भोपाल। कांग्रेस में फिर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की पुरजोर वकालत शुरु हो गई है. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन में बदलाव की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है और कहा है कि अगर सोनिया गांधी इस्तीफा देती हैं तो राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख के रूप में वापसी करनी चाहिए. मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक कुणाल चौधरी ने भी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि वर्तमान में जहां कई ताकतें लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने में लगी हैं. ऐसे में कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है, गांधी परिवार के अलावा कोई मंजूर नहीं किया जाएगा.
गांधी परिवार बलिदान का प्रतीक
कुणाल चौधरी ने कहा कि गांधी परिवार बलिदान के प्रतीक स्वर्गीय इंदिरा गांधी और स्वर्गीय राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दी थी, लेकिन जब तक वे जीवित रहे, तब तक देश के विकास के लिए कई काम किए. जिसका परिणाम आज सबके सामने है. सोनिया गांधी भी कई बलिदान दी हैं. राजीव गांधी के निधन के बाद उन्होंने कांग्रेस की कमान संभाली और प्रधानमंत्री पद ठुकरा दिया, 10 साल तक केंद्र में यूपीए की सरकार रही, पर उन्हें सत्ता का कोई लोभ नहीं था, बल्कि पार्टी और देश उनकी प्राथमिकता पर रहा.
राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग
कुणाल चौधरी ने कहा कि 2019 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का निर्णय बहुमत का फैसला था, जो एआईसीसी के 1100 सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के 8800 सदस्य और 5 करोड़ कार्यकर्ता और 12 करोड़ समर्थकों की इच्छा का परिचायक था और ये सभी लोग राहुल गांधी को अपने नेता के रूप में चाहते हैं, लेकिन राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया था. वो एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो वरिष्ठ और युवाओं में ऊर्जा का संचार कर एकजुट कर सकते हैं और कांग्रेस के अतीत के गौरव को लाने के लिए जोश और उत्साह जगा सकते हैं.
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कुणाल ने कहा कि 2014 और 2019 के नतीजे पार्टी के पक्ष में नहीं रहे, लेकिन किसी भी असफलता के लिए सिर्फ कप्तान जिम्मेदार नहीं होता है, बल्कि पूरी टीम जिम्मेदार होती है. देश भर के युवाओं की अगर आवाज कोई है तो वह सिर्फ और सिर्फ राहुल गांधी है. अब वक्त आ गया है कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभाल लेनी चाहिए.