भोपाल। भले ही नगर निगम शहर के नालों की सफाई के कितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है. भोपाल में नालों पर अतिक्रमण का जाल बिछा है, जिसकी वजह से नालों की सफाई नहीं हो पाती है और अगर होती भी है तो आधी-अधूरी. इस वजह से शहर में बारिश के दौरान पानी भरने की स्थिति बन जाती है, जबकि नगर निगम इस साल अप्रैल से ही नालों की सफाई करा रहा है, पर इस बार भी अतिक्रमण के चलते सफाई अधूरी ही रह गई है.
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मानसून आने से पहले नगर निगम ने कसी कमर, नालों की सफाई के लिए अभियान
भोपाल में नालों की मौजूदा स्थिति
नगर निगम के अनुसार भोपाल में एक सर्वे में सामने आया है कि 789 नाले थे, जिनकी संख्या घटकर 2021 में लगभग 642 हो गई है. बहुत से नाले या तो कागजों पर बचे हैं या वे अतिक्रमण के चलते अपना अस्तित्व खो चुके हैं. ज्यादातर नाले जो एक समय पर 15 फीट चौड़े थे, वो 5-6 फीट के हो चुके हैं. जिसके चलते तेज बारिश में जल बहाव में समय लगता है और जल भराव की स्थिति बन जाती है.
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भोपाल में नालों पर बड़े अतिक्रमण
भोपाल के 6 नंबर मार्केट में नाले पर अतिक्रमण कर एक पूरा व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बना दिया गया है, जिसके चलते पूरा नाला ही उस जगह से गायब हो चुका है. इसी तरह कोलार में सर्वधर्म के आगे एक बड़ा नाला हुआ करता था, जिसे लोगों ने अतिक्रमण कर अब नाली बना दिया है. लोगों की जमीन की बढ़ती भूख, अपनी सुविधा के अनुसार निर्माण कार्य करने और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का नतीजा है. शहर में अगर नालों पर अतिक्रमण की बात करें तो सबसे ज्यादा अतिक्रमण रसूखदारों और राजनेताओं ने किए हैं. भोपाल में शासकीय अतिक्रमण का सबसे बड़ा उदाहरण 11 नंबर का मार्केट है, जोकि पूरा मार्केट ही नाले पर स्थित है. जिसको बाद में शासकीय मंजूरी मिल गई थी. तब से आज तक यह पूरा मार्केट नाले के ऊपर ही चल रहा है.
भोपाल में नालों पर अतिक्रमण की शुरूआत
शहर में नालों पर छोटे-बड़े कुल मिलाकर लगभग 20 हजार से ज्यादा अतिक्रमण हैं और अधिकतर अतिक्रमण प्रभावशाली लोगों ने कर रखा है, इस मामले में सन 1984 के आसपास जे. जगतपति की एक जांच रिपोर्ट भी विधानसभा पटल पर रखी गई थी. उस रिपोर्ट के अनुसार 1984 में भोपाल में लगभग 184 बड़े नालों पर अतिक्रमण किया गया था, लेकिन तब से अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उस समय की रिपोर्ट के अनुसार उसमें कई राजनेताओं का नाम आने से इस पूरे मामले को दबा दिया गया था.
वर्तमान में नालों पर अतिक्रमण
राजधानी में मनीषा मार्केट, त्रिलंगा, शाहपुरा में 1100, जिंसी 650, पंचशील 700, आरिफ नगर 1400, चांदबड़ 1500, भानपुर 1000, सेमरा 600, सुभाष कॉलोनी 1200, एमपी नगर 500, 10 नंबर मार्केट 70, अशोका गार्डन 900, बाणगंगा 800, 6 नंबर मार्केट 90 के आसपास अतिक्रमण बताए गए हैं, हर साल बारिश के पहले अतिक्रमण हटाने की कवायद की जाती है, लेकिन बारिश जाते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.