इंदौर। प्रदेश भर में जहां पंचायतों से लेकर नगर निगम और नगर पालिकाओं में चुनाव जीतने के लिए लड़े जा रहे हैं, वहीं इंदौर में एक ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो पिछली दो पीढ़ियों से हारने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. खास बात यह है कि यह परिवार 1968 से चुनाव लड़ रहा है, जिसकी हर चुनाव में जमानत जप्त हुई है. हालांकि अब फिर महापौर के लिए यह परिवार नामांकन दाखिल कर चुका है. दरअसल इंदौर के रहने वाले पेशे से प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलानी को चुनाव लड़ने का ऐसा जुनून है कि, वह अब तक 17 अलग-अलग चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का नामांकन भर चुके हैं.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज की दावेदारी: परमानंद तोलानी की 17वीं ही बार उनकी जमानत जप्त हुई है, बावजूद इसके उनका चुनाव लड़ने का जुनून कम नहीं हुआ और साल दर साल चुनाव में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 6 बार विधानसभा, 8 बार लोकसभा और 3 बार महापौर के लिए चुनाव लड़ चुके हैं. उनके चुनाव हारने के रिकार्ड के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दर्ज कराने के लिए दावेदारी की गई है. परमानंद तोलानी ने बताया कि मैं इस आस से चुनाव में भाग लेता हूं कि, कभी ना कभी तो इंदौर की जागरूक जनता उन्हें जीत दिलाएगी. इस उम्मीद में वह सभी चुनाव में अपनी सहभागिता और उम्मीदवारी करते हैं.
महापौर पद के लिए फिर निर्दलीय प्रत्याशी : इंदौर नगर निगम में महापौर पद के लिए परमानंद तोलानी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया, जिसके लिए 6 जुलाई को मतदान होना है. रविवार को पीटीआई से बात करते हुए तोलानी ने कहा कि उम्मीदवार के तौर पर यह मेरे जीवन का 18वां चुनाव होगा. मैंने कुल 17 चुनाव लड़े हैं. इनमें मेयर पद के चुनाव के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं.
पारिवारिक परंपरा निभा रहे हैं तोलानी : रियल एस्टेट व्यवसायी ने कहा कि हर बार जमानत राशि जब्त होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से चुनाव लड़कर अपनी "पारिवारिक परंपरा" का पालन करना जारी रखा. मेरे पिता मेथाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 वर्षों तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े. 1988 में उनकी मृत्यु के बाद मैंने 1989 के बाद से चुनाव लड़ना शुरू किया. (Lost bail 17 times but not lose courage) (Indori Dhartipakd again in election fray) (Indore Mayor election)
17 अलग-अलग चुनाव में निभाई अपनी भागीदारी: हर चुनाव में उतरने की यह परंपरा उन्हें उनके स्वर्गीय पिता से मिली है, जो 1968 में अपना पहला चुनाव लड़े और पहली बार में ही जमानत जप्त हो गई. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार 17 अलग-अलग चुनाव में अपनी भागीदारी निभाई. इंदौर के धरती पकड़ प्रॉपर्टी ब्रोकर परमानंद तोलनी मेयर उम्मीदवार ने बताया कि भारत देश में अभी तक पिता-पुत्र द्वारा इतने चुनाव में नामांकन दाखिल नहीं किया गया है, जितने उनके द्वारा किया गया है. जिसको लेकर उन्होंने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम भेजने की बात कही है.
शुभ मुहूर्त में किया नामांकन दाखिल: मेयर प्रत्याशी परमानंद तोलानी का कहना है कि इस बार 18वें चुनाव में उन्हें उत्तराखंड के प्रसिद्ध ज्योतिषी परख राम ने जीतने का आशीर्वाद दिया है. उन्होनें बताया कि ज्योतिष ने कहा है कि 11 जून को 11:00 बजे के पहले नामांकन भरेंगे तो जीत पक्की है, इसलिए मेयर उम्मीदवार तोलानी ने उत्तराखंड के पंडित के बताए गए निर्देशों का पालन करते हुए इस बार मुहूर्त के समय नामांकन दाखिल किया है. आपको बता दें कि मेयर उम्मीदवार परमानंद तोलानी ने कहा कि अगर इस दौरान वह मेयर चुनाव जीतते हैं, तो उनकी पहली प्राथमिकता शहर में कचरा टैक्स, संपत्ति टैक्स सहित निगम के अन्य टैक्सों को हटाकर लोगों को राहत दी जाएगी. साथ ही 1000 स्क्वायर फीट के मकान पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं होगा, यह बात निर्दलीय महापौर उम्मीदवार ने कही.