चाईबासाः जिले के चाईबासा मंडल कारा के बंदियों के लिए जेल प्रशासन ने एक नई पहल की है. बंदियों से मिलने के लिए अब उनके परिजनों को न लंबा इंतजार करना होगा और न ही लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. जेल प्रशासन ने अगले 2 महीनों में ई-मुलाकात सेवा शुरू करने की तैयारी की है.
बता दें कि जेल प्रशासन की ई-मुलाकात सेवा के जरिए बंदियों के परिजन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित प्रज्ञा केंद्रों से ही वीडियो कॉन्फेंसिंग कर बात कर पाएंगे. जिसे मंडल कारा प्रबंधन ने ई-मुलाकात का नाम दिया है. गौरतलब है कि पश्चिम सिंहभूम राज्य का अत्यंत नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है. चाईबासा मंडल कारा में वर्तमान समय में लगभग 930 बंदी हैं.
मंडल कारा में बंद बंदियों से जिले के सारंडा और पोड़ाहाट के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से परिजनों का जिला मुख्यालय पहुंच पाना काफी मुश्किल होता है. जिसके बाद भी अगर बंदी के परिजन कारा मंडल में आते हैं तो उन्हें काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है. जिसके बाद उनकी मुलाकात हो पाती है.
हार्डकोर नक्सलियों की पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए
चाईबासा कारा मंडल में हार्डकोर नक्सलियों ने तीन बार जेलब्रेक की घटना को अंजाम दिया है. चाईबासा कारा मंडल में बंद कुल 930 बंदियों में 103 हार्डकोर नक्सली शामिल है. इन हार्डकोर नक्सलियों की कोर्ट में पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. तारामंडल में 3 वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम इनस्टॉल किए गए हैं. जिसके जरिए चाईबासा व्यवहार न्यायालय में नक्सलियों की पेशी की जाएगी.
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जेल प्रशासन के पास नहीं रहता मुलाकात करने वालों का कोई रिकॉर्ड
चाईबासा कारा मंडल के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार बताते हैं कि बंदियों से मुलाकात करने आने वाले लोगों के कई चीजों का रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास नहीं रह पाता है. जिस वजह से ई-मुलाकात की शुरुआत जेल में की जा रही है. इससे जेल प्रशासन के पास बंदी और मुलाकात करने आए परिजनों का रिकॉर्ड रहेगा. इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कारगर साबित होगा. ई-मुलाकात सेवा का ट्रायल हो चुका है. हजारीबाग के जेल में यह सेवा 6 महीने तक चलाई गई है. इस ई-मुलाकात की स्वीकृति के बाद कैदी के परिजन 15 से 20 मिनट तक इसका लाभ ले सकेंगे. जिसका शुल्क भी लगेगा. हालांकि अभी तक कमेटी की ओर से इसका शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है.