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जेपी अस्पताल में तैयार किया जा रहा मदर वार्ड, भर्ती नवजात को रखा जाएगा उनकी मां के साथ

राजधानी भोपाल के जिला अस्पताल जेपी में शिशु गहन चिकित्सा इकाई में नया मदर वार्ड तैयार किया जा रहा है, जहां भर्ती होने वाले नवजात को उनकी मां के साथ रखा जाएगा.

Mother ward being prepared in Jaypee Hospital
जेपी अस्पताल में तैयार किया जा रहा मदर वार्ड
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Published : Feb 26, 2020, 3:12 PM IST

भोपाल। राजधानी के जिला अस्पताल में शिशु गहन चिकित्सा इकाई में नया मदर वार्ड तैयार किया जा रहा है, जहां भर्ती होने वाले नवजात बच्चों को उनकी मां के साथ रखा जाएगा. यह वार्ड 10 बेड का होगा, ताकि गंभीर रूप से बीमार या क्रिटिकल कंडीशन के नवजात को उनकी मां के पास रखा जाएगा. यह वार्ड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से बनवाया जा रहा है. फिलहाल जेपी अस्पताल प्रदेश का पहला अस्पताल है, जहां यह वार्ड बनाया जा रहा है. इसके बाद प्रदेश के लगभग सभी जिला अस्पताल में इसे बनाने की योजना है.

जेपी अस्पताल में बनाया जा रहा है मदर वार्ड

इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप संचालक डॉक्टर पंकज शुक्ला ने बताया कि अब तक नवजात को भर्ती करने के बाद मां के बच्चे के पास ठहरने की व्यवस्था नहीं थी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए 10 बेड का मदर वार्ड तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही वार्ड बन जाने से एसएनसीयू से जब बच्चा डिस्चार्ज होगा तो उसे कंगारु केयर भी मां से मिल सकेंगी.

जेपी अस्पताल में मदर वार्ड बनाने के लिए काम शुरू हो चुका है, मार्च महीने की शुरुआत तक लगभग यह पूरा हो जाएगा. बता दें कि जन्म के समय कमजोर पैदा हुए नवजातों को इस एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया जाता है, ताकि सही ट्रीटमेंट मिल सकें. ऐसे में कई बार देखा गया है कि वार्ड खाली नहीं होने पर मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था, लेकिन मदर वार्ड बन जाने से इस स्थिति में सुधार हो सकता है.

भोपाल। राजधानी के जिला अस्पताल में शिशु गहन चिकित्सा इकाई में नया मदर वार्ड तैयार किया जा रहा है, जहां भर्ती होने वाले नवजात बच्चों को उनकी मां के साथ रखा जाएगा. यह वार्ड 10 बेड का होगा, ताकि गंभीर रूप से बीमार या क्रिटिकल कंडीशन के नवजात को उनकी मां के पास रखा जाएगा. यह वार्ड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से बनवाया जा रहा है. फिलहाल जेपी अस्पताल प्रदेश का पहला अस्पताल है, जहां यह वार्ड बनाया जा रहा है. इसके बाद प्रदेश के लगभग सभी जिला अस्पताल में इसे बनाने की योजना है.

जेपी अस्पताल में बनाया जा रहा है मदर वार्ड

इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप संचालक डॉक्टर पंकज शुक्ला ने बताया कि अब तक नवजात को भर्ती करने के बाद मां के बच्चे के पास ठहरने की व्यवस्था नहीं थी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए 10 बेड का मदर वार्ड तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही वार्ड बन जाने से एसएनसीयू से जब बच्चा डिस्चार्ज होगा तो उसे कंगारु केयर भी मां से मिल सकेंगी.

जेपी अस्पताल में मदर वार्ड बनाने के लिए काम शुरू हो चुका है, मार्च महीने की शुरुआत तक लगभग यह पूरा हो जाएगा. बता दें कि जन्म के समय कमजोर पैदा हुए नवजातों को इस एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया जाता है, ताकि सही ट्रीटमेंट मिल सकें. ऐसे में कई बार देखा गया है कि वार्ड खाली नहीं होने पर मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ता था, लेकिन मदर वार्ड बन जाने से इस स्थिति में सुधार हो सकता है.

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