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SNCU वार्ड में नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

अशोकनगर जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक नवजात की मौत हो गई. परिजन वार्ड के स्टाफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नवजात का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई. वहीं अपर कलेक्टर ने चिकित्सा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

One newborn died in SNCU ward
एसएनसीयू वार्ड में नवजात की मौत
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Published : Jan 7, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 3:40 PM IST

अशोकनगर। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक नवजात की मौत का मामला सामने आया है. जिसमें परिजनों ने वार्ड के स्टाफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बच्चे के शव को लेकर परिजन कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत अपर कलेक्टर से की है. वहीं मामले की जानकारी लेने के बाद अपर कलेक्टर अनुज रोहतगी ने चिकित्सा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

एसएनसीयू वार्ड में नवजात की मौत

नवजात के पिता ने बताया कि उसकी पत्नी की 31 दिसंबर को जिला अस्पताल में नॉरमल डिलीवरी हुई थी. बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा गया, लेकिन 1 जनवरी से आज तक बच्चे से मिलने नहीं दिया गया और ना ही उसे मां का दूध पिलाया गया, जिससे बच्चे की मौत हो गई.

इस मामले में सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया का कहना है कि बच्चे की नोटशीट देखी गई है, इसमें उसकी तबीयत खराब होने के कारण से एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था. बच्चे की स्थिति गंभीर होने के कारण 4 जनवरी को उसे भोपाल रेफर कर दिया गया था. साथ ही उनके परिजनों के हस्ताक्षर भी नोटशीट पर लिए गए थे, लेकिन परिजन नवजात को लेकर भोपाल नहीं पहुंचे. त्रिवेदिया ने कहा कि इसके बावजूद इस मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

अशोकनगर। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक नवजात की मौत का मामला सामने आया है. जिसमें परिजनों ने वार्ड के स्टाफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बच्चे के शव को लेकर परिजन कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत अपर कलेक्टर से की है. वहीं मामले की जानकारी लेने के बाद अपर कलेक्टर अनुज रोहतगी ने चिकित्सा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं.

एसएनसीयू वार्ड में नवजात की मौत

नवजात के पिता ने बताया कि उसकी पत्नी की 31 दिसंबर को जिला अस्पताल में नॉरमल डिलीवरी हुई थी. बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा गया, लेकिन 1 जनवरी से आज तक बच्चे से मिलने नहीं दिया गया और ना ही उसे मां का दूध पिलाया गया, जिससे बच्चे की मौत हो गई.

इस मामले में सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया का कहना है कि बच्चे की नोटशीट देखी गई है, इसमें उसकी तबीयत खराब होने के कारण से एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था. बच्चे की स्थिति गंभीर होने के कारण 4 जनवरी को उसे भोपाल रेफर कर दिया गया था. साथ ही उनके परिजनों के हस्ताक्षर भी नोटशीट पर लिए गए थे, लेकिन परिजन नवजात को लेकर भोपाल नहीं पहुंचे. त्रिवेदिया ने कहा कि इसके बावजूद इस मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:अशोकनगर. जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक नवजात बच्चे की मौत का मामला सामने आया है.बच्चे के शव को लेकर परिजन कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचे, जहां उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत अपर कलेक्टर की है.


Body:जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. जिसमें परिजनों द्वारा वार्ड के स्टाफ एवं डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं.बच्चे की मौत होने के बाद परिजन नवजात के शव को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे,जहां कलेक्ट्रेट में उपस्थित अपर कलेक्टर अनुज रोहतगी के पास बच्चे के शव को रखकर परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई. इस पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद अपर कलेक्टर ने मुख्य एवं चिकित्सा अधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
नवजात के पिता नरेश अहिरवार ने बताया कि मेरी पत्नी कमलेश को 30 दिसंबर के दिन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जबकि 31 दिसंबर को सामान्य स्थिति में उसका प्रसव जिला अस्पताल में हुआ था. बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उसे एसएनसीयू वार्ड में रखा गया था. लेकिन 1 जनवरी से आज तक बच्चे से हमें नहीं मिलने दिया और ना ही उसे मां का दूध पिलाया गया. जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई.
इस मामले में सीएमएचओ जसराम त्रिवेदिया का कहना है कि बच्चे की नोट शीट देखी गई है.जिसमें उसकी तबीयत खराब होने के कारण से एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था. बच्चे की स्थिति गंभीर होने के कारण 4 जनवरी को उसे भोपाल रेफर कर दिया गया था. साथ ही उनके परिजनों के हस्ताक्षर भी नोटशीट पर कर लिए गए थे. लेकिन परिजन नवजात को लेकर भोपाल नहीं पहुंचे. लेकिन फिर भी इस मामले की जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.
बाइट- नरेश अहिरवार ,नवजात का पिता
बाइट- रामसखी बाई,नवजात की दादी
बाइट- जसराम त्रिवेदिया, सीएमएचओ



Conclusion:जिला अस्पताल में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरीके की लापरवाही पहले भी कई बार उजागर हो चुकी हैं। लेकिन देखना होगा कि नवजात की मौत के बाद आखिरकार उसके परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं. ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
Last Updated : Jan 7, 2020, 3:40 PM IST
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