मैसूर : कर्नाटक के मैसूर जिले में जातिगत अत्याचार (Caste atrocity in Mysuru) का मामला सामने आया है. पानीपुरी (गोलगप्पा) खाने को लेकर हुए विवाद में अगड़ी जाति के लोगों के एक समूह ने अनुसूचित जाति समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ कथित रूप से अत्याचार किया.
पुलिस के अनुसार मैसूर जिले के अरिसिनाकेरे गांव में छोटी-छोटी बातों को लेकर अगड़ी जाति के सदस्यों ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ मारपीट और गाली-गलौज की. यह घटना गुरुवार को होबली जयापुरा के अरिसिनाकरे गांव की है. पुलिस ने कहा कि लिंगायत समुदाय के युवाओं का एक समूह एससी समुदाय के कुछ सदस्यों के साथ 'पानी पुरी'(गोलगप्पा) खाने के दौरान मौखिक रूप से उलझ गया.
हालांकि, बाद में समूह के लोग तितर-बितर हो गये लेकिन घटना की खबर परिवार के सदस्यों तक पहुंच गई. इसके बाद कुछ लोग उस इलाके में गए जहां दूसरा समूह रहता था और इसके परिणामस्वरूप इलाके में तनाव और मामूली हिंसा हुई. इस दौरान मामले को सुलझा लिया गया था. लेकिन, अगड़ी जाति समूह के युवाओं ने शुक्रवार को फिर से इस मुद्दे को उठाया और दूसरे समूह के सदस्यों के साथ मारपीट की और उन्हें जातिगत शोषण का शिकार बनाया.
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अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों के साथ कथित तौर पर मारपीट और दुर्व्यवहार करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों की पहचान मूर्ति, सचिन, नवीन, महादेवस्वामी, चंदन और संतोष के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि जयापुर पुलिस स्टेशन में जातिगत अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था. मैसूर के एसपी आर. चेतन ने रविवार को गांव का दौरा किया. एसपी ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.