इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब लोगों के घर दुकान एवं ऑफिस का पता पूछने के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा. इंदौर नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंदौर के लोगों को डिजिटल एड्रेस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है. जिसके जरिए शहरवासी घर के पते के एक निर्धारित कोड को शेयर करके किसी को भी अपने घर तक आसानी से बुला सकेंगे. देशभर में फिलहाल गूगल मैप अथवा नेविगेशन के जरिए ही संबंधित पते पर पहुंचने की सीमित व्यवस्था है, लेकिन इस पर भी कई बार गलती के कारण अन्य एड्रेस पर अथवा गलत रुट के जरिए नेविगेशन दिखता है. (Pataa App Indore)
शहरवासियों को मिलेगी एक्यूरेट लोकेशन: गूगल मैप अथवा नेविगेशन द्वारा कई बार गलत लोकेशन दिखाने पर यूजर को काफी घूमना पड़ता है. इसके अलावा इस व्यवस्था में उन्हीं स्थानों पर पहुंचा जा सकता है, जो गूगल मैप पर पहले से टैग किए गए हों या यूजर द्वारा गूगल मैप सेव करके अपलोड किए हों. नतीजतन हर कोई इंटरनेट यूजर गूगल मैप का चाहकर भी अपने मुताबिक उपयोग नहीं कर पाता था. अब इंदौर नगर निगम ने शहरवासियों को एक्यूरेट एवं वास्तविक पता जानने कि सुविधा प्रदान करते हुए डिजिटल ऐप टीम के साथ मिलकर डिजिटल एड्रेस सिस्टम को लागू करने के लिए एमओयू साइन किया है. (accurate location through Pataa App)
वॉयस डायरेक्शन के जरिए पहुंचा जा सकेगा: पता नेविगेशन की तकनीक इसरो के साथ भागीदारी के बाद शुरु की गई है. जिसमें एक पेटेंट एडवांस तकनीक के जरिए हर किसी के एड्रेस का ऑनलाइन नेविगेशन किया जा सकेगा. इसमें उपयोगकर्ता को पता ऐप अपने मोबाइल में डाउनलोड करके खुद का एक कोड तैयार करना होगा. जिस कोड के जरिए उपयोगकर्ता टैग लोकेशन के जरिए किसी को भी संबंधित लोकेशन पर पहुंचने में आसानी होगी. इस ऐप के जरिए लोग अपना पूरा टेक्स्ट एड्रेस, लोकेशन की तस्वीर, लैंडमार्क आदि भी डाल सकेंगे. इसका अलावा वॉयस डायरेक्शन को रिकॉर्ड करके पता जानने वाले को भेजा जा सकेगा, जिससे एड्रेस बताने के लिए लोगों को बार-बार कॉल करने की जरुरत नहीं पड़ेगी और डिजिटली आसानी से पता पूछ सकेंगे. इसके लिए लंबा चौड़ा पता शेयर करने की बजाय, बस एक छोटा सा कोड मोबाइल पर साझा करना होगा. इसके बाद दर्ज जानकारी के अनुसार डिजिटल ओके पर हो सकेगा. (digital address pataa app indore)
डेटिंग एप्स से रहें सावधान, बन सकते हैं ठगी के शिकार
हर साल 75000 करोड़ का नुकसान: इंदौर पता ऐप के सीईओ रजत जैन के मुताबिक देश में फिलहाल हर साल वर्तमान एड्रेस सिस्टम के अपडेट नहीं होने के कारण देश को 75 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसमें ईंधन, परिवहन एवं समय की बर्बादी आदि शामिल हैं. हालांकि अब जब देश भर में डिजिटल इंडिया को प्राथमिकता दी जा रही है, तो इंदौर में इस ऑनलाइन सेवा के जरिए सभी सरकारी विभाग आपातकालीन सेवा जैसे, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड पुलिस और खाने पीने से लेकर तरह-तरह के सामान की डिलीवरी करने वाली कंपनियां यह ऐप के जरिए उपयोगकर्ता तक आसानी से पहुंच सकेंगी. इसके अलावा कॉमर्स कंपनियों के लिए यह सुविधा सरल साबित होगी. वहीं इंधन की खपत की बचत के साथ शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने में इस व्यवस्था की भागीदारी रहेगी. इसके अलावा ड्रोन डिलीवरी के लिए भी यह काम कर सकेगा. (Indore residents get accurate location through app)