भोपाल। लंबे इंतजार के बाद अब प्रदेश में शिवराज कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है. इसको लेकर बाकायदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच लगभग संभावित नामों पर सहमति बन चुकी है. अब केवल इंतजार है तो दिल्ली से मिलने वाली हरी झंडी का. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री देर शाम या गुरुवार को दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रिमंडल की सूची पर अंतिम सहमति ले सकते हैं. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ETV BHARAT भारत से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री खुद इस बात को कह चुके हैं कि दिल्ली में चर्चा के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा.
इस दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की साइकिल रैली पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बारे में सब जानते हैं. कांग्रेस खुद जानती है कि उन्होंने किस तरह से उनका बंटाधार किया है. यही नहीं कमलनाथ ने भी इस बारे में सार्वजनिक तौर से कहा था कि उनकी सरकार भी दिग्विजय सिंह के भरोसे पर गई है. ऐसे में उनका विश्वास कोई नहीं करता. अब वे साइकिल चलाएं या हवा में उड़ें. सब सिर्फ नौटंकी है.
मंत्रिमंडल में इनको मिल सकती है जगह
कांग्रेस छोड़ बीजेपी का साथ देने वाले एंदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग, बिसाहू लाल का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. साथ ही सिंधिया समर्थकों में से इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं. साथ ही कमलेश जाटव और राजवर्धन दत्तीगांव भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
बीजेपी की तरफ से दावेदार
बीजेपी की पुरानी टीम और शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहे गोपाल भार्गव, यशोधरा राजे सिंधिया, करण सिंह वर्मा, गौरीशंकर बिसेन, महेंद्र हार्डिया, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल, अजय विश्नोई, जगदीश देवड़ा, जय सिंह मरावी, जुगल किशोर बागड़ी, सुरेंद्र पटवा, पारस जैन, बृजेंद्र प्रताप सिंह की दावेदीर मुख्य मानी जा रही है.
इसके अलावा गुना विधायक गोपीलाल जाटव भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल थे, लेकिन राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के चलते अब वो मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते हैं. हालांकि, शिवराज के खास माने जाने वाले रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला और भूपेंद्र सिंह में से भी किसी एक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. अब देखना होगा कि सीएम शिवराज की दिल्ली दरबार में हाजिरी के बाद किन नामों पर फाइनल मुहर लगती है.