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मुआवजे के इंतजार में MP का अन्नदाता, कब खत्म होगा इंतजार?

बुंदेलखंड का किसान एक बार फिर परेशान है. आसमान से गिरी आफत ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. वहीं मुआवजे के लिए किसान एक-एक दिन गिन रहा है.

मुआवजे के इंतजार में MP का अन्नदाता
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Published : Nov 20, 2019, 1:14 PM IST

Updated : Nov 24, 2019, 12:19 PM IST

छतरपुर। मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अंचल वैसे तो अपने अंदर एक समृद्ध इतिहास समेटे हुए है. बुंदेलखंड अपनी ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक विरासत के लिए विख्यात है. लेकिन यहां के अन्नदाता बेहद परेशान हैं, क्योंकि इस बार आफत बनकर आयी बारिश ने उनकी फसलों को तबाह कर दिया और अब किसान को मुआवजे का इंतजार है. छतरपुर के सरवई ब्लॉक के मिश्रन पुरवा गांव के किसान कई बार मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें भरोसे और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. मिश्रन पुरवा गांव के किसान हरिलाल प्रजापति ने अपना दर्द ईटीवी भारत से साझा किया है आप भी सुन लीजिए.

मुआवजे के इंतजार में MP का अन्नदाता

ये दर्द अकेले हरिलाल प्रजापति का नहीं है, बल्कि गांव के दूसरे किसान भी इसी तरह परेशान हैं. किसानों ने बताया कि पांच एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल और 10 एकड़ में लगी उड़द से एक बीज तक हाथ नहीं लगा.

मौसम की मार के बाद किसान को अब सिर्फ सरकार से मदद की आस है. इसके लिए कई बार सर्वे के लिए प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी हालत जस के तस हैं. क्योंकि प्रशासन ने किसानों को मुआवजा देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. हाालंकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही किसानों को मुआवजा मिल जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि

मुआवजा वितरण की पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन सरकार की तरफ से बजट अब तक रिलीज नहीं हुआ.

अब देखना होगा कि मुआवजे के लिए आस लगाए बैठे किसानों को कब तक प्रशासन की ओर से राहत राशि उपलब्ध हो पाएगी. हालांकि एसडीएम साहब ने बजट स्वीकृत की बात कहकर किसानों की मायूसी हो हल्का कर दिया है लेकिन पूरी मुस्कुराहट मुआवजा मिलने के बाद ही आएगी.

छतरपुर। मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अंचल वैसे तो अपने अंदर एक समृद्ध इतिहास समेटे हुए है. बुंदेलखंड अपनी ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक विरासत के लिए विख्यात है. लेकिन यहां के अन्नदाता बेहद परेशान हैं, क्योंकि इस बार आफत बनकर आयी बारिश ने उनकी फसलों को तबाह कर दिया और अब किसान को मुआवजे का इंतजार है. छतरपुर के सरवई ब्लॉक के मिश्रन पुरवा गांव के किसान कई बार मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें भरोसे और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. मिश्रन पुरवा गांव के किसान हरिलाल प्रजापति ने अपना दर्द ईटीवी भारत से साझा किया है आप भी सुन लीजिए.

मुआवजे के इंतजार में MP का अन्नदाता

ये दर्द अकेले हरिलाल प्रजापति का नहीं है, बल्कि गांव के दूसरे किसान भी इसी तरह परेशान हैं. किसानों ने बताया कि पांच एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल और 10 एकड़ में लगी उड़द से एक बीज तक हाथ नहीं लगा.

मौसम की मार के बाद किसान को अब सिर्फ सरकार से मदद की आस है. इसके लिए कई बार सर्वे के लिए प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी हालत जस के तस हैं. क्योंकि प्रशासन ने किसानों को मुआवजा देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. हाालंकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही किसानों को मुआवजा मिल जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि

मुआवजा वितरण की पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन सरकार की तरफ से बजट अब तक रिलीज नहीं हुआ.

अब देखना होगा कि मुआवजे के लिए आस लगाए बैठे किसानों को कब तक प्रशासन की ओर से राहत राशि उपलब्ध हो पाएगी. हालांकि एसडीएम साहब ने बजट स्वीकृत की बात कहकर किसानों की मायूसी हो हल्का कर दिया है लेकिन पूरी मुस्कुराहट मुआवजा मिलने के बाद ही आएगी.

Intro: बुंदेलखंड का किसान एक बार फिर परेशान है बरसात के अंतिम दिनों में आसमान से गिरी आफत की बारिश ने किसानों के चेहरे मुरझा दिए खरीफ की फसल लगभग लगभग नष्ट हो गई जिसके चलते किसान खासा परेशान है अब किसान को उम्मीद है कि रवि की फसल कुछ बेहतर हो सकेगी जिससे पुरानी फसलों में हुए नुकसान को लेकर शायद थोड़ा बहुत भरपाई हो जाए!

सरवई ब्लॉक के मिश्रन पुरवा में रहने वाले एक किसान दशरथ बताते हैं कि इस बार चने की फसल बेहतर हो सकती है बशर्ते जानवर इन फसलों को नुकसान ना पहुंचाएं!

बाइट_किसान दशरथ

वही एक और किसान हरी लाल प्रजापति बताते हैं कि खरीफ की फसल में उन्हें काफी नुकसान हुआ था इस बार चला गया है जनाब उड़ने लगा है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार इस फसल में उन्हें कुछ फायदा हो जाएगा हालांकि पुरानी फसल में नुकसान हुआ था उसको लेकर किसी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है नई सर्वे किया गया है!

बाइट_हरिलाल प्रजापति किसान

वहीं किसानों को हुए नुकसान को लेकर आल्हा अधिकारियों की वही पुराने रटे रटाये जवाब हैं किसानों को जो भी नुकसान हुआ है उसका जल्द से जल्द मुआवजा दे दिया जाएगा!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान



Body: कहते हैं कि उम्मीद पे दुनिया कायम है और शायद कहावत किसानों पर बिल्कुल ठीक बहती है खरीफ की फसल के नुकसान के बाद अब किसान रवि की फसल को लेकर बेहद उम्मीद है किसानों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार रबी की फसल बेहतर होगी जिससे उनके तमाम दुख दर्द दूर हो जाएंगे ग्रामीण क्षेत्रों के किसान चना एवं गेहूं की फसल को लेकर खासी उत्साहित हैं उन्हें उम्मीद है कि इस बार यह दोनों फसलें बेहतर होंगी जिससे उनके जीवन में कुछ बेहतर हो सकेगा बड़े ही खरीफ की फसल कुछ ना दे पाई हो और सरकार ने भी ठीक से उनका साथ ना दिया हो लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस बार या फसल जरूर अच्छी होगी बस उनकी फसलों को जंगली जानवर नुकसान ना पहुंचा दें!


छतरपुर जिले के उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कुछ गांव बारीगढ़ चंदला सरवई क्षेत्रों के किसानों को इस नए सत्र से फसल की बेहतर उम्मीद है हालांकि इस क्षेत्र में नील गायों का बेहद प्रकोप है जिसके चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है!




Conclusion:खरीफ की फसल में काफी नुकसान उठा चुके बुंदेलखंड के किसानों को रबी की फसल से काफी आशाएं हैं उन्हें उम्मीद है कि इस बार चने एवं गेहूं की फसल बेहतर हो सकती है जिससे उनकी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाएंगी!
Last Updated : Nov 24, 2019, 12:19 PM IST
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