छिंदवाड़ा। देश से गिद्ध विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं, लेकिन छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा इलाके में 30 गिद्ध देखने को मिले. यह पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत है. अब इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि छिंदवाड़ा जिले के जंगल गिद्धों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं. गिद्धों को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं और इस बीच गिद्ध के मिलने से वन विभाग खुश है.
स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं गिद्ध
गिद्ध स्वच्छता के काम में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. वह पशुओं के शवों को खाकर पर्यावरण को साफ करते हैं. देश में गिद्धों की तेजी से कम होती संख्या गंभीर समस्या बन चुकी है. इसको लेकर सरकार द्वारा संरक्षण और बचाव के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद कई क्षेत्रों में इनकी प्रजातियां देखने को नहीं मिलतीं. विलुप्त हो रहे गिद्धों के झुंड का अमरवाड़ा वन विभाग के अंतर्गत सेजवाड़ा बीट में मिलना छिंदवाड़ा के पर्यावरण के लिए अच्छे संकेत हैं.
संरक्षण और सुरक्षा के प्रयास शुरू
वन विभाग ने बताया कि लगभग 30 गिद्धों का यह झुंड जंगल में बैठे हुए दिखाई दिया था. जिसके बाद वन विभाग ने उनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. अमरवाड़ा वन परीक्षेत्र अधिकारी नितेश सोनी ने बताया कि इस संबंध में आला अधिकारियों को अवगत करा दिया है. संबंधित इलाकों में बीट गार्ड और चौकीदारों को चौकन्ना कर दिया गया है. समय-समय पर संबंधित बीट में जाकर मुआयना किया जाएगा.
छिंदवाड़ा के जंगलों में अनुकूल वातावरण
वन्यप्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पहले भी तामिया के जंगलों में तितलियों का सर्वेक्षण हुआ था जिसमें अनेक प्रजाति की तितलियां पाई गई थीं और अब अमरवाड़ा के जंगलों में एक साथ इतने गिद्ध पाए जाने के साफ संकेत हैं कि छिंदवाड़ा जिले के जंगलों में वन्य पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण है. इसे और ज्यादा संरक्षित करने की जरूरत है और इसके लिए प्रयास भी बड़े स्तर पर किए जाएंगे.
(30 vultures found in Chhindwara) (Chhindwara forest department)