भोपाल। उपचुनाव के मद्देनजर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का 27 फीसदी आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण पर फिलहाल रोक बरकरार रखी है. मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को है. वहीं कांग्रेस, शिवराज सरकार पर आरोप लगा रही है कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की सुविधा मिले, इसको लेकर शिवराज सरकार संजीदा नहीं है और इस मामले की पैरवी सही तरीके से नहीं कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि अगली तारीख 18 अगस्त को कांग्रेस अपनी तरफ से अच्छे से अच्छा वकील करके अदालत में ओबीसी का पक्ष रखेगी और ओबीसी के लिए उनका हक दिलाएगी.
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का हमने अपने वचन पत्र में उल्लेख किया था और सरकार बनते ही कांग्रेस सरकार ने उसे लागू करने का काम किया. कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण का मामला कैबिनेट में पारित कराया, फिर विधानसभा में पारित कराया और सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए आदेश जारी किए गए. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नौकरी,पदोन्नति और प्रवेश परीक्षा में 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि ओबीसी के अलावा कमलनाथ सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. इस तरह कांग्रेस सरकार ने बहुत कम समय में बड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. लेकिन दुख इस बात का है कि कुछ ऐसे लोग जो नहीं चाहते कि पिछड़ा वर्ग के लोगों को न्याय मिले, वे लोग हाईकोर्ट में याचिका लगाकर से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस ने शिवराज सरकार से निवेदन किया था कि आप अच्छे से अच्छा वकील न्यायालय में खड़ा करिए और जो पहल कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था, उसका लाभ पिछड़ा वर्ग के लोगों को मिले, क्योंकि आप भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं.
कमलेश्वर पटेल का कहना है कि आज गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया है कि बीजेपी ने तीन-तीन मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग को दिए, कांग्रेस ने नहीं दिए हैं. लेकिन मैं कहता हूं कि आपने 3-3 मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग के तो दिए, लेकिन पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए काम नहीं किया. हमारी पार्टी देश-प्रदेश और जहां जब भी रही है, जिसने भी हमारी पार्टी का नेतृत्व किया, चाहे वह किसी भी वर्ग का नेता रहा हो सभी वर्ग सभी समाज को जोड़कर रखने के लिए काम किया और सब को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सब को न्याय मिले, ये काम किया है. यही भाजपा और कांग्रेस में अंतर है.
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में इस मामले में सरकार की तरफ से सही तरीके से पैरवी नहीं हो रही है. स्वतंत्र वकील के अलावा जो कांग्रेस और पिछड़ा वर्ग के लोग वकील पेश कर खुद पैरवी कर रहे हैं कि हमें न्याय मिलना चाहिए. 20 जुलाई को हाईकोर्ट में भी सरकार की तरफ से सही तरीके से पैरवी नहीं की गई. इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को है. प्रदेश में ओबीसी की 53 फीसदी और एससी-एसटी की 33 फीसदी आबादी है. इसी आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इन सब पहलुओं का अध्ययन करके ही आरक्षण का प्रावधान किया गया है. किसी भी तरह की विसंगति नहीं है. सभी तरह के कानूनों सभी पहलुओं का अध्ययन करके कानून बनाया गया और आदेश पारित हुआ है. मुझे पूरा भरोसा है कि न्यायालय इस मामले में न्यायोचित निर्णय लेगी. मध्य प्रदेश सरकार के वकील पैरवी करेंगे और हमारी पार्टी की तरफ से अच्छे से अच्छे वकील भी पैरवी करेंगे.