ग्वालियर से ज्यादा गुना सीट की चिंता सता रही है. सिंधिया गुट के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता गुना की तरफ जा रहे हैं.

दो गुटों में बंटी कांग्रेस

कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाता है. इसलिए दिग्गी खेमे से जुड़े कार्यकर्ता और नेता ग्वालियर संसदीय सीट पर पसीना बहा रहे हैं. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के ज्यादातर बड़े नेता गुना में प्रचार-प्रसार में पहले ही लगा दिए गए हैं.

बीजेपी प्रवक्ता राजेश सोलंकी का कहना है कि अंचल के अंदर कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि एक गिरोह के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम नहीं करते है बल्कि अपने गुट के नेता के लिए काम करते हैं. यही वजह है कि दिग्गी के लोग भोपाल चले गये और सिंधिया के लोग गुना चले गये हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब एक गैंग बन गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम से कहीं न कहीं बीजेपी डरी हुई है इसलिए इस तरह का झूठा प्रोपेगेंडा फैला रही है.

कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को 2014 की लोकसभा चुनाव में महज तीन फीसदी वोटों के अंतर से हार मिली थी. जिसके पीछे भी अंचल के कांग्रेसी नेताओं का गुना जाना रहा था. लेकिन यह बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट नजर आ रहा है.

ग्वालियर। ग्वालियर और गुना में कांग्रेस में गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है. यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दो गुटों में कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है. यही वजह है कि कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ग्वालियर से ज्यादा गुना सीट की चिंता सता रही है. सिंधिया गुट के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता गुना की तरफ जा रहे हैं.

दो गुटों में बंटी कांग्रेस

कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाता है. इसलिए दिग्गी खेमे से जुड़े कार्यकर्ता और नेता ग्वालियर संसदीय सीट पर पसीना बहा रहे हैं. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के ज्यादातर बड़े नेता गुना में प्रचार-प्रसार में पहले ही लगा दिए गए हैं.

बीजेपी प्रवक्ता राजेश सोलंकी का कहना है कि अंचल के अंदर कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि एक गिरोह के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम नहीं करते है बल्कि अपने गुट के नेता के लिए काम करते हैं. यही वजह है कि दिग्गी के लोग भोपाल चले गये और सिंधिया के लोग गुना चले गये हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब एक गैंग बन गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम से कहीं न कहीं बीजेपी डरी हुई है इसलिए इस तरह का झूठा प्रोपेगेंडा फैला रही है.

कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को 2014 की लोकसभा चुनाव में महज तीन फीसदी वोटों के अंतर से हार मिली थी. जिसके पीछे भी अंचल के कांग्रेसी नेताओं का गुना जाना रहा था. लेकिन यह बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट नजर आ रहा है.

Intro:ग्वालियर - ग्वालियर शहर के कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का गुना संसदीय क्षेत्र से मोह टूटता हुआ नजर नहीं आ रहा है। ग्वालियर से ज्यादा उन्हें चिंता गुना सीट की सता रही है कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया कल यानी 20 अप्रैल को शिवपुरी में नामांकन पर्चा भरेंगे । 23 अप्रैल को अशोक सिंह पर्चा दाखिल करेंगे। इसका उदाहरण इस समय देखने को मिला जब सोमवार को ही कांग्रेस कार्यालय जिला कॉंग्रेस कमेटी की बैठक में गुना जाने की रणनीति बनाई गई । लेकिन इस महत्वपूर्ण बैठक में लोकसभा सीट की रणनीति को तवज्जो नहीं दी गई। ग्वालियर से ज्यादातर बड़ी नेता गुना में प्रचार-प्रसार में पहले ही लगा दिए गए। अब चुनाव में भी सिंधिया खेमे के ज्यादातर नेताओं और कार्यकर्ताओं को वही जिम्मेदारी दी जाएगी । इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि कॉंग्रेस पार्टी में अंदर ही अंदर अभी गुटबाजी नजर आ रही है ।यही कारण कि सिन्धिया गुट के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता गुना की तरफ भाग रहे है। कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक सिंह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाते है इसलिए दिग्गी खेमे से जुड़े कार्यकर्ता और नेता ग्वालियर संसदीय सीट पर पसीना बहा रहे है। 2014 लोकसभा चुनाव में भी अशोक सिंह 3 फ़ीसदी वोटों के अंतर से हार मिली थी। जिसका प्रमुख कारण शहर के कांग्रेसी नेताओं का गुना में प्राथमिक होना था


Body:जहां इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि अंचल के अंदर कांग्रेस पार्टी नहीं एक गिरोह के रूप में काम कर रही है। जिसके सरगना के लिए शहर के कांग्रेसी कार्यकर्ता गुना की तरफ पलायन कर रहे हैं। उनके लिए अपनी पार्टी व आलाकमान का आदेश कोई मायने नहीं रखता ।उनके लिए गिरोह के सरगना का आदेश सर्वोपरि होता है। इसी के चलते वह अपनी क्षेत्रीय प्रत्याशी के साथ खड़ा होना नहीं चाहते हसि। यही कारण है कि ज्यादातर ग्वालियर चंबल संभाग के कार्यकर्ता और नेता गुना सीट के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कॉंग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम से कहीं न कहीं बीजेपी डरी हुई है इसलिए इस तरह का झूठा प्रोपोगेंडा बना रही है ।


Conclusion:कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को 2014 की लोकसभा चुनाव में भी महज तीन फीसदी वोटों के अंतर से हार मिली थी। जिसके पीछे भी अंचल के कांग्रेसी नेताओं का गुना भाग जाना प्रमुख था । लेकिन यह बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट नजर आ रहा है। यही कारण है कि ग्वालियर प्रत्याशी अशोक सिंह दिग्विजय सिंह गुट के होने के कारण सिंधिया समर्थक गुना की तरफ रवाना हो रहे हैं।

बाईट - राजेश सोलंकी ,बीजेपी
बाईट - आर पी सिंह , काँग्रेस
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