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सातवां आर्थिक सर्वेक्षण शुरू, ठेला चलाने वालों से लेकर कंपनी के मालिक तक का जुटाया जाएगा आंकड़ा - mp bhopal news

सातवें आर्थिक सर्वेक्षण के तहत घर-घर जाकर कर्मचारी, लोगों से उनकी आय और व्यवसाय के बारे में जानकारी जुटाएंगे. इस बार आर्थिक सर्वेक्षण का काम डिजिटल तरीके से मोबाइल एप के जरिए किया जाएगा, इस दौरान विभिन्न व्यवसाय संचालक जैसे हाथ ठेलें चलाने और गुमटी चलाने वालों के साथ- साथ शमशान तक के संचालन करने वालों के लेखा- जोखा जुटाया जाएगा. मध्यप्रदेश के आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर आरएस राठौर ने बताया कि आर्थिक गणना का काम अगले करीब 3 माह में पूरा हो जाएगा.

सातवां आर्थिक सर्वेक्षण शुरू
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Published : Sep 3, 2019, 6:00 PM IST


भोपाल। आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने आर्थिक गणना के लिए उपयोग आने वाले मोबाइल एप की शुरुआत करते हुए बताया की मध्यप्रदेश के 37 जिलों में आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य 2 सितंबर से शुरू हो चुका है, जबकि बाकी 15 जिलों में गणना का कार्य 9 सितंबर से शुरू किया जाएगा, मोबाइल एप्लीकेशन पर आंकड़े जुटाने का कार्य इस बार केंद्र और राज्य के कर्मचारी नहीं करेंगे यह कार्य इस बार देशभर में ई गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीएससी) कर रही है. मध्य प्रदेश आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने लोगों से अपील की है, कि वे सर्वेक्षण के दौरान आय से संबंधित पूछे जाने वाली जानकारी देने में सहयोग करें जिससे देश की सही आर्थिक स्थिति सामने आ सके. इस जानकारी के आधार पर ही भविष्य की आर्थिक योजनाएं तैयार की जाऐगी.

सातवां आर्थिक सर्वेक्षण शुरू


आर्थिक गणना में किसका किया जाएगा सर्वेक्षण
आर्थिक गणना के तहत सेवा क्षेत्र, निर्माण, विक्रय जैसे तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोगों का आर्थिक सर्वेक्षण किया जाएगा. इसमें तमाम नौकरी पेशा के अलावा सड़क पर गुमटी लगाने वाले से लेकर कंपनी चलाने वाले तक शामिल होंगे. सर्वेक्षण के दौरान शमशान को भी आर्थिक गतिविधि सेवा के रूप में गिना जाएगा. इसी तरह यदि कोई बिंदी बना कर तैयार उत्पाद को आपूर्तिकर्ता को देने का काम भी कर रहा है, तो उसे भी उद्यमी माना जाएगा और उसे सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा हालांकि थर्ड जेंडर जो विवाह आदि के मौके पर जश्न मना कर पैसा मांगते हैं, उन्हें गैर आर्थिक गतिविधि माना गया है.


कृषि फसल उत्पाद और वृक्षारोपण गणना से बाहर
आर्थिक गणना के दौरान तमाम सरकारी कार्यालय जो सार्वजनिक सेवा में लगे हुए हैं. उन्हें गणना से बाहर रखा जाएगा, इसी तरह प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियों जैसे कृषि फसल उत्पादन और वृक्षारोपण को भी गणना से बाहर रखा गया है. जिन सदस्यों के पास आय का एकमात्र साधन मजदूरी है, उन्हें भी आर्थिक गणना में शामिल नहीं किया जाएगा.


भोपाल। आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने आर्थिक गणना के लिए उपयोग आने वाले मोबाइल एप की शुरुआत करते हुए बताया की मध्यप्रदेश के 37 जिलों में आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य 2 सितंबर से शुरू हो चुका है, जबकि बाकी 15 जिलों में गणना का कार्य 9 सितंबर से शुरू किया जाएगा, मोबाइल एप्लीकेशन पर आंकड़े जुटाने का कार्य इस बार केंद्र और राज्य के कर्मचारी नहीं करेंगे यह कार्य इस बार देशभर में ई गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीएससी) कर रही है. मध्य प्रदेश आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने लोगों से अपील की है, कि वे सर्वेक्षण के दौरान आय से संबंधित पूछे जाने वाली जानकारी देने में सहयोग करें जिससे देश की सही आर्थिक स्थिति सामने आ सके. इस जानकारी के आधार पर ही भविष्य की आर्थिक योजनाएं तैयार की जाऐगी.

सातवां आर्थिक सर्वेक्षण शुरू


आर्थिक गणना में किसका किया जाएगा सर्वेक्षण
आर्थिक गणना के तहत सेवा क्षेत्र, निर्माण, विक्रय जैसे तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोगों का आर्थिक सर्वेक्षण किया जाएगा. इसमें तमाम नौकरी पेशा के अलावा सड़क पर गुमटी लगाने वाले से लेकर कंपनी चलाने वाले तक शामिल होंगे. सर्वेक्षण के दौरान शमशान को भी आर्थिक गतिविधि सेवा के रूप में गिना जाएगा. इसी तरह यदि कोई बिंदी बना कर तैयार उत्पाद को आपूर्तिकर्ता को देने का काम भी कर रहा है, तो उसे भी उद्यमी माना जाएगा और उसे सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा हालांकि थर्ड जेंडर जो विवाह आदि के मौके पर जश्न मना कर पैसा मांगते हैं, उन्हें गैर आर्थिक गतिविधि माना गया है.


कृषि फसल उत्पाद और वृक्षारोपण गणना से बाहर
आर्थिक गणना के दौरान तमाम सरकारी कार्यालय जो सार्वजनिक सेवा में लगे हुए हैं. उन्हें गणना से बाहर रखा जाएगा, इसी तरह प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियों जैसे कृषि फसल उत्पादन और वृक्षारोपण को भी गणना से बाहर रखा गया है. जिन सदस्यों के पास आय का एकमात्र साधन मजदूरी है, उन्हें भी आर्थिक गणना में शामिल नहीं किया जाएगा.

Intro:भोपाल। सातवे आर्थिक सर्वेक्षण के तहत घर-घर जाकर कर्मचारी लोगों से उनकी आय और व्यवसाय के बारे में पूछेंगे। इस बार आर्थिक सर्वेक्षण का काम डिजिटल तरीके से मोबाइल एप से किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न व्यवसाय संचालित करने वालों से लेकर हाथ ठेलें चलाने वालों, गुमठियां चलाने वालों और शमशान तक का संचालन करने वालों से उनकी आय के बारे में जानकारी ली जाएगी। मध्य प्रदेश के आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर आरएस राठौर ने बताया कि आर्थिक गणना का काम अगले करीब 3 माह में पूरा हो जाएगा।


Body:मध्य प्रदेश आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने आर्थिक गणना के लिए उपयोग आने वाले मोबाइल एप का उद्घाटन करते हुए बताया की मध्य प्रदेश के 37 जिलों में आर्थिक गणना का कार्य 2 सितंबर से शुरू हो चुका है, जबकि बाकी 15 जिलों में गणना का कार्य 9 सितंबर से शुरू किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए आंकड़े जुटाने, उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने और इसके प्रसार के लिए तैयार किए गए मोबाइल एप्लीकेशन पर आंकड़े जुटाने का कार्य इस बार केंद्र और राज्य के कर्मचारी नहीं करेंगे। यह कार्य इस बार देशभर में ई गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीएससी) कर रहा है। मध्य प्रदेश आर्थिक सांख्यिकी विभाग के कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि वे सर्वेक्षण के दौरान आय से संबंधित पूछे जाने वाली जानकारी देने में सहयोग करें जिससे देश की सही आर्थिक स्थिति सामने आ सके। इस जानकारी के आधार पर ही भविष्य की आर्थिक योजनाएं तैयार की जाती है।

आर्थिक गणना में किसका किया जाएगा सर्वेक्षण
आर्थिक गणना के तहत सेवा क्षेत्र, निर्माण, विक्रय जैसे तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोगों का आर्थिक सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें तमाम नौकरी पेशा के अलावा सड़क पर गुमठि लगाने वाले से लेकर कंपनी चलाने वाले तक शामिल होंगे। सर्वेक्षण के दौरान श्मशान को भी आर्थिक गतिविधि सेवा के रूप में गिना जाएगा। इसी तरह यदि कोई बिंदी बना कर तैयार उत्पाद को आपूर्तिकर्ता को देने का काम भी कर रहा है तो उसे भी उद्यमी माना जाएगा और उसे सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा हालांकि थर्ड जेंडर जो विवाह आदि के मौके पर जश्न मना कर पैसा मांगते हैं उन्हें गैर आर्थिक गतिविधि माना गया है।

कृषि फसल उत्पाद और वृक्षारोपण गणना से बाहर
आर्थिक गणना के दौरान तमाम सरकारी कार्यालय जो सार्वजनिक सेवा में लगे हुए हैं उन्हें गणना से बाहर रखा जाएगा इसी तरह प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियों जैसे कृषि फसल उत्पादन और वृक्षारोपण को भी गणना से बाहर रखा गया है। जिन सदस्यों के पास आय का एकमात्र साधन मजदूरी है उन्हें भी आर्थिक गणना में शामिल नहीं किया जाएगा।



Conclusion:गौरतलब है कि भारत में छठवीं आर्थिक गणना वर्ष 2013 में की गई थी जबकि पहली आर्थिक गणना 1970 में की गई थी।
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