भोपाल। आज देशभर में सभी चौक-चौराहों पर देर रात तय मुहूर्त परहोलिका का दहन किया जाएगा. रंग और गुलाल के पर्व होली की तैयारियां जहां कई जगह पूरी हो चुकी है, तो कहीं जगहों पर तैयारियां अभी भी जोरो पर है. बाजार भी रंग-गुलाल और पिचकारियों से सजे हुए हैं. वहीं जमाने के साथ होलिका दहन का ट्रेंड भी बदलने लगा है. अब इस बदलते दौर में होलिका दहन के लिए प्रहलाद और होलीका की मूर्तियां बाजार में आ गई हैं.
राजधानी भोपाल में भी पिछले कुछ वर्षों से इन मूर्तियों को खरीदने का ट्रेंड बढ़ा है है, अब लोग होली के दहन में मूर्ति स्थापित करने लगे हैं. इससे अब माठी की मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को कुछ फायदा होने लगा है. वहीं यह मूर्तियां नए जमाने के बच्चों को भी रास आ रही है. इसके पहले केवल लकड़ियों या कंडों की होली बनाई जाती और जलाई जाती थी. लेकिन अब रंगों के इस त्यौहार को होलिका और प्रहलाद की मूर्तियों ने चार चांद लगा दिए हैं, तो वहीं मूर्तियों की बढ़ती मांग से माठी को मूर्ति बनाने वाले भी कुछ हद तक खुश.
मूर्ति कारों का कहना है कि राजधानी भोपाल में पहले केवल कुछ ही मूर्तियां बनाई जाती थी और वह चुनिंदा बड़ी होली उत्सव समितियों को ही दी जाती थी. क्योंकि बड़ी होली समितियां ही मूर्तियों का निर्माण करवाया करती थी. लेकिन अब धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदलने लगा है और आम लोग भी मूर्तियां बनवा और खरीद रहे हैं. इससे कुछ हद तक हमें अब फायदा भी हो रहा है. राजधानी भोपाल में ही करीब 20 हजार मूर्तियां खरीदी जाती है. इनकी कीमत भी ज्यादा 300 से 400 रूपए तक है.
वहीं दूसरी और होलिका का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से शुरू भी हो गया है. होलिका को तैयार करके उसका पूजन भी किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भजन मंडलिया भजन संध्या का आयोजन कर रही है, जिनमें होली के लोकगीत गाए जा रहे हैं.
बता दें कि होलिका दहन के अगले दिन राजधानी भोपाल में कई जगह बड़े चल समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसे लेकर हिंदू उत्सव समिति की तैयारियां भी पूर्ण हो चुकी है. होली के उत्सव को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली है.