छतरपुर। मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड अंचल वैसे तो अपने अंदर एक समृद्ध इतिहास समेटे हुए है. बुंदेलखंड अपनी ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विख्यात है. लेकिन यहां के अन्नदाता बेहद परेशान हैं, क्योंकि इस बार आफत बनकर आयी बारिश ने उनकी फसलों को तबाह कर दिया और अब किसान को मुआवजे का इंतजार है. छतरपुर के सरवई ब्लॉक के मिश्रन पुरवा गांव के किसान कई बार मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें भरोसे और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. मिश्रन पुरवा गांव के किसान हरिलाल प्रजापति ने अपना दर्द ईटीवी भारत से साझा किया है आप भी सुन लीजिए.
ये दर्द अकेले हरिलाल प्रजापति का नहीं है, बल्कि गांव के दूसरे किसान भी इसी तरह परेशान हैं. किसानों ने बताया कि पांच एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल और 10 एकड़ में लगी उड़द से एक बीज तक हाथ नहीं लगा.
मौसम की मार के बाद किसान को अब सिर्फ सरकार से मदद की आस है. इसके लिए कई बार सर्वे के लिए प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी हालत जस के तस हैं. क्योंकि प्रशासन ने किसानों को मुआवजा देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. हाालंकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही किसानों को मुआवजा मिल जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि
मुआवजा वितरण की पूरी तैयारी कर ली गई है, लेकिन सरकार की तरफ से बजट अब तक रिलीज नहीं हुआ.
अब देखना होगा कि मुआवजे के लिए आस लगाए बैठे किसानों को कब तक प्रशासन की ओर से राहत राशि उपलब्ध हो पाएगी. हालांकि एसडीएम साहब ने बजट स्वीकृत की बात कहकर किसानों की मायूसी हो हल्का कर दिया है लेकिन पूरी मुस्कुराहट मुआवजा मिलने के बाद ही आएगी.