ग्वालियर। ग्वालियर और गुना में कांग्रेस में गुटबाजी खत्म नहीं हो रही है. यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दो गुटों में कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है. यही वजह है कि कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ग्वालियर से ज्यादा गुना सीट की चिंता सता रही है. सिंधिया गुट के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता गुना की तरफ जा रहे हैं.
कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को दिग्विजय सिंह खेमे का माना जाता है. इसलिए दिग्गी खेमे से जुड़े कार्यकर्ता और नेता ग्वालियर संसदीय सीट पर पसीना बहा रहे हैं. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के ज्यादातर बड़े नेता गुना में प्रचार-प्रसार में पहले ही लगा दिए गए हैं.
बीजेपी प्रवक्ता राजेश सोलंकी का कहना है कि अंचल के अंदर कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि एक गिरोह के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम नहीं करते है बल्कि अपने गुट के नेता के लिए काम करते हैं. यही वजह है कि दिग्गी के लोग भोपाल चले गये और सिंधिया के लोग गुना चले गये हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब एक गैंग बन गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम से कहीं न कहीं बीजेपी डरी हुई है इसलिए इस तरह का झूठा प्रोपेगेंडा फैला रही है.
कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को 2014 की लोकसभा चुनाव में महज तीन फीसदी वोटों के अंतर से हार मिली थी. जिसके पीछे भी अंचल के कांग्रेसी नेताओं का गुना जाना रहा था. लेकिन यह बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह और सिंधिया गुट नजर आ रहा है.