धार। जून आते ही मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. तेज गर्मी के बाद अब बारिश ने धीरे-धीरे दस्तक देना शुरू कर दी है. बारिश अपने साथ ही कई मौसमी बीमारियां लाती है. इन बीमारियों के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण और तेजी से बढ़ सकता है. इसलिए पहले से ज्यादा सजग रहकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना अब और जरूरी हो गया है. मौसम में जो बदलाव आया है, उसको लेकर कोरोना संक्रमण किस तरीके से फैलेगा, कैसे संक्रमण से बचा जा सके इसे लेकर ईटीवी भारत ने धार जिले के महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. संजय भंडारी से विशेष चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ बारिश हो रही है. उसमें कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पहले से ज्यादा सजग रहना पड़ेगा और सावधानियां बरतने की जरूरत है.
तापमान में गिरावट से शक्तिशाली होता है कोरोना वायरस
महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ.संजय भंडारी ने कहा कि मौसम में जो बदलाव आया है. उससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पहले से ज्यादा सजग और सावधानियां बरतनी होगी. क्योंकि तापमान में जो बदलाव आया है. उससे गर्मी में गिरावट दर्ज की गई है. तापमान में गिरावट के कारण ही कोरोना वायरस और शक्तिशाली हो जाता है और वह पहले से ज्यादा तेजी से संक्रमण को फैला सकता है. इसलिए पहले से ज्यादा और सावधानियां बरतना पड़ेगी. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना पड़ेगा. हाथों की सफाई के साथ में आस-पास के परिवेश की भी सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. तभी कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है.
मौसमी बीमारी और संक्रमण के लक्षणों में अंतर
डॉ. संजय भंडारी ने बताया कि निश्चित ही बारिश के मौसम में सर्दी-खासी होना लाजमी है. कोरोना वायरस के संक्रमण में भी सर्दी-खासी को देखा जाता है. इसे पहचानने के लिए दो अलग-अलग तरह की श्रेणी में उसे रख कर काम किया जाएगा. बारिश के मौसम में जिन लोगों को सामान्य सर्दी खांसी के लक्षण होंगे उन्हें इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेश (I.L.I) की श्रेणी में रखा जाएगा. जिन्हें सामान्य सर्दी खांसी के लक्षण हैं, उन्हें फीवर क्लीनिक में डॉक्टरों के द्वारा चेकअप कराकर सर्दी खांसी का उपचार देकर स्वस्थ्य किया जाएगा.
जिन लोगों को सर्दी खांसी ज्यादा होगी उन लोगों को सीवियर एक्यूट रेस्प्रियाट्री इंफेक्शन (S.A.R.I) की श्रेणी में रखा जाएगा. ऐसे लोगों का कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित कंफर्म मैट्रिक टेस्ट किये जायेंगे और उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जायेगा. वहीं कंफर्म मैट्रिक टेस्ट में कोरोना वायरस कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उनका उपचार किया जाएगा.
इम्यूनिटी बढ़ाने पर दें ध्यान
बारिश के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ अन्य बीमारियों से बचना है तो शारीरिक इम्यूनिटी पर विशेष ध्यान देना होगा. इम्यूनिटी बढ़ाने और बनाये रखने के लिए योग से बेहतर उपाय कोई नहीं है. योग को ज्यादा से ज्यादा लोग अपनाएं और उसे घर में ही करें. इसके साथ ही खाने-पीने पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बारिश के मौसम में ठंडी चीजें खाने से बचे, गुनगुनी गर्म चीजें जरूर खाएं. खासकर पानी भी उबाल कर के ही पीएं. गुनगुना पानी पीना इम्यूनिटी के लिए सबसे बेहतर होता है. वहीं डॉ. संजय भंडारी ने इम्यूनिटी बढ़ाने और उसे बनाये रखने के लिए सलाह देते हुए कहा कि शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने वाली चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. इनमें खासकर दालों का सेवन, पनीर, दूध, दूध से बने पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. जिससे आपके शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने और बनाये रखने में मदद मिलेगी और यह कोरोना संक्रमण से आप को बचाने के लिए काम आएगा.
नॉनवेज खाने से बचें
डॉ.संजय भंडारी ने नॉनवेज खाने से लोगों को दूरी बनाए रखने की सलाह दी है. बारिश के मौसम में खासकर मांसाहारी भोजन से लोगों को बचना चाहिए. क्योंकि कहीं न कहीं बारिश के मौसम में गंदगी फैलती है. उसे कहीं न कहीं मांसाहार भी दूषित होता है. यदि दूषित मांस आहार शरीर में जाएगा तो निश्चित ही वह शरीर के लिए हानिकारक होगा. इसलिए बारिश के मौसम में और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मांस का आहार बिल्कुल न करें.
लाइफ स्टाइल को बदलें
कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ में मौसमी बीमारियों से भी बचने के लिए अब मानव को निश्चित ही अपनी सामान्य जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा. इसके लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग पर का विशेष ध्यान देना होगा. इसके साथ ही साथ साफ-सफाई को लेकर भी विशेष अभियान चलाने पड़ेंगे. सैनिटाइजर से बार बार हाथ धोना और मास्क पहननना अपनी दिनचर्या में जरूरी हिस्सा बना लें. यदि कोई व्यक्ति साफ-सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ में मास्क का उपयोग नहीं करता है तो ऐसे व्यक्तियों को जागरुक करना चाहिए, उन्हें इसके बारे में बताना होगा और उन्हें भी प्रेरित करना होगा.