छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा शहर इन दिनों सीवरेज के लिए हो रही सड़क खुदाई लोगों के लिए परेशान का सबब बन गई है. दरअसल शहर के हर नगरों में सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है. इसके लिए मजदूर सड़कों की खुदाई कर रहे हैं. लेकिन लाइन बिछाने के लिए की जा रही खुदाई लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है.
छिंदवाड़ा नगर निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र मिगलानी का कहना है कि जब योजना बनती है तो उस समय कुछ सिस्टम रहना चाहिए. मोदी सरकार ने कोई भी योजना बनाने से पहले से एक सिस्टम की परिकल्पना की है. पिछले 6 सालों में मोदी सरकार ने सिर्फ पानी और सीवरेज का ही पैसा दिया है. सड़क का अभी तक पैसा नहीं दिया गया है. लेकिन इसके पहले की मनमोहन सरकार में कोई नियम नहीं था.
जैसा पास वैसा काम
अमृत योजना में केंद्र सरकार ने नियम बना दिए है. जिसमें छिंदवाड़ा नगर निगम को रोड का पैसा पहले मिल गया. जबकि पानी और सीवरेज का पैसा बाद में मिला. जिससे जो सड़कें बन गई है उन्हें तोड़कर वापस सीवरेज डाला जा रहा है. धर्मेंद्र मृगलानी ने कहा कि यह प्रोजक्ट पहले से ही चला आ रहा है. कोई भी सरकार रहे सिस्टम सभी के चलते हैं. लेकिन सरकार यदि सिस्टम अपनाती तो जो समस्या आ रही है शायद छिंदवाड़ा को इसे फेस नहीं करना पड़ता. करीब दो साल से छिंदवाड़ा शहर में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की जा रही है. आलम यह है कि पहले शहर में कॉन्क्रीट की पक्की सड़कें बनाई गई थी लेकिन उसके बाद अब उन्हें बीच से खोदा जा रहा है.
राहगीरों को हो रही परेशानी
ठेकेदार की लापरवाही के चलते शहर के लगभग हर क्षेत्रों में खुदाई करके सड़क छोड़ी जा रही है. जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी हो रही है. और गली मोहल्लों में जाम की स्थिति बन रही है. जिससे छोटे वाहन भी सड़कों से नहीं निकल पा रहे हैं.
सड़क के बीचों बीच बड़े-बड़े गड्ढे
छिंदवाड़ा में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए कांक्रीट सड़क को बीचोंबीच से खोदा जा रहा है. उसके बाद ठेकेदार की लापरवाही के चलते गड्ढों को भरा नहीं जा रहा है. जिससे सड़क में गड्ढे हो जा रहे हैं और कई बार लोग दुर्घटना के शिकार भी हो रहे हैं.
मनमोहन सरकार की योजना थी विफल
शहर की सड़कों की हालत खराब होने के मामले में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम अध्यक्ष से बात की तो उनका कहना था कि, यह योजना मनमोहन सिंह सरकार की थी, जिसमें कोई प्लानिंग नहीं थी. पहले उन्होंने सड़क बनाने के लिए बजट दिया और उसके बाद फिर पानी और सीवरेज के लिए जबकि मोदी सरकार आने के बाद प्लानिंग बनाई गई है और उसमें मोदी सरकार पहले सीवरेज और पानी का पैसा दे रही है और उसके बाद सड़क बनाने के लिए राशि दी जा रही है.