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NIA ने मोस्ट वांटेड माओवादी सिंघराय को दबोचा, 50 हजार का था इनाम - माओवादी सिंघराय गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मोस्ट वांटेड भाकपा माओवादी सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया है. सिंघराय को गिरिडीह के अकबकीटांड में पकड़ा गया. सिंघराय के खिलाफ एनआईए ने वारंट जारी करते हुए 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था.

nia arrested maoist singhray in ranchi
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भाकपा माओवादी सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया
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Published : Apr 26, 2021, 6:58 AM IST

रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मोस्ट वांटेड भाकपा माओवादी सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया है. सिंघराय की गिरफ्तारी गिरिडीह के अकबकीटांड में हथियार और कारतूस की बरामदगी के मामले में की गई है. गिरफ्तारी के बाद उसकी रांची में एनआईए की विशेष अदालत में पेशी हुई जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. एनआईए ने 31 अगस्त 2018 को सिंघराय को फरार दिखाते हुए चार्जशीट दायर की थी.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड चमोली हादसे में झारखंड के 11 मजदूरों की मौत, सीएम ने जताया शोक

भाकपा माओवादियों के लिए करता था आर्म्स का जुगाड़

एनआईए ने जांच में पाया है कि सिंघराय सोरेन भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा रहा है. संगठन में रहने के दौरान वो कई उग्रवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. गिरिडीह में कई लोगों को भाकपा माओवादी संगठन से जोड़ने और कैडरों के विस्तार में भी सिंघराय सोरेन की भूमिका एनआईए ने पाई है. उग्रवादी संगठन के लिए हथियार, कारतूस और विस्फोटकों की जुगाड़ में भी सिंघराय अहम कड़ी था.

क्या है मामला

गिरिडीह पुलिस ने 6 मार्च 2018 को अभियान चलाकर डुमरी थाना क्षेत्र के अकबकीटांड से 15 भाकपा माओवादियों को गिरफ्तार किया था. अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर हथियार, कारतूस, आधारकार्ड समेत कई नक्सली दस्तावेज की बरामदगी पुलिस ने की थी. एनआईए ने पूरे केस को 9 मई 2018 को टेकओवर कर नए सिरे से जांच शुरू की थी.

जांच शुरू किए जाने के बाद एनआईए ने 31 अगस्त 2018 को सिंघराय समेत 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इसके बाद 8 जनवरी 2019 को दूसरी चार्जशीट दायर की गई थी. सिंघराय के खिलाफ एनआईए ने वारंट जारी करते हुए 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था.

रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मोस्ट वांटेड भाकपा माओवादी सिंघराय सोरेन को गिरफ्तार किया है. सिंघराय की गिरफ्तारी गिरिडीह के अकबकीटांड में हथियार और कारतूस की बरामदगी के मामले में की गई है. गिरफ्तारी के बाद उसकी रांची में एनआईए की विशेष अदालत में पेशी हुई जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. एनआईए ने 31 अगस्त 2018 को सिंघराय को फरार दिखाते हुए चार्जशीट दायर की थी.

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भाकपा माओवादियों के लिए करता था आर्म्स का जुगाड़

एनआईए ने जांच में पाया है कि सिंघराय सोरेन भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा रहा है. संगठन में रहने के दौरान वो कई उग्रवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. गिरिडीह में कई लोगों को भाकपा माओवादी संगठन से जोड़ने और कैडरों के विस्तार में भी सिंघराय सोरेन की भूमिका एनआईए ने पाई है. उग्रवादी संगठन के लिए हथियार, कारतूस और विस्फोटकों की जुगाड़ में भी सिंघराय अहम कड़ी था.

क्या है मामला

गिरिडीह पुलिस ने 6 मार्च 2018 को अभियान चलाकर डुमरी थाना क्षेत्र के अकबकीटांड से 15 भाकपा माओवादियों को गिरफ्तार किया था. अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर हथियार, कारतूस, आधारकार्ड समेत कई नक्सली दस्तावेज की बरामदगी पुलिस ने की थी. एनआईए ने पूरे केस को 9 मई 2018 को टेकओवर कर नए सिरे से जांच शुरू की थी.

जांच शुरू किए जाने के बाद एनआईए ने 31 अगस्त 2018 को सिंघराय समेत 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इसके बाद 8 जनवरी 2019 को दूसरी चार्जशीट दायर की गई थी. सिंघराय के खिलाफ एनआईए ने वारंट जारी करते हुए 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था.

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