भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी तेजी से काम करते हुए नजर आ रहे हैं. एक ओर जहां वह प्रदेश में दौरे कर रहे हैं वहीं पार्टी कार्यालय में भी वह नियमित तौर से नेताओं और कार्यकर्ताओं से तालमेल बिठाने में लगे हुए हैं. शनिवार से लगातार तीन दिनों तक वे कार्यालय में रहेंगे और कांग्रेस संगठन के लोगों से मीटिंग करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति भी तैयार की जा रही है. विधानसभा चुनाव में हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी के साथ उन्होंने बैठक की जिसमें अलग अलग प्रत्याशियों ने अपनी बात रखी.
कांग्रेस में हैं आस्तीन के सांप
कांग्रेस कार्यालय में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में 2023 के विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक में गुना से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज कनेरिया ने बैठक में बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस में आस्तीन के सांप खुले में घूम रहे हैं. ये आस्तीन के सांप बड़े नेताओं के पाले हुए होते हैं.
खिलाफ में काम करने वालों पर हो एक्शन
मुंगावली से कांग्रेस प्रत्याशी रहे यादवेंद्र सिंह ने बैठक में कहा कि विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने पार्टी के खिलाफ काम किया यदि उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेंगे तो आने वाले लोकसभा चुनाव में भी परिणाम विधानसभा जैसे ही आएंगे. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता पार्टी से सभी को निकाल दिया जाए और पार्टी खाली हो जाए लेकिन जिसने खिलाफ काम किया उसे बाहर का रास्ता दिखाएं.
ईवीएम को लेकर हो आंदोलन
सुरेंद्र शेरा ने कहा ईवीएम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली जाकर बड़ा आंदोलन करना चाहिए. जिन लोगों ने खुलकर कांग्रेस का विरोध किया है राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश इंचार्ज को लिस्ट दी है. उसे क्रॉस चेक करवा लीजिये. चुनाव के पहले पर्यवेक्षक भेजना बन्द कर दीजिए ये किसी काम के नहीं होते हैं. उन्होंने कहा वहीं से गड़बड़ी की शुरुआत होती है आप आवेदन बुलाकर मेहनत करो लोकसभा को लेकर जनवरी में ही दावेदार खोजो और चर्चा करो, फिर उसे जिताने के लिए फौज तैयार की जाए.
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संगठन में सख्त अनुशासन जरुरी
अनूपपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह ने बैठक में कहा कि मेरा पहला चुनाव था हम बीजेपी के प्रति अंडर करंट को नहीं भांप पाए. हमारे संगठन ने अपेक्षित काम नहीं किया. महिलाओं ने 52% वोट बीजेपी को दिया तो हमारे मुद्दे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई प्रभावी नहीं रहा. संगठन में अनुशासन सख्त होना चाहिए ताकि अनुशासनहीनता करने वालों को कड़ा संदेश मिल सके.