भोपाल। ग्वालियर में हिंदू महासभा द्वारा गोडसे ज्ञानशाला की स्थापना की गई है. हिंदू महासभा का कहना है कि देश के विभाजन के खिलाफ आवाज उठाने वाले नाथूराम गोडसे के बयानों को कोर्ट के आदेश का हवाला देखकर रोककर रखा गया था, लेकिन अब कोर्ट ने प्रतिबंध हटा दिया है. इसलिए उनके बयानों और उनकी विचारधारा से लोगों को अवगत कराने के लिए गोडसे की पाठशाला की स्थापना की गई है. वहीं इस बारे में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि समाज विरोधी काम बर्दाश्त नहीं होंगे.
बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे इस तरह के समाज विरोधी काम
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से जब इस मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह के समाज विरोधी काम बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
हिंदु महासभा के कार्यालय में गोडसे पाठशाला की स्थापना
ग्वालियर के दौलतगंज इलाके में स्थित हिंदू महासभा में गोडसे ज्ञानशाला का उद्घाटन किया गया है. हिंदू महासभा का कहना है कि कांग्रेस ने 50 सालों तक देश के विभाजन के खिलाफ आवाज उठाने वाले नाथूराम गोडसे के बयानों को कोर्ट के आदेश का हवाला देकर रोक कर रखा था, लेकिन अब यह प्रतिबंध हट गया है और हमारी कोशिश है कि उनके सभी बयान सामने आना चाहिए. नई पीढ़ी को उन से अवगत होना चाहिए. इस कार्यक्रम के दौरान नाथूराम गोडसे के सम्मान में उनकी आरती भी उतारी गई थी.
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थोड़ी दिन चलने वाली बात है ये
वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालेंदु शुक्ल ने इस पर कहा था कि अभिव्यक्ति की आजादी है. अगर ये आज की युवा पीढ़ी मानें तब तो कुछ हो. हिंदू महासभा की वर्तमान में क्या परिस्थिति है, यह सबको पता है. कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसा कृत्य करते हैं, जो लंबे समय तक चलने वाला नहीं है.
गांधी के चश्मे से ही सब को देखते हैं
जबकि बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा था कि गोडसे को लेकर कोई क्या सोचता है, यह उसका व्यक्तिगत मामला है. बीजेपी कार्यकर्ता तो गांधीवादी चश्मे से ही सभी को देखते हैं. हम गांधी जी के दिखाए हुए रास्ते पर रास्ते पर चलते हैं. चाहे वो सत्य-अहिंसा का हो, समाज सुधार को हो या स्वच्छता का हो
ग्वालियर में पहले भी हो चुका है गोडसे का महिमामंडन
इससे पहले 2017 में हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमा की स्थापना कराई थी, जिसे आम जनों के विरोध के बाद पुलिस ने जप्त कर लिया था. ग्वालियर में हर साल नाथूराम गोडसे की जयंती और शहादत दिवस मनाया जाता है. गोडसे की ज्ञानशाला में उनसे जुड़ा साहित्य उनके बयान और उनकी विचारधारा की जानकारी आम जनता को दी जाएगी.