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चाईबासा मंडल कारा की पहल, अब ई-मुलाकात के जरिए होगी कैदियों से मुलाकात

चाईबासा मंडल कारा में बंद कैदियों से मुलाकात को आसान बनाने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जाएगा. इसके जरिए परिजन बिना कोई दूरी तय किए वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए मुलाकात कर पाएंगे.

चाईबासा मंडल कारा
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Published : Jul 8, 2019, 6:31 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 8:04 PM IST

चाईबासाः जिले के चाईबासा मंडल कारा के बंदियों के लिए जेल प्रशासन ने एक नई पहल की है. बंदियों से मिलने के लिए अब उनके परिजनों को न लंबा इंतजार करना होगा और न ही लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. जेल प्रशासन ने अगले 2 महीनों में ई-मुलाकात सेवा शुरू करने की तैयारी की है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि जेल प्रशासन की ई-मुलाकात सेवा के जरिए बंदियों के परिजन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित प्रज्ञा केंद्रों से ही वीडियो कॉन्फेंसिंग कर बात कर पाएंगे. जिसे मंडल कारा प्रबंधन ने ई-मुलाकात का नाम दिया है. गौरतलब है कि पश्चिम सिंहभूम राज्य का अत्यंत नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. चाईबासा मंडल कारा में वर्तमान समय में लगभग 930 बंदी हैं.
मंडल कारा में बंद बंदियों से जिले के सारंडा और पोड़ाहाट के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से परिजनों का जिला मुख्यालय पहुंच पाना काफी मुश्किल होता है. जिसके बाद भी अगर बंदी के परिजन कारा मंडल में आते हैं तो उन्हें काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है. जिसके बाद उनकी मुलाकात हो पाती है.

हार्डकोर नक्सलियों की पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए

चाईबासा कारा मंडल में हार्डकोर नक्सलियों ने तीन बार जेलब्रेक की घटना को अंजाम दिया है. चाईबासा कारा मंडल में बंद कुल 930 बंदियों में 103 हार्डकोर नक्सली शामिल है. इन हार्डकोर नक्सलियों की कोर्ट में पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. तारामंडल में 3 वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम इनस्टॉल किए गए हैं. जिसके जरिए चाईबासा व्यवहार न्यायालय में नक्सलियों की पेशी की जाएगी.

ये भी पढ़ें-चलती ट्रेन में आग लगने से मची अफरा-तफरी, बाल-बाल बची यात्रियों की जान

जेल प्रशासन के पास नहीं रहता मुलाकात करने वालों का कोई रिकॉर्ड

चाईबासा कारा मंडल के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार बताते हैं कि बंदियों से मुलाकात करने आने वाले लोगों के कई चीजों का रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास नहीं रह पाता है. जिस वजह से ई-मुलाकात की शुरुआत जेल में की जा रही है. इससे जेल प्रशासन के पास बंदी और मुलाकात करने आए परिजनों का रिकॉर्ड रहेगा. इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कारगर साबित होगा. ई-मुलाकात सेवा का ट्रायल हो चुका है. हजारीबाग के जेल में यह सेवा 6 महीने तक चलाई गई है. इस ई-मुलाकात की स्वीकृति के बाद कैदी के परिजन 15 से 20 मिनट तक इसका लाभ ले सकेंगे. जिसका शुल्क भी लगेगा. हालांकि अभी तक कमेटी की ओर से इसका शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है.

चाईबासाः जिले के चाईबासा मंडल कारा के बंदियों के लिए जेल प्रशासन ने एक नई पहल की है. बंदियों से मिलने के लिए अब उनके परिजनों को न लंबा इंतजार करना होगा और न ही लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. जेल प्रशासन ने अगले 2 महीनों में ई-मुलाकात सेवा शुरू करने की तैयारी की है.

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बता दें कि जेल प्रशासन की ई-मुलाकात सेवा के जरिए बंदियों के परिजन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित प्रज्ञा केंद्रों से ही वीडियो कॉन्फेंसिंग कर बात कर पाएंगे. जिसे मंडल कारा प्रबंधन ने ई-मुलाकात का नाम दिया है. गौरतलब है कि पश्चिम सिंहभूम राज्य का अत्यंत नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. चाईबासा मंडल कारा में वर्तमान समय में लगभग 930 बंदी हैं.
मंडल कारा में बंद बंदियों से जिले के सारंडा और पोड़ाहाट के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से परिजनों का जिला मुख्यालय पहुंच पाना काफी मुश्किल होता है. जिसके बाद भी अगर बंदी के परिजन कारा मंडल में आते हैं तो उन्हें काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है. जिसके बाद उनकी मुलाकात हो पाती है.

हार्डकोर नक्सलियों की पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए

चाईबासा कारा मंडल में हार्डकोर नक्सलियों ने तीन बार जेलब्रेक की घटना को अंजाम दिया है. चाईबासा कारा मंडल में बंद कुल 930 बंदियों में 103 हार्डकोर नक्सली शामिल है. इन हार्डकोर नक्सलियों की कोर्ट में पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. तारामंडल में 3 वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम इनस्टॉल किए गए हैं. जिसके जरिए चाईबासा व्यवहार न्यायालय में नक्सलियों की पेशी की जाएगी.

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जेल प्रशासन के पास नहीं रहता मुलाकात करने वालों का कोई रिकॉर्ड

चाईबासा कारा मंडल के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार बताते हैं कि बंदियों से मुलाकात करने आने वाले लोगों के कई चीजों का रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास नहीं रह पाता है. जिस वजह से ई-मुलाकात की शुरुआत जेल में की जा रही है. इससे जेल प्रशासन के पास बंदी और मुलाकात करने आए परिजनों का रिकॉर्ड रहेगा. इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कारगर साबित होगा. ई-मुलाकात सेवा का ट्रायल हो चुका है. हजारीबाग के जेल में यह सेवा 6 महीने तक चलाई गई है. इस ई-मुलाकात की स्वीकृति के बाद कैदी के परिजन 15 से 20 मिनट तक इसका लाभ ले सकेंगे. जिसका शुल्क भी लगेगा. हालांकि अभी तक कमेटी की ओर से इसका शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा मंडल कारा के बंदियों के दूर दराज से आने वाले परिजनों को लंबी दूरी तय कर और यंहा आकर मिलने के लिए नंबर लगा कर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जेल प्रशासन आगामी 2 महीना के अंदर ई- मुलाकात सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है। जेल प्रशासन की ई मुलाकात सेवा के माध्यम से जेल में बंद बंदियों के परिजन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित प्रज्ञा केंद्रों से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आमने सामने देख और बात कर सकेंगे। जिसे मंडल कारा प्रबंधन ने ई-मुलाकात का नाम दिया है।


Body:पश्चिम सिंहभूम जिला राज्य के अत्यंत नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है। चाईबासा मंडल कारा में वर्तमान समय में लगभग 930 बन्दी हैं। मंडल कारा में बंद बंदियों से पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा एवं पोड़ाहाट के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से परिजनों को जिला मुख्यालय पहुंच पाना काफी मुश्किल है उसके बाद भी अगर बंदी के परिजन कारा मंडल में आते हैं तो उन्हें काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। उसके बाद ही उनकी मुलाकात हो पाती है।

हार्डकोर नक्सलियों की कोर्ट में पेशी है अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए - चाईबासा कारा मंडल में हार्डकोर नक्सलियों द्वारा तीन बार जेलब्रेक की घटना को अंजाम दिया जा चुका है।
चाईबासा कारा मंडल में कुल 930 बंदी है जिनमें एक 103 हार्डकोर नक्सली शामिल है। इन हार्डकोर नक्सलियों की कोर्ट में पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। तारामंडल में तीन वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम इनस्टॉल किए गए हैं। जिसके माध्यम से चाईबासा व्यवहार न्यायालय में नक्सलियों की पेशी की जाएगी।

जेल प्रशासन के पास नहीं रहता मुलाकाती का कोई रिकॉर्ड-
चाईबासा कारा मंडल के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार बताते हैं कि जेल में बंद बंदियों से मुलाकात करने आने वाले परिजनों का मुलाकात के दौरान की कई चीजों का रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास नहीं रह पाता है। जिस कारण इसी ई-मुलाकात की शुरुआत जेल में की जा रही है। इसे जेल प्रशासन के पास बंदी एवं मुलाकात करने आए परिजनों की रिकॉर्ड रहेगी इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कारगर साबित होगा। ई-मुलाकात सेवा की ट्रायल हो चुकी है हजारीबाग के जेल में यह सेवा 6 महीने तक चलाई गई है। इस ई- मुलाकात की स्वीकृति के बाद कैदी से परिजन 15 से 20 मिनट तक कर सकेंगे। इसके लिए परिजनों को शुल्क भी लगेगा। परंतु अभी तक कमेटी की ओर से इसके शुल्क निर्धारित नहीं किए गए हैं।











Conclusion:
Last Updated : Jul 8, 2019, 8:04 PM IST
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