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सदन के अंदर मुख्यमंत्री के बयान से आहत आंदोलनकारी अभ्यर्थी, निकालेंगे जेपीएससी शव यात्रा - झारखंड खबर

जेपीएससी विवाद पर सदन में सीएम हेमंत सोरेन के बायन के बाद मामला और गर्म हो गया है. जेपीएससी के आंदोलनरत अभ्यर्थियों में इसे लेकर आक्रोश और बढ़ गया है. अभ्यर्थियों ने मंगलवार को जेपीएससी शव यात्रा निकालने का फैसला किया है.

JPSC controversy
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Published : Dec 20, 2021, 9:50 PM IST

रांची: राज्य में जेपीएससी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सदन में सीएम हेमंत सोरेन के बायन के बाद जेपीएससी अभ्यर्थियों में उबाल है. झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध राजभवन के समक्ष 50वें दिन भी आंदोलन जारी रहा. मौके पर जेएसएसयू के अध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने जेपीएससी को क्लीन करने के नाम पर सत्ता में बैठकर जेपीएससी को मरा दिया है. इसलिए मंगलवार को जेपीएससी के आत्मा की शांति को लेकर राजभवन से हरमू मुक्ति धाम तक जेपीएससी शव यात्रा निकालकर हरमू नदी में अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.

ये भी पढ़ें- VIDEO: जेपीएससी विवाद पर सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में बीजेपी को घेरा, देखिए क्या कहा

अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि सदन के अंदर जेपीएससी विवाद पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान बेहद ही आपत्तिजनक रहा. उन्होंने कहा कि जेपीएससी आंदोलन को भाजपा प्रायोजित, बाहरी, भाड़े वाले, कभी बेगुनाह छात्रों पर लाठीचार्ज करके, तो कभी झूठा मुकदमा करके आन्दोलन को कमजोर करके जेपीएससी की सभी सीटों को बेचना चाहती है. ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. जेपीएससी में भारी भ्रष्टाचार किया गया है, करोड़ों रुपए में सीट बेची जा रही है. जब आंदोलन का दबाव पड़ा तो ओएमआर गुम होने का बहाना बना रही है. संवैधानिक संस्था की ओर से ओएमआर गुम होना बहुत बड़ा क्राइम है. फिर भी सरकार द्वारा कर्रवाई करने के बजाय आंदोलनकारियों पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. ये राज्य के लिए शर्मनाक बात है, जेपीएससी पीटी परीक्षा रद्द होने तक संघर्ष जारी रहेगा.

आंदोलन को तोड़ने का कोशिश किया जा रहा है

साथ ही देवेंद्र नाथ महतो ने यह भी कहा कि अगर जेपीएससी सही है तो परीक्षाफल के 50 दिन बीतने के बावजूद पब्लिक डोमेन में ओएमआर अपलोड क्यों नहीं किया जा रहा है. अगर सरकार सही है तो फिर जेपीएससी पर जांच कराकर कर्रवाई क्यों नहीं कर रही है. सरकार जेपीएससी पर कार्रवाई करने के बजाय जाति, धर्म, बाहरी, भीतरी का कार्ड खेल रही है. दो वर्षो तक एक स्थानीय नीति नहीं बना सकी और बाहरी, भीतरी, जाति, धर्म का कार्ड खेल रही है. आज जेपीएससी आंदोलनकारी झारखंड की पहचान अपना खतियान दिखा रहे रहे हैं. सरकार अपने अधिकारी कर्मचारी से जांच कराए और ये भी जांच कराकर बताया जाय कि वर्तमान सरकार में बनाया गया कि जेपीएससी के अध्यक्ष, सचिव और सदस्य कहां के रहने वाले हैं? सभी का झारखंडी का पहचान खतियान भी सार्वजनिक किया जाय.

रांची: राज्य में जेपीएससी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सदन में सीएम हेमंत सोरेन के बायन के बाद जेपीएससी अभ्यर्थियों में उबाल है. झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध राजभवन के समक्ष 50वें दिन भी आंदोलन जारी रहा. मौके पर जेएसएसयू के अध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने जेपीएससी को क्लीन करने के नाम पर सत्ता में बैठकर जेपीएससी को मरा दिया है. इसलिए मंगलवार को जेपीएससी के आत्मा की शांति को लेकर राजभवन से हरमू मुक्ति धाम तक जेपीएससी शव यात्रा निकालकर हरमू नदी में अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.

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अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि सदन के अंदर जेपीएससी विवाद पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान बेहद ही आपत्तिजनक रहा. उन्होंने कहा कि जेपीएससी आंदोलन को भाजपा प्रायोजित, बाहरी, भाड़े वाले, कभी बेगुनाह छात्रों पर लाठीचार्ज करके, तो कभी झूठा मुकदमा करके आन्दोलन को कमजोर करके जेपीएससी की सभी सीटों को बेचना चाहती है. ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. जेपीएससी में भारी भ्रष्टाचार किया गया है, करोड़ों रुपए में सीट बेची जा रही है. जब आंदोलन का दबाव पड़ा तो ओएमआर गुम होने का बहाना बना रही है. संवैधानिक संस्था की ओर से ओएमआर गुम होना बहुत बड़ा क्राइम है. फिर भी सरकार द्वारा कर्रवाई करने के बजाय आंदोलनकारियों पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. ये राज्य के लिए शर्मनाक बात है, जेपीएससी पीटी परीक्षा रद्द होने तक संघर्ष जारी रहेगा.

आंदोलन को तोड़ने का कोशिश किया जा रहा है

साथ ही देवेंद्र नाथ महतो ने यह भी कहा कि अगर जेपीएससी सही है तो परीक्षाफल के 50 दिन बीतने के बावजूद पब्लिक डोमेन में ओएमआर अपलोड क्यों नहीं किया जा रहा है. अगर सरकार सही है तो फिर जेपीएससी पर जांच कराकर कर्रवाई क्यों नहीं कर रही है. सरकार जेपीएससी पर कार्रवाई करने के बजाय जाति, धर्म, बाहरी, भीतरी का कार्ड खेल रही है. दो वर्षो तक एक स्थानीय नीति नहीं बना सकी और बाहरी, भीतरी, जाति, धर्म का कार्ड खेल रही है. आज जेपीएससी आंदोलनकारी झारखंड की पहचान अपना खतियान दिखा रहे रहे हैं. सरकार अपने अधिकारी कर्मचारी से जांच कराए और ये भी जांच कराकर बताया जाय कि वर्तमान सरकार में बनाया गया कि जेपीएससी के अध्यक्ष, सचिव और सदस्य कहां के रहने वाले हैं? सभी का झारखंडी का पहचान खतियान भी सार्वजनिक किया जाय.

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