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कोरोना का प्रकोप: औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन घटा, केवल 40% हो रहा उत्पादन

संक्रमण की दूसरे लहर में औद्योगिक नगरी सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. अप्रैल में जहां टाटा मोटर्स ने 8000 वाहन बनाए गए थे. वहीं मई महीने में केवल 3000 वाहन बनने का अनुमान है.

corona's side effect in the industrial sector in saraikela
औद्योगिक क्षेत्र पर कोरोना का दुष्प्रभाव
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Published : May 11, 2021, 3:39 PM IST

सरायकेला: आम जनजीवन के साथ-साथ अब औद्योगिक क्षेत्र में भी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. संक्रमण की दूसरी लहर में औद्योगिक नगरी सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कच्चे माल की कमी, लॉकडाउन से यातायात ठप होने और कोरोना के डर से मजदूरों के काम पर नहीं आने से उद्योगों में प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है.

देखें पूरी खबर
ये भी पढ़ें- तिरुपति : ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 11 कोरोना मरीजों की मौत

छोटे उद्योगों के लिए संकट का समय

सरायकेला का आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, जो ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ा है. ये पूरी तरह टाटा मोटर्स के उत्पादन पर निर्भर है. अप्रैल में जहां टाटा मोटर्स में 8000 वाहन बनाए गए थे. वहीं मई महीने में केवल 3000 वाहन बनने का अनुमान है. टाटा मोटर्स का उत्पादन प्रभावित होने से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर कंपनियों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है. नतीजतन हाल के दिनों में छोटी कंपनियों में 60% तक उत्पादन कम हौ गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय उद्योग कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहे हैं. सूक्ष्म और लघु उद्योगों में केवल 30 से 40% उत्पादन हो रहा है. यहां भी अधिकांश कर्मचारी और मजदूर संक्रमित हुए हैं. लिहाजा कोरोना से निपटने के बाद ही छोटे उद्योग पर छाए संकट के बादल छटने के आसार हैं.

कम हुई इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की आपूर्ति

औद्योगिक क्षेत्र स्थित तकरीबन सभी कंपनियां इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रही है. औद्योगिक क्षेत्र की अधिकांश कंपनियों में आयरन फेब्रिकेशन का काम होता है. जिसमें ऑक्सीजन की काफी अनिवार्यता होती है. लेकिन हाल के दिनों में मेडिकल ऑक्सीजन का अधिक उत्पादन होने के कारण इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उत्पादन रोक दिया गया है. जिसका असर भी औद्योगिक उत्पादन पर पड़ रहा है. लेकिन अधिकांश उद्योग मेडिकल ऑक्सीजन निर्माण को ही प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि इससे जीवन बचाया जा रहा है.

सरायकेला: आम जनजीवन के साथ-साथ अब औद्योगिक क्षेत्र में भी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. संक्रमण की दूसरी लहर में औद्योगिक नगरी सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कच्चे माल की कमी, लॉकडाउन से यातायात ठप होने और कोरोना के डर से मजदूरों के काम पर नहीं आने से उद्योगों में प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है.

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छोटे उद्योगों के लिए संकट का समय

सरायकेला का आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, जो ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ा है. ये पूरी तरह टाटा मोटर्स के उत्पादन पर निर्भर है. अप्रैल में जहां टाटा मोटर्स में 8000 वाहन बनाए गए थे. वहीं मई महीने में केवल 3000 वाहन बनने का अनुमान है. टाटा मोटर्स का उत्पादन प्रभावित होने से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर कंपनियों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है. नतीजतन हाल के दिनों में छोटी कंपनियों में 60% तक उत्पादन कम हौ गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय उद्योग कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहे हैं. सूक्ष्म और लघु उद्योगों में केवल 30 से 40% उत्पादन हो रहा है. यहां भी अधिकांश कर्मचारी और मजदूर संक्रमित हुए हैं. लिहाजा कोरोना से निपटने के बाद ही छोटे उद्योग पर छाए संकट के बादल छटने के आसार हैं.

कम हुई इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की आपूर्ति

औद्योगिक क्षेत्र स्थित तकरीबन सभी कंपनियां इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रही है. औद्योगिक क्षेत्र की अधिकांश कंपनियों में आयरन फेब्रिकेशन का काम होता है. जिसमें ऑक्सीजन की काफी अनिवार्यता होती है. लेकिन हाल के दिनों में मेडिकल ऑक्सीजन का अधिक उत्पादन होने के कारण इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उत्पादन रोक दिया गया है. जिसका असर भी औद्योगिक उत्पादन पर पड़ रहा है. लेकिन अधिकांश उद्योग मेडिकल ऑक्सीजन निर्माण को ही प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि इससे जीवन बचाया जा रहा है.

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