नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है और शिवसेना के कई विधायक सूरत में डेरा डाले हुए हैं. हालांकि, अब खबर आ रही है वे सभी गुवाहाटी पहुंच गये हैं. इस बीच, कांग्रेस ने राजनीतिक संकट से निपटने के लिए वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र भेजा है. कांग्रेस महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एमवीए गठबंधन के सहयोगियों में से एक है, जिसमें शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल है.
कमलनाथ विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमलनाथ को राजनीतिक संकट को देखने के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, खासकर जब कुछ कांग्रेस सदस्यों ने महाराष्ट्र में हाल ही में एमएलसी चुनावों के दौरान कथित तौर पर क्रॉस-वोट किया था. कमलनाथ के राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ अच्छे संबंध हैं.
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कांग्रेस में भी संकट: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मीडिया से कहा, "कांग्रेस के भीतर संकट है, क्योंकि कई विधायकों ने एमएलसी चुनावों में पार्टी के नामित उम्मीदवार को वोट नहीं दिया." सूत्रों ने कहा कि पार्टी कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता बालासाहेब थोराट को बदल सकती है. कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी एच.के. पाटिल को भी मुंबई ले जाया गया है.
विधायक सोनिया गांधी से कर चुके हैं अनदेखी की शिकायत: महाराष्ट्र के लगभग दो दर्जन कांग्रेस विधायकों ने राज्य में पार्टी के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अप्रैल में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. विधायकों ने शिकायत की थी कि एमवीए सरकार में कांग्रेस के मंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं और इस बात को लेकर उनमें तीखी नाराजगी है. (Kamal Nath to handle Political Crisis) (Maharashtra Political crisis)
(आईएएनएस)