भोपाल। व्यापमं घोटाले (vyapam scam) का मामला फिर एक बार सुर्खियों में आ गया है. मामले में 10 मुन्ना भाइयों का एडमिशन निरस्त किया गया है. खास बात यह है कि, इन 10 मुन्ना भाइयों में 3 ऐसे डॉक्टर शामिल हैं जो इंटर्नशिप कर रहे थे. इसके पहले 2008 से 2013 के बीच कुल 74 डॉक्टरों को गांधी मेडिकल कॉलेज से बाहर किया जा चुका है. अब इस लिस्ट में 10 मुन्नाभाई और शामिल हो गए हैं. गांधी मेडिकल कॉलेज और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है.
बैठक के बाद एडमिशन निरस्त: स्टूडेंट्स अर्पित साहू, राजकुमार धाकड़, हरीश अहिरवार, कृष्ण कुमार जायसवाल, प्रेम शंकर प्रसाद, मनोज अलावे, तरुण सागर, रविशंकर सिंह, रूप सिंह रावत और रविकांत खरे का नामांकन और परीक्षा रद्द किया गया है. इन्होंने 2009-10 के बीच एडमिशन लिया था. 2021 में सीबीआई की जांच के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज ने रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के पास जानकारी भेजी थी. इसके बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एडमिशन टालता रहा. कार्यपरिषद की बैठक होने की बात कहता रहा. 11 मार्च और 9 अप्रैल को बैठक हुई. बैठक में नामांकन निरस्त करने का निर्णय लिया गया. इसकी कॉपी बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने गांधी मेडिकल कॉलेज को भेजी. यहां से इन 10 मुन्ना भाइयों के एडमिशन निरस्त किए गए.
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सीबीआई की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई: वर्ष 2008 से 2012 के बीच व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा में फर्जी डॉक्टर बनने के 500 से अधिक मामले सामने आए थे. इसके बाद गांधी मेडिकल कॉलेज में 2008 से 2013 तक के 74 डॉक्टर को बाहर किया था. अब 10 और मुन्ना भाइयों का एडमिशन निरस्त कर दिया गया है. गांधी मेडिकल कॉलेज और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से सीबीआई (CBI) की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है. इसमें में 4 डॉक्टर, सेकंड में 2,फर्स्ट फाइनल पार्ट में 1 और 3 इंटर्नशिप कर रहे थे. सीबीआई की रिपोर्ट के बाद जीएमसी (GMC) ने इनका एडमिशन निरस्त करने के बाद रिपोर्ट बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को भेजी थी. इसके बाद आदेश जारी करते हुए एडमिशन निरस्त किए गए हैं.