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होली विशेषः आज देर रात होगा होलिका दहन, बाजार में प्रहलाद और होलिका की मूर्तियों की डिमांड

आज देर रात 9 बजे के बाद धूम-धाम से होगा होलिका का दहन, राजधानी भोपाल में कई जगहों पर जलाई जाएंगी होलिका की मूर्तियों वाली होली.

प्रहलाद और होलिका की मूर्ति
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Published : Mar 20, 2019, 6:01 AM IST

भोपाल। आज देशभर में सभी चौक-चौराहों पर देर रात तय मुहूर्त परहोलिका का दहन किया जाएगा. रंग और गुलाल के पर्व होली की तैयारियां जहां कई जगह पूरी हो चुकी है, तो कहीं जगहों पर तैयारियां अभी भी जोरो पर है. बाजार भी रंग-गुलाल और पिचकारियों से सजे हुए हैं. वहीं जमाने के साथ होलिका दहन का ट्रेंड भी बदलने लगा है. अब इस बदलते दौर में होलिका दहन के लिए प्रहलाद और होलीका की मूर्तियां बाजार में आ गई हैं.

राजधानी भोपाल में भी पिछले कुछ वर्षों से इन मूर्तियों को खरीदने का ट्रेंड बढ़ा है है, अब लोग होली के दहन में मूर्ति स्थापित करने लगे हैं. इससे अब माठी की मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को कुछ फायदा होने लगा है. वहीं यह मूर्तियां नए जमाने के बच्चों को भी रास आ रही है. इसके पहले केवल लकड़ियों या कंडों की होली बनाई जाती और जलाई जाती थी. लेकिन अब रंगों के इस त्यौहार को होलिका और प्रहलाद की मूर्तियों ने चार चांद लगा दिए हैं, तो वहीं मूर्तियों की बढ़ती मांग से माठी को मूर्ति बनाने वाले भी कुछ हद तक खुश.

होली विशेषः आज देर रात होगा होलिका दहन, बाजार में प्रहलाद और होलिका की मूर्तियों की डिमांड

मूर्ति कारों का कहना है कि राजधानी भोपाल में पहले केवल कुछ ही मूर्तियां बनाई जाती थी और वह चुनिंदा बड़ी होली उत्सव समितियों को ही दी जाती थी. क्योंकि बड़ी होली समितियां ही मूर्तियों का निर्माण करवाया करती थी. लेकिन अब धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदलने लगा है और आम लोग भी मूर्तियां बनवा और खरीद रहे हैं. इससे कुछ हद तक हमें अब फायदा भी हो रहा है. राजधानी भोपाल में ही करीब 20 हजार मूर्तियां खरीदी जाती है. इनकी कीमत भी ज्यादा 300 से 400 रूपए तक है.

वहीं दूसरी और होलिका का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से शुरू भी हो गया है. होलिका को तैयार करके उसका पूजन भी किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भजन मंडलिया भजन संध्या का आयोजन कर रही है, जिनमें होली के लोकगीत गाए जा रहे हैं.

बता दें कि होलिका दहन के अगले दिन राजधानी भोपाल में कई जगह बड़े चल समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसे लेकर हिंदू उत्सव समिति की तैयारियां भी पूर्ण हो चुकी है. होली के उत्सव को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली है.

भोपाल। आज देशभर में सभी चौक-चौराहों पर देर रात तय मुहूर्त परहोलिका का दहन किया जाएगा. रंग और गुलाल के पर्व होली की तैयारियां जहां कई जगह पूरी हो चुकी है, तो कहीं जगहों पर तैयारियां अभी भी जोरो पर है. बाजार भी रंग-गुलाल और पिचकारियों से सजे हुए हैं. वहीं जमाने के साथ होलिका दहन का ट्रेंड भी बदलने लगा है. अब इस बदलते दौर में होलिका दहन के लिए प्रहलाद और होलीका की मूर्तियां बाजार में आ गई हैं.

राजधानी भोपाल में भी पिछले कुछ वर्षों से इन मूर्तियों को खरीदने का ट्रेंड बढ़ा है है, अब लोग होली के दहन में मूर्ति स्थापित करने लगे हैं. इससे अब माठी की मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को कुछ फायदा होने लगा है. वहीं यह मूर्तियां नए जमाने के बच्चों को भी रास आ रही है. इसके पहले केवल लकड़ियों या कंडों की होली बनाई जाती और जलाई जाती थी. लेकिन अब रंगों के इस त्यौहार को होलिका और प्रहलाद की मूर्तियों ने चार चांद लगा दिए हैं, तो वहीं मूर्तियों की बढ़ती मांग से माठी को मूर्ति बनाने वाले भी कुछ हद तक खुश.

होली विशेषः आज देर रात होगा होलिका दहन, बाजार में प्रहलाद और होलिका की मूर्तियों की डिमांड

मूर्ति कारों का कहना है कि राजधानी भोपाल में पहले केवल कुछ ही मूर्तियां बनाई जाती थी और वह चुनिंदा बड़ी होली उत्सव समितियों को ही दी जाती थी. क्योंकि बड़ी होली समितियां ही मूर्तियों का निर्माण करवाया करती थी. लेकिन अब धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदलने लगा है और आम लोग भी मूर्तियां बनवा और खरीद रहे हैं. इससे कुछ हद तक हमें अब फायदा भी हो रहा है. राजधानी भोपाल में ही करीब 20 हजार मूर्तियां खरीदी जाती है. इनकी कीमत भी ज्यादा 300 से 400 रूपए तक है.

वहीं दूसरी और होलिका का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से शुरू भी हो गया है. होलिका को तैयार करके उसका पूजन भी किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भजन मंडलिया भजन संध्या का आयोजन कर रही है, जिनमें होली के लोकगीत गाए जा रहे हैं.

बता दें कि होलिका दहन के अगले दिन राजधानी भोपाल में कई जगह बड़े चल समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसे लेकर हिंदू उत्सव समिति की तैयारियां भी पूर्ण हो चुकी है. होली के उत्सव को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

आज होगा होलिका दहन समय के साथ अब मूर्तियों की डिमांड भी बढ़ी


भोपाल आज देशभर में होलिका दहन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा देर रात सभी चौक चौराहों और घरों में होलिका दहन किया जाएगा जिसकी तैयारियां भी लोगों के द्वारा जोर शोर से की जा रही है रंगो के पर्व होली की तैयारियां जहां कई जगह पूरी हो चुकी है तो कहीं अभी भी तैयारियां जा रही है बाजारों में भी रंग गुलाल पिचकारीयों की दुकान ग्राहकों से भरी पड़ी है हर व्यक्ति इस त्यौहार को मनाने के लिए खरीदारी में व्यस्त नजर आ रहा है तो वहीं अब होलिका दहन में केवल लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है बल्कि अब होलिका दहन का ट्रेंड भी नए जमाने के साथ बदलने लगा है अब होलिका दहन के साथ होली का और प्रहलाद की मूर्तियां भी होली की रौनक को बढ़ा रही है


Body:राजधानी भोपाल में भी पिछले कुछ वर्षों में होलिका की मूर्ति खरीदने का ट्रेंड बड़ा है अब लोग अपनी होली में मूर्ति भी स्थापित करने लगे हैं इससे मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को भी काफी फायदा होने लगा है होलिका की यह मूर्तियां बच्चों की पहली पसंद है पहले केवल लकड़ियों या कंडो की होली बनाई जाती थी और उसी का दहन किया जाता था लेकिन अब रंगों के इस त्यौहार को होलिका और प्रहलाद की मूर्तियों ने चार चांद लगा दिए हैं होली के 2 दिन पहले ही मूर्तियों की खरीदारी की जाने लगी है


Conclusion:मूर्ति कारों का कहना है कि राजधानी भोपाल में पहले केवल कुछ ही मूर्तियां बनाई जाती थी और वह चुनिंदा बड़ी होली उत्सव समितियों को ही दी जाती थी क्योंकि जितनी भी बड़ी होली जलाई जाती थी उनकी समितियां हैं इस प्रकार की मूर्तियों का निर्माण करवाया करती थी लेकिन अब धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदलने लगा है और आम लोग जो छोटी होली जलाते हैं वह भी इस प्रकार की मूर्ति की डिमांड करने लगे हैं इससे हमारे व्यवसाय में भी काफी फायदा हो रहा है और अब हम एक हजार से ज्यादा मूर्तियां बनाने लगे हैं राजधानी भोपाल में ही होलिका दहन के लिए करीब 20 हज़ार मूर्तियां खरीदी जाती है .


मूर्तिकार का कहना है कि इन मूर्तियों की कीमत ज्यादा नहीं है क्योंकि इसे बनाने में ज्यादा खर्चा नहीं आता है और इसकी ऊंचाई भी ज्यादा बड़ी नहीं होती है इसलिए यह मूर्तियां 300 से 400 रुपए में बेची जा रही है पिछले 4 दिनों से लगातार मूर्तियों की खरीदारी की जा रही है लोग यहां आकर मूर्तियों को भी पसंद कर रहे हैं कुछ लोग मूर्तियां ले जा चुके हैं और कुछ लोग होलिका दहन के कुछ समय पहले मूर्तियां ले जायेंगे . रंगों के इस त्यौहार में गेहूं की बालों और कंडो की माला की डिमांड भी होने लगी है .


वहीं दूसरी और होलिका का उत्सव ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से शुरू भी हो गया है होलिका को तैयार करके उसका पूजन भी किया जा रहा है साथ ही होलिका के लोकगीत गाकर ग्रामीण क्षेत्रों की मंडलिया भजन संध्या का भी आयोजन कर रही है बता दें कि अब होली का उत्सव काफी बड़े स्तर पर मनाया जाने लगा है जहां एक तरफ महिलाएं कई दिनों पहले ही होली के उत्सव को मनाने में लग जाती है तो वहीं घरों में होली के उत्सव पर कई तरह के व्यंजनों को बनाने का काम भी शुरू हो जाता है वहीं बच्चे और बड़े डीजे की धुनों पर गुलाल उड़ाकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं भी देते हैं . होलिका दहन के अगले दिन राजधानी भोपाल में कई जगह बड़े चल समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसे लेकर हिंदू उत्सव समिति की तैयारियां भी पूर्ण हो चुकी है होली का उत्सव को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली है और जगह-जगह चेकिंग पॉइंट बनाए गए हैं साथ ही लोगों को नशे में गाड़ी ना चलाने के लिए भी कहा गया है होली का उत्सव के दौरान पुलिस की कई टीमों राजधानी भोपाल में सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रहेंगी .
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