रांची: प्रकृति ने झारखंड की खूबसूरती में चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जंगल और पर्वतों की श्रृंखला के बीच यहां कई जलप्रपात (Jharkhand Waterfalls) हैं जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. लेकिन दुर्भाग्यवश इन्हीं जलप्रपातों में थोड़ी सी लापरवाही के कारण सैलानियों की जान जाती रहती है. इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड के पर्यटन विभाग ने सभी जलप्रपातों की गहराई अधिकतम 5 फीट करने की तैयारी कर ली है.
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विभागीय मंत्री हफीजुल हसन ने इस बाबत सदन में जानकारी दी है. उन्होंने सदन में बताया कि वह पिछले दिनों तोपचांची झील देखने गए थे. उसी समय यह फैसला लिया गया था कि हर जलप्रपात की गहराई 5 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इससे पर्यटकों के डूबने का खतरा कम रहेगा. साथ ही जलप्रपात वाले जगह पर लोहे की बैरिकेडिंग होगी. छोटे होटल की भी व्यवस्था होगी.
दरअसल, सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने हुंडरू फॉल, जोन्हा फॉल और तीरु फॉल का हवाला देते हुए रांची के अनगड़ा इलाके में मौजूद पैना पहाड़ को पर्यटकस्थल के रूप में विकसित करने की मांग की थी. इसपर विभागीय मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि जिला पर्यटन संवर्धन समिति की अनुशंसा के आलोक में पर्यटन, कला, संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग किसी भी स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में अधिसूचित करता है. उन्होंने कहा कि 11 मार्च 2022 को पैना पहाड़ को पर्यटक स्थल के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव जिला पर्यटन संवर्धन समिति के समक्ष रखने के लिए उपायुक्त को निर्देशित किया गया है.